नयी शिक्षा नीति हमारे द्वारा वर्तमान और नई शिक्षा नीति की तुलना करना बेमानी होगा।
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के द्वारा की गई चर्चा और उनके द्वारा बताए गए मूल्यवान सुझाव को शामिल किया गया ये अच्छी बात है उनके सुझाव में शिक्षा में मातृभाषा का उपयोग होना चाहिए जिसे नई शिक्षा नीति में शामिल किया गया है,यह स्वागत योग्य है।
और इसे स्थाई रूप में निर्धारित रहना चाहिए ना की सरकार बदलने पर फिर नीति बदल जाए।
वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से व्यवहारिक एवं व्यवसायिक शिक्षा नीति का उपयोग युवा जन के लिए लाभदायक रहेगा अब वह अपने रोजगार के लिए पहले से सोच पाएगे और उस दिशा में जा पाएंगे।
*डॉ.राजीव जैन भोपाल*
*"शिक्षाविद्