विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए आउटरीच गतिविधियों का शुभारंभ स्कूली बच्चों के बीच हुआ विज्ञान और वैज्ञानिकों पर विमर्शरोचक अंदाज में समझीं वैज्ञानिकों की उपलब्धियां - Mann Samachar - Latest News, breaking news and updates from all over India and world
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Sunday, February 14, 2021

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विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए आउटरीच गतिविधियों का शुभारंभ स्कूली बच्चों के बीच हुआ विज्ञान और वैज्ञानिकों पर विमर्शरोचक अंदाज में समझीं वैज्ञानिकों की उपलब्धियां






बैतूल। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एससी-एसटी विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए आउटरीच गतिविधियों का आज से बैतूल में शुभारंभ हुआ। स्थानीय माइंड्स आई इंटरनेशनल स्कूल, श्री अग्रसेन महाराज विद्यालय, ज्ञानकृति स्कूल तथा श्री अग्रसेन स्कूल में आउटरीच गतिविधियां आयोजित की गईं। विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक जागरूकता के लिए रैली निकाली और पौधरोपण किया। विद्यार्थियों के लिए यहां विज्ञान की जानकारियों पर आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा विज्ञान एवं तकनीक आधारित विभिन्न खेलों का आयोजन हुआ। देश और दुनिया के महान वैज्ञानिकों और उनकी अमूल्य खोजों पर बेहद रोचक प्रदर्शनी भी यहां लगाई गई। इन गतिविधियों का आयोजन सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी द्वारा किया जा रहा है। माइंड्स आई इंटरनेशनल के कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में एसडीएम श्रीमती निशा बांगरे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। उन्होंने यहां विज्ञान प्रदर्षनी का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर राठौर समाज के अध्यक्ष अनिल राठौर, अग्रसेन ग्रुप के संचालक रिशांक राठौर, अग्रसेन महाराज विद्यालय के प्राचार्य सुरेष चढ़ोकार, कार्यक्रम की समन्वय रेनू जैन, श्री ज्ञानकृति स्कूल के प्राचार्य प्रदीप राठौर, सर्च एंड रिसर्च डवलपमंेट सोसायटी की अध्यक्ष डाॅ. मोनिका जैन, डाॅ. अनिल सिरवैयां एवं डाॅ. राजीव जैन सहित षिक्षक एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे। इस अवसर पर एसडीएम श्रीमती निशा बांगरे ने कहा



 कि विज्ञान के बिना किसी भी तरह के बदलाव की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में अनुच्छेद 51-ए (एच) में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मौलिक कत्र्तव्य के रूप शामिल किया गया है। भारत का संविधान लोगों से अपेक्षा करता है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं। उन्होंने कहा कि इसके बिना हम न तो भारतीय समाज की रूढ़िवादी परपंराओं से मुक्त हो सकते हैं और न ही आधुनिक समस्याओं को विज्ञान के बिना हल किया जा सकता है, इसलिए विज्ञान प्रसार की हरेक गतिविधि महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बैतूल जैसे जनजाति बाहुल्य जिले में ऐसे आयोजन ज्यादा महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं। कार्यक्रम की समन्वयक रेणू जैन ने बताया कि सर्च एंड रिसर्च डवलपमेंट सोसायटी विगत 11 वर्षों से विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत है। भारत सरकार के सहयोग से बैतूल के अलावा शाहपुर और घोड़ाडोंगरी के 25 स्कूलों में इन साइंस आउटरीच गतिविधयों का आयोजन किया जाना है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य एससी-एसटी के विद्यार्थियों की विज्ञान में दिलचस्पी बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें भारत की महान वैज्ञानिक परंपरा से जोड़ना है। कार्यक्रम के दौरान की जाने वाली गतिविधियों को इस तरह से तैयार किया गया है कि विद्यार्थी न केवल देश और दुनिया के वैज्ञानिक तथा उनकी अविष्कारों के बारे में  जाने बल्कि उनसे प्रेरित भी हों। बच्चों ने निकाली विज्ञान रैली, पौधरोपण किया*कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले स्कूल के बच्चों ने विज्ञान रैली निकाली। यह रैली बिनोवा नगर, टेलीफोन काॅलोनी, ग्रीन सिटी से गुजरी। रैली के दौरान बच्चों ने जन सामान्य को विज्ञान जागरूकता के साथ-साथ कोरोना महामारी से बचाव और उससे संबंधित विज्ञान-अनुसंधान के संबंध में जानकारी दी। साथ ही जल एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इसके साथ ही बच्चों ने खुले मैदान में पौधारोपण भी किया। प्रदर्शनी में देखी वैज्ञानिकों की जीवनी और उनके काम*स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए साइंस एक्जिबिशन लगाई गई। इस एक्जिबिशन में भारत की महान वैज्ञानिक परंपरा और उससे समृद्ध करने वाले भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन वृत्त को बेहद आकर्षक और रोचक अंदाज में  प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा न्यूटन, लुईस पाश्चर और अल्बर्ट आइंसटीन जैसे विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिकों का जीवनवृत्त भी प्रस्तुत किया गया। प्रदर्षनी में भारतीय वैज्ञानिक एम. विष्वैष्वरैया, सत्येन्द्र नाथ बोस, श्रीनिवास रामानुजम, जगदीश  चंद्र बोस, होमी जहांगीर भाभा, सीवी रमन, एस. चंद्रषेखर, डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, राकेश शर्मा, गणितज्ञ शकुंतला देवी तथा पीसी महालनोबिस, आर्यभट्ट का प्रक्षेपण, भोपाल गैस त्रासदी, आदि पर केंद्रित चित्र और जानकारियों को प्रदर्शित किया गया। नाॅलेज कंैलेंडर पाकर खिले बच्चांे चेहरेकार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागी बच्चों को एक किट प्रदान की गई। इस किट में ज्ञान-विज्ञान की जानकारियों पर केंद्रित नाॅलेज कैलेंडर बच्चों को दिया गया। कैलेंडर में  उपयोगी जानकारी देखकर बच्चों के चेहरे खिल गए। प-सीढ़ी के खेल से जाना विज्ञान र्यक्रम के दौरान को बच्चों विज्ञान से जुड़ी जानकारियों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले व्यवहार पर आधारित सांप-सीढ़ी का खेल खिलाया गया। इस खेल में बच्चों  ने उत्साह से भाग लिया और पर्यावरण को हानि पहुंचाने वाली प्रवृत्ति और आदतों को त्यागने का संकल्प लिया।दूसरे दिन शनिवार को माइंड्स आई स्कूल में स्कूली बच्चों  को हैंड्सऑन  एक्टिविटी के जरिए विज्ञान की बारीकियां समझाईं गई। प्रदेश की प्रसिद्ध विज्ञान संचारक मेधा वाजपेयी के मार्गदर्शन में यह गतिविधियां हुईवैज्ञानिक डाॅ. पी.के. पुरोहित बच्चों को साउथपोल और अंटार्कटिका पर हो रहे शोध कार्यों की जानकारी दी। शनिवार को आउटरीच गतिविधियां गउठाना स्थित विधात्री स्कूल में भी हुई।पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन डा. राजीव जैन द्वारा किया गया।

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