चीन से तिब्बत की आज़ादी और विश्व शांति के लिए पिछले 1994 से अपने खून से पत्र लिखकर और शहीदों क्रांतिकारियों व विभिन्न देशो के नेताओं के चित्र अपने खून से बनाकर आन्दोलन चलाने वाले सोशल एक्टिविस्ट डॉ. महेश यादव ( अमन गाँधी ) ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप से अपील की है अब समय आ गया है चीन की गुलामी में जकड़े तिब्बत को अलग देश के रूप में मान्यता दे और अहिंसा वादी शांतिदूत परम पावन दलाई लामा जी के अहिंसक संघर्ष को सम्मान देकर तिब्बतियों को उनके जीने व स्वतंत्र रहने के मौलिक अधिकारों की रक्षा कर से तिब्बत को स्वाधीन कराए ।
सोशल एक्टिविस्ट डॉ. महेश यादव ने कहा है कि चीन आज भारत के लिए ही अपितु सम्पूर्ण विश्व के लिए खतरा बन चुका है वर्तमान में विश्व मे कोरोना विस्फ़ोट के अलावा भी पिछले 50 वर्षों के कुकृत्यों पर नज़र डालें तो चीन ने तो उसने तिब्बत पर दमन कर 10 लाख से ज्यादा शान्ति के अनुयायियों की निर्मम नरसंघार किया है इसलिए अन्य चीन में ही रहे अन्य धर्मो के लोगों पर भी अत्याचार कर रहा है पाकिस्तान ,उत्तर कोरिया और अन्य देशों को परमाणु हथियार और तकनीक देकर ग़ैरजिमेदार हाथों में मौत का सामान दिया है और आतंकवादियों आर्थिक मदद और हथियार देकर विश्व आतंकवाद को भी बढ़ाबा दिया है
डॉ महेश ने कहा है कि चीन की दादागिरी और दुःसाहस इसलिए बढ़ गया कि विश्व के बडे देशों ने चीन से व्यपार से होने वाले आर्थिक और किसी भय के कारण चीन की गलत और अक्रमकारी नीतियों का विरोध नही किया जिसका यह नतीजा है कि चीन की वजह से सारी दुनिया 3 विश्व योद्ध की कगार पर आ गई हैं जो अत्यंत चिन्ता जनक हैं , डॉ महेश ने कहा है कि अब भी समय है दुनिया के विश्व युद्ध से वचाने का और इसलिए सर्वप्रथम भारत, अमेरिका, रूस,ब्रिटेन ,फ्रांस, जर्मनी, जापान ,ऑस्ट्रेलिया, सहित यूरोपीय और एशियाई देश मिलकर संयुक्त राष्ट्र में चीन के विरुद्ध एक जुट होकर उसे सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता से हटाकर उसे एक आतंकवादी देश घोषित कराये और चीन में सामूहिक रूप से सैन्य कार्यवाही कर तिब्बत आज़ाद कराये व चीन को तानाशाह देश के स्थान पर लोकतान्त्रिक देश के रुप मे स्थापित करे तब ही हम इस प्रथ्वी को खत्म होने से बचा सकते हैं