शिवपुरी पटेल नगर के अनाथ आश्रम (बाल गृह) की संचालक शैला अग्रवाल (50) और उनके 79 साल के रिटायर्ड प्रोफेसर पिता केएन अग्रवाल को 6 नाबालिग अनाथ बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया है। विशेष न्यायाधीश अरुण वर्मा की कोर्ट ने सोमवार को शैला अग्रवाल और उनके पिता केएन अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा
सुनाई है। कोर्ट में जैसे ही सजा का ऐलान हुआ तो कठघरे में खड़ी शैला रोने लगी और उसका पिता सिर पकड़कर बैठ गया। मालूम हो कि 17 नवंबर 2016 को अनाथ बच्चियों के साहस के कारण इस मामले का खुलासा हुआ था। इसमें एडवोकेट शैला अग्रवाल, उनके पिता समेत चार लोगों को दुष्कर्म का आरोपी बनाया था। इसमें शैला का भाई राजू भी शामिल था। लेकिन मानसिक रूप विक्षिप्त होने के कारण कोर्ट नेफिलहाल उसके मामल में अभी फैसला नहीं सुनाया है। इसके अलावा चौथे आरोपी बाल गृह में कंप्यूटर ऑपरटर अतुल को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। 1 अक्टूबर 2016 को दो लड़कियां बालगृह स भाग गईं थीं। इन लड़कियों को पुलिस ने अशोकनगर स बरामद किया था। बाल कल्याण समिति ने दोनों लड़कियों स बा तचीत की थी। इस दौरान एक लड़की ने यौन शोषण का खुलासा किया था।
यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन
- प्रो. केएन अग्रवाल जीवाजी यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड डीन हैं। वर्ष 2004 में ये शिवपुरी के साइंस कॉलेज में कॉमर्स विभाग के एचओडी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उसी के बाद से वे अपनी बेटी एडवोकेट शैला अग्रवाल के साथ पटेल नगर स्थित शकुंतला परमार्थ समिति के तहत अनाथ आश्रम में रह रहे थे।