प्रद्युम्न मर्डर केस का आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार बुधवार शाम करीब साढ़े 7 बजे जेल से जमानत पर रिहा हो गया। मंगलवार को एडिशनल एंड सेशन्स जज रजनी यादव की कोर्ट ने अशोक को 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर बेल दी थी। अपने गांव पहुंचते ही अशोक ने से बातचीत की। उसने बताया- "रिमांड के दौरान पुलिस ने मुझे बहुत टॉर्चर किया था, इसके बाद ही मैंने मर्डर करने की बात कबूली थी।" अशोक के रिश्तेदार ओपी चोपड़ा ने बताया कि अशोक को बुखार है। उसे डॉक्टर के पास ले जाया जाएगा
डेढ़ महीने तक मुझे सोने के लिए बेडशीट तक नहीं दी कि कहीं मैं फांसी ना लगा लूं। मैंने जेल में दो महीने से टीवी नहीं देखी थी। मुझे नहीं पता है कि इस मामले में बाहर क्या हो रहा है अशोक की पत्नी ने कहा पुलिस ने उसे मारा, उलटा लटकाया, उसे प्रताड़ित किया। यहां तक कि जुर्म कबूल करने के लिए जबर्दस्ती भी की
- पड़ोसी महेश ने बताया कि वो गांव पहुंच चुका है। फिलहाल, उसे उसके रिश्तेदार के घर पर ठहराया गया है
- अशोक की जमानत के लिए जरूरी 50 हजार रुपए गांव वालों ने चंदा इकट्ठा कर जुटाए बेल के रुपये कि अशोक को कोर्ट ने कॉन्स्टीट्यूशन के आर्टिकल 21 के तहत बेल दी है। उसे बेनिफिट ऑफ डाउट मिला है
- अशोक से सबसे पहले उसकी मां मिली। अपने बच्चे को घर पर आने पर अशोक की मां ने उसे अपने गले लगा लिया और खूब रोई। मां ने कहा कि बेटे के घर से आने पर रौनक आई है। अशोक के घर पर आने पर उसके बच्चे भी बेहद खुश हैं। वो अपने पापा के इर्द-गिर्द ही घूम दिखते।
- गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल प्रद्युम्न की टॉयलेट में हत्या कर दी थी। शुरुआती जांच में हरियाणा पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाया था।
- बाद में यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने इस केस में स्कूल के 11वीं के एक स्टूडेंट को आरोपी बनाया है। यह स्टूडेंट बाल सुधार गृह में है।
- सीबीआई अशोक की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कोई सबूत नहीं पेश कर पाई। कोर्ट ने मंगलवार को अशोक को जमानत दे दी।