भोपाल की समरीन नकवी कवयित्री के छेत्र में कर रही है देश का नाम रोशन - Mann Samachar - Latest News, breaking news and updates from all over India and world
Breaking News

Tuesday, September 1, 2020

Mann Samachar

भोपाल की समरीन नकवी कवयित्री के छेत्र में कर रही है देश का नाम रोशन



 समरीन नकवी ने झीलों की नहरी कहा जाने वाला शहर भोपाल से तीन साल पहले कविताएं लिखने के शौकीन ने आज एक बड़ी कवयित्री का नाम दे दिया समरीन की शुरूआत  कविताए लिखने से हुई  पहली कविता बेटी पर लिखी जिसका शीषक है
बेटी बाप का अभिमान हाेती है
बेटी बाप की शान हाेती है 
बेटी बाप के दिल के बहुत करीब हाेती है 
बेटे बाप की ज़मीन बॉटते है ताे बेटियों बाप का दुख बॉटती है.  

इस कविता से समरीन को एक एक नया नाम मिला ओर इस कविता से  समरीन की बहुत तारीफे हुई जिसमें कई जगह समरीन का सम्मान भी हुआ
 इसके बाद  मासिक गोष्ठी का लिखने का काम  मिला इसके बाद हर विधा पर कविता लिखती हूँ आैर पढ़ती हूँ यह ताे मुझे विरासत मे मिली है  मेरे पापा भी लिखते थे मैने भी साेचा आैर लिखने लगी आैर अब हर एक विधा पर लिखती हूँ मेरी रचना 2019 मे सत्य की मशाल अल्लाहदीन के चिराग मे छपी थी जिसका शीर्षक सर सर सर सर सर्दी आई 
गर्म काेट आैर स्वेटर लाई 
पर गरीब पर आफत आई 
गद्दा तकिया है रज़ाई छोटा स्वेटर लम्बा चेस्टर पहन रहे हैं चीफ मिनिस्टर दुबले पतले आधे नग्गे कॉप रहे है भिकमंग्गे आग जला कर कुछ राहत पा ली जैसे तैसे रात निकाली सुबह हुई आवाज़ ये आई हम मे से एक बूढ़ी ताई सब कुछ छाेड़ा काम दुहाई मरने पर भी चैन न पाया सर्दी मे उसके नहलाया अनजाने मे मात न आई सर्दी ने यह आफ़त ढाई 
  कवयित्री: समरीन नक़वी

Subscribe to this Website via Email :
Previous
Next Post »