भोपाल । लगातार बिजली बिलों की राशि और बिलों में गड़बड़ियों की शिकायतें देखने सुनने को मिल रही है और यह सच भी है कि बिजली बिल की राशि ही आम आदमी को तगड़ा झटका देने के लिए काफी है, बिजली के बिल लगातार बढ़कर आने पर ग्रामीण क्षेत्रों में रोष का माहौल उत्पन्न हो गया जिसके विरोध स्वरूप सभी क्षेत्रवासी कांग्रेस नेता विष्णु विश्वकर्मा के नेतृत्व में सोमवार को बिजली बिलों की होली जलाने वाले थे । मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस महासचिव और पूर्व जिला पंचायत सदस्य विष्णु विश्वकर्मा तथा ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव ने विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी विशेष गढ़पाले से भेंट कर उन्हें ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत कराया, जिस पर श्री गढ़पाले ने उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में विशेष कैंप लगाकर बिलों में सुधार करने की बात कही ।
कांग्रेस नेता विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि एक तरफ गरीब वर्ग एवं मध्यम वर्ग कोरोना कॉविड 19 से जूझ रहा है लॉकडाउन में धन्नो की कमर तोड़ दी है दूसरी ओर बिजली विभाग द्वारा बढ़े हुए बिल दिए जा रहे हैं इसलिए बड़े हुए बिलों में संशोधन को लेकर शिवराज सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ 15 जून को प्रत्येक ग्राम में बिजली बिलों की होली जलाने की तैयारी थी, किंतु ग्रामीण क्षेत्रों में ही विशेष कैम्प लगवाकर संशोधन होने के आश्वासन पर इस विरोध प्रदर्शन को स्थगित कर दिया गया है । उन्होंने बिजली विभाग के मैदानी अमले की बहुत कमी है और अमला आमजनों की बात न सुनने का आरोप लगाते हुए ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा लोगों के फोन न उठाये जाने की शिकायत भी गढ़पाले से की । विष्णु विश्वकर्मा ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार में इंदिरा ज्योति योजना में सौ यूनिट बिजली जलने पर बिजली का बिल सौ रुपये आता था लेकिन शिवराज सरकार बनने के बाद आज वही बिल आठ हजार से पंद्रह हजार के करीब पहुंच रहा है । विष्णु विश्वकर्मा के अनुसार चर्चा के दौरान श्री गढ़पाले द्वारा इंदिरा ज्योति योजना में कोई फेरबदल नहीं किये जाने की बात कही गई, साथ ही उन्होंने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण से बिल बड़े हुए आए हैं । विष्णु विश्वकर्मा ने जल्द से जल्द ग्रामीणों को राहत देते हुए बिलों में संशोधन करने और उनका चार माह का बिजली बिल माफ करने की मांग सीएमडी विशेष गढ़पाले से की है के साथ ही विष्णु विश्वकर्मा ने कहा कि तय समय सीमा के अंदर बड़े राशि के बिजली बिलों का की समस्या हल ना होने की स्थिति में भविष्य में बड़ा आंदोलन किया जाएगा ।