भोपाल पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाक़ात कर सरकार बनते ही कैबिनेट की पहली बैठक में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वचन दिया है।आप को बतादे दे कि अतिथि शिक्षक संघ अपनी मांगों को लेकर लम्बे समय से संघर्ष कर रहा है। पिछली सरकार के समय ही अतिथि शिक्षक संघ ने राजधानी में लंबे समय तक धरना प्रदर्शन किया था।
हालांकि राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि अतिथि शिक्षकों के नियमित संविलियन का वादा एक चुनावी जुमलेबाजी है। और अगर यह जुमला सफल भी हो गया तो सभी अतिथियों का नियमितीकरण संभव नहीं है।
सूत्रों से प्राप्त खबर के अनुसार कमलनाथ ने उपचुनाव को लेकर वादों की एक लंबी फेहरिस्त तैयार की है और उसी के अनुसार अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की गई है आने वाले कुछ दिनों में कांग्रेस पार्टी चुनावी घोषणा पत्र भी जारी कर सकती है अब देखने वाली बात यह होगी इसका प्रभाव चुनावी क्षेत्र की जनता पर क्या पड़ता है।