भोपालः अगर मन में ठान लिया जाए तो सब कुछ आसान है और प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। यह साबित करने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले से कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव जो मध्य प्रदेश की पर्वतारोही भावना डेहरिया के साहस और उनके माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के दृढ़ संकल्प से प्रेरित होकर व मार्गदर्शन से दुनिया की सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी माउंट एवरेस्ट को 30 मार्च 2021 को फतह करने रवाना होंगे।कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव, जो की पूर्व पायलेट रह चुके हैं, 30 मार्च, 2021 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष उपस्थिति में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए अपने सपनों की मंजिल की ओर बढ़ेंगे, जबकि सैनिक स्कूल लखनऊ के पूर्व छात्र भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए वहां मौजूद रहेंगे।कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव ने पर्वतारोही भावना डेहरिया से मिलने और उनके अभियान पर जाने से पहले उनकी शुभकामनाएं लेने के लिए शुक्रवार को राज्य की राजधानी भोपाल का दौरा किया।इस अवसर पर कैप्टन सुरेंद्र ने कहा कि ष्मैं 30 मार्च, 2021 को अभियान के लिए रवाना होऊंगा। मैं अपनी प्रेरणा पर्वतारोही भावना डेहरिया से मिलने भोपाल आया हूं, जिन्होंने मुझमें जोश जगाया कि उम्र आपके सपनों को सच करने में कोई बाधा नहीं है। मैं एक कार्यक्रम के दौरान भावना जी से मिला था, जहाँ उनके द्वारा उनकी जीवन की संघर्ष पूर्ण कहानी और अपने बचपन के सपने को पूरा करने का दृढ़ संकल्प कि कैसे उन्होंने बचपन में सबसे ऊँची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट को स्केल करने का सपना देखा था और कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद उसे सफलतापूर्वक पूर्ण किया। मुझे भी बचपन से ही पहाड़ों से बहुत प्रेम रहा और सिविल एविएशन में प्रवेश करने से पहले मैंने पहाड़ पर चढ़ने के बारे में भी सोचा लेकिन तब इतना साहस नहीं जुटा पाया की इस सपने को पूरा कर सकूं। लेकिन भावना जी ने जब मुझे मोटिवेट किया और गाइड किया तो आज मैं इस तरह अपने सपने को पूरा करने जा रहा हूं। ”सुरेंद्र कहते हैं भावना ने मुझ में एक पर्वतारोही को देखा और इसके लिए उन्होंने अपना मार्गदर्शन और इस एक्सपीडिशन के लिए आवश्यक अन्य सहायता के साथ मेरी मदद की। जिस दिन मैं अभियान के लिए जा रहा हूं वह मेरे लिए बहुत खास है क्योंकि उसी दिन मेरे विद्यालय जिसमें मैं पढ़ा हूं उसका हीरक जयंती समारोह है।इस हीरक जयंती वर्ष के अवसर पर पूर्व छात्र कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव माउंट एवरेस्ट पर चढ़ेंगे। कैप्टन सुरेंद्र 1980 से 1986 तक सैनिक स्कूल के बैच के विद्यार्थी रहे हैं, जबकि 1990 में वह नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लाइसेंस लेकर कमर्शियल पायलट बने थे।कैप्टन सुरेंद्र कहते हैं, जब वह स्कूल में थे, तब स्कूल प्रबंधन ने 1970 में स्कूल में संग्रहालय में पर्वतारोहण करने वाले छात्र कैडेट्स के दस्ताने और अन्य सामान सहज कर रखे थे। अब स्कूल की स्थापना के हीरक जयंती वर्ष में, मैं उस सपने को पूरा करने के लिए माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर अपने विद्यालय का गर्व बनूंगा।वीशेष रूप से, कैप्टन सुरेंद्र ने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (छप्ड), उत्तरकाशी, उत्तराखंड से अपना मूल पर्वतारोहण पाठ्यक्रम पूरा किया है। अब वह 30 मार्च को लखनऊ में अपने स्कूल जाएंगे और 31 मार्च को नई दिल्ली से काठमांडू पहुंच माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की दो महीने की तैयारी शुरू करेंगे। कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव 3 जून को अभियान पूरा करने के बाद स्वदेश लौट आएंगे।भावना डेहरिया ने कैप्टन सुरेंद्र सिंह यादव को अपना एवेरेस्ट समिट का स्मृति चिन्ह भेट किया और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए बहुत शुभकामनाएं दीं।