*रोहित नगर (भोपाल):* प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बावड़ियां कला स्थित रोहित नगर सेवा में 13 सितम्बर को पित्र पक्ष में पितृों हेतु उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई एवं भोग लगाया गया।
*सेवा केंद्र प्रभारी बीके डॉक्टर रीना दीदी* ने श्राद्ध के विषय में खास बताया कि विश्व कल्याणकारी परमपिता परमात्मा शिव भगवान की जन्मभूमि भारत भूमि है और हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने भी इस भारत भूमि में जन्म लिया। भारत में विशेष ऋषि-मुनियों के द्वारा हमें अपने पितरों को याद करने का और उनके दिए हुए संस्कारों और शिक्षाओं को अनुसरण करने के लिए पितृपक्ष का विशेष महत्व बताया गया है । जो श्रद्धा से किया जाता है उसे श्राद्ध कहते हैं। जिन्होंने भौतिक देह का त्याग किया ओर जो देह त्याग कर चले गए, वो पित्र देव समान होते हैं। हमारे पित्र पूज्यनीय ओर वन्दनीय है। इस अवसर पर दीदी ने सभी को बताया कि भगवान को भोग स्वीकार करा कर एवं पवित्र ब्राह्मणों को भोजन करा कर हमें बड़े ही श्रद्धा भाव से अपने पितरों को उनके दिव्य संस्कारों और गुणों को याद करते हुए अपने जीवन में अमल में लाने का संकल्प करना चाहिए। दीदी ने बताया कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए हम सबको कम से कम उनकी स्मृति में एक एक वृक्ष लगाना चाहिए और उनकी पालना भी करनी चाहिए। प्रकृति को सुख देकर प्रकृति को हरा भरा एवं स्वच्छ रख कर हम अपने पितरों को शांति और सुख प्रदान कर सकते हैं। इस अवसर पर ऐसी हर एक आत्मा के तृप्ति लिए शांति प्रार्थना की गई एवं भोग लगाया गया। इसके साथ साथ सभी भाई बहनों ने मिलकर के प्रकृति को सुंदर बनाने के लिए वृक्षारोपण भी किया। इस अवसर पर सभी को तुलसी एवं गिलोय के पौधे वितरित किए गए।
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