विदिशा। माननीय न्यायालय सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो विदिशा द्वारा आरोपी सचिन यादव को भादवि की धारा 341, 354, 354डी, 323, 506 भादवि एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 7/8, 11/12 एवं एस.सी/एस.टी अधिनियम की धारा 3(1)(डब्ल्यू)(1), धारा 3(2)(व्हीए) के आरोप मेें जमानत निरस्त की गई। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक श्रीमति प्रतिभा गौतम द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर कड़ा विरोध किया गया।घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि दिनांक 04.01.2019 को अभियोक्त्री अपनी सहेली के साथ स्कूल से घर वापिस जा रही थी तो स्कूल के पास आरोपी ने स्कूटी उसके सामने खड़ी कर उनका रास्ता रोक लिया था और अभियोक्त्री के साथ अश्लील हरकत की उसे गाड़ी पर बैठने के लिए कहा था। अभियोक्त्री की सहेली ने आरोपी को रोका था तो आरोपी ने अभियोक्त्री की सहेली के साथ भी छेड़छाड़ की और दोनों का हाथ पकड़कर जबरदस्ती स्कूटी पर बिठाने लगा था। उनके चिल्लाने पर पर जब 2 लोग बचाने आये तो आरेापी ने उनका भी गला पकड़ लिया था। उक्त घटना की रिपोर्ट थाना सिविल लाईन में लेखबद्ध कराई गई थी। रिपोेर्ट के आधार पर आरोपी के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा आरोपी सचिन यादव की ओर से जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे माननीय न्यायालय के द्वारा निरस्त कर दिया गया।
(सुश्री गार्गी झॉ)
मीडिया सेल प्रभारी
जिला विदिषा म0प्र0