विदिशा। माननीय न्यायालय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विदिशा द्वारा आरोपी संतोष नामदेव उर्फ देवा पुत्र मुन्नालाल नामदेव को भादवि की धारा 376(2)(एन) में 10 वर्ष का सश्रम कारावास, 5000/-रूपये का अर्थदंड एवं 366 में 07 वर्ष का सश्रम कारावास, 2000/-रूपये का अर्थदंड, 3(2)(व्ही-ए) एस.सी/एस.टी एक्ट में 7 वर्ष व 3(2)(5) एस.सी/एस.सी एक्ट में आजीवन कारावास व 5000/-रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा शासन की ओर से पैरवी की गई।घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 12.03.2016 को सुबह करीब 6 बजे जब फरियादी सोकर जागी तो उसने देखा कि उसकी लडकी (पीडिता) घर पर नहीं थी। उसने आस पडोस में पता किया लेकिन पीडिता का कोई पता नही ंचला। आरेापी संतोष नामदेव का फरियादिया के घर पूर्व से आना-जाना था। फरियादिया ने आरोपी के बारे में भी पता किया वह भी घर पर नहीं था। फरियादी को यह यह विष्वास था कि पीड़िता को आरोपी संतोष नामदेव बहला फुसलाकर भगा कर ले गया है। फरियादिया की मां ने घटना की रिपोर्ट थाने कोतवाली में की थी। रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण विवेचना में लिया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण में आरोपी संतोष नामदेव उर्फ देवा पुत्र मुन्नालाल नामदेव को दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास का कठोर कारावास से दण्डित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी/विषेष लेाक अभियेाजक श्रीमती प्रतिभा गौतम द्वारा की गई। मीडिया सेल प्रभारी
जिला विदिषा म0प्र0