भोपाल वन विभाग वन्य प्राणी के अवैध शिकार के प्रकरणों की लगातार समीक्षा की जारही है पुरषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन मप्र
आश्विन शर्मा के मामले में श्रीमती भदौरिया के उत्कृष्ट अभियोजन संचालन से अग्रिम जमानत आवेदन आज निरस्त हुई मेरे द्वारा उन्हें बधाई के साथ साथ उत्कृष्ठ अभियोजन संचालन हेतु पृथक से प्रशिस्त पत्र भी प्रदान किया जावेगा श्रीमती सुधाविजयसिंह भदौरिया पूर्व कई वर्षों से वन विभाग के प्रकरणों में न्यायालय में सफल अभियोजन संचालित कर रही है| उनकी मेहनत , लगन और कार्य दक्षता को देखते हुए मैंने उन्हें राज्य समन्वयक(वन/वन्यप्राणी) लोक अभियोजन म प्र नियुक्त किया है |पुरषोत्तम शर्मा, महानिदेशक/संचालक लोक अभियोजन मप्र
``` भोपाल पलेटिम प्लाजा निवासी अश्विन शर्मा की वन्यप्राणी अपराध में अग्रिम जमानत खारिज`
भोपाल। राजधानी के माता मंदिर स्थित प्लेटिनम प्लाजा निवासी अश्विन शर्मा के यहाँ आईटी की रेड में घर से बरामद हुई ट्राफियां जांच में फर्जी निकली। वन विभाग ने आश्विन शर्मा द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को फर्जी बताते हुए आरोपी अश्विन शर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। वहीं नोटिस जारी करते हुए आरोपी को एसडीओ कार्यालय में उपस्थित होने कहा है। गौरतलब है कि 9 अप्रैल 2019 को आयकर विभाग की टीम ने प्लेटिनम प्लाजा निवासी अश्विन शर्मा के फ्लैट न. बी 67में रेड की थी। मौके से हवाला कारोबार का खुलासा हुआ था। 10 करोड़ रुपए से ज्यादा नगद जब्त करने के साथ टीम को लग्जरी गाडिय़ां, मंहगी शराब और ट्राफियां (वन्य प्राणियों की खाल) मिली थी। जिनमे -टाइगर के मुँह की एक ट्रॉफी , सांभर के मुँह की सींग सहित एक ट्रॉफी , सांभर सींग की दो ट्रॉफी , चिंकारा सींग की एक ट्रॉफी एवं चीतल की एक पूरी एक खाल ( कुल 06नग ) थी ,जब्त की गई ट्राफियों को भोपाल उडऩ दस्ता को सौंपा गया था। इस मामले में भोपाल वन मंडल को अश्विन शर्मा की ओर से दस्तावेज सौंपे गए थे। लगभग ग्यारह माह तक चली जांच के बाद बुधवार दि 18/3/2020को सभी दस्तावेज फर्जी निकले। उडऩदस्ता प्रभारी राजकरण चतुर्वेदी ने बताया कि प्लेटिनम प्लाजा स्थित फ्लैट क्रमांक-बी/67 निवासी अश्विन शर्मा को वन अपराध संबंधी धारा 9, 39, 49(बी) 51, 52 के तहत नोटिस भेजा गया है। अश्विन शर्मा को अपने बयान दर्ज कराने एसडीओ वन विभाग के कार्यालय में उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं। गुना जिले में नहीं मिला 1973 का रिकार्ड
अश्विन शर्मा ने अपने पिता स्वर्गीय सीएच शर्मा के नाम से 12 मार्च 1973 को ट्राफियों के पंजीयन के लिए दिया गया घोषणा पत्र सौंपा था। जिसमें जागीरदार का पता कुम्भराज जिला गुना का लिखा हुआ था। और यह घोषणा पत्र मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक भोपाल को पेश करना बताया गया था। वन विभाग ने जब इन दस्तावेजों की जांच की तो न तो इनका पंजीयन विभाग में होना पाया गया और न ही उसके स्थानांतरण से जुड़े कोई दस्तावेज मिले थे|गिरफ्तारी की डर से अश्विन शर्मा ने भोपाल सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत का आवेदन लगाया ,अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश श्री एस बी साहू के न्यायालय में दो दिन चली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के अंतर्गत प्रस्तुत आरोपी का अग्रिम जमानत का आवेदन आज दि 6/7/2020 को निरस्त कर दिया | वन विभाग की ओर से अभियोजन संचालन श्रीमती सुधाविजय सिंह भदौरिया , राज्य समन्वयक (वन/वन्यप्राणी) लोक अभियोजन मप्र ने किया|