भोपाल रायसेन जिले में आदिवासी युवती अपने साथ हुई ज्यादती की रिपोर्ट दर्ज कराने दर दर भटकती रही लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी | मामला रायसेन जिले के बेगमगंज के ग्राम कस्वा चौका का हे जहा पर 22 साल की एक युवती के साथ गांव के ही चार लड़कों ने बलात्कार किया । चारों युवको ने युवती को आठ दिन तक बंधक बनाकर रखा और युवती के साथ सामूहिक बलात्कार करते रहे ।
मामला 14 अक्टूबर का है जब युवती घास काटने गई थी तो उसको वही से ही चारों आरोपियों नदीम, जावेद, जुबेर,और आमिर ने अगवा करके बंधक बनाकर रखा।युवती उनके चंगुल से छूटकर अपने घर आई और परिजनों के साथ थाने पहुँचकर रिपोर्ट लिखवाने पहुँची तो पुलिस ने भी उसकी रिपोर्ट लिखना मुनासिब नही समझा।जबकि ये पूरा मामला है मध्यप्रदेश शासन के pwd मंत्री रामपाल सिंह के विधानसभा क्षेत्र का, आप अंदाजा लगा सकते है कि बेगमगंज पुलिस कितनी असंवेदनशील हो गयी है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी उसने गंभीरता नही दिखाई और युवती को डांट लगाकर भगा दिया | युवती और उसके परिजन बेगमगंज sdop मंगल सिंह ठाकरे से अपनी फरियाद लेकर पहुँचे तो sdop ने भी उनकी फरियाद सुनने की जगह उनको डांट फटकार लगाकर वहां से फिर भगा दिया
बुधवार ये आदिवासी परिवार रायसेन एस पी जगत सिंह राजपूत के पास अपनी इच्छा मृत्यु का आवेदन लेकर आया | जहां इस परिवार और युवती का कहना है कि मेरे साथ बलात्कार होने से मुझे समाज से निकाल दिया गया है और गाँव से भी बहिष्कृत कर दिया गया है, कोई भी उसकी किसी भी प्रकार की मदद करने को तैयार नही है | युवती का कहना है कि जब समाज मे जीने का और रहने का सम्मान में खो चुकी हूं तो मुझे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
हम आपको यहां बता दे कि गाँव कस्बा चौका के चारो लड़के युवती के साथ बलात्कार करके भी खुले घूम रहे है और युवती दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है। क्योकि युवती द्वारा आरोप लगाए गए लोग गाँव के दबंग और अच्छे पैसे वाले लोग है और युवती का ये भी कहना है कि मेरे साथ बलात्कार करने बाले लोगों का sdop मंगल सिंह ठाकरे के साथ उठना बैठना है। परिणामस्वरूप फरियादी युवती और उसके परिजनों के ऊपर पुलिस ने आगजनी का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया है क्या यही न्याय है की जिस युवती के साथ 8 दिन तक बलात्कार हुआ वही दोषी है| युवती इच्छामृत्यु की मांग कर रही है।
एसपी ने सुनी पीड़िता की व्यथा
जब इस युवती की मुलाकात रायसेन जिले के एसपी जगत सिंह राजपूत से हुई तो उन्होंने मामले को गम्भीरता से लेते हुए sdop मंगल सिंह ठाकरे और बेगमगंज टीआई आलोक श्रीवास्तव को रायसेन तलब किया और जमकर फटकार लगाई और तत्काल ही युवती का मेडिकल कराकर उचित कार्यवाई करने को कहा।तब कहीं जाकर बेगमगंज पुलिस की नींद खुली और युवती की शिकायत पर चारों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मगर यहां सोचने बाली बात ये है कि एक युवती को न्याय पाने के लिये 25 दिन संघर्ष करना पड़ा। बुधवार को पुलिस ने युवती को न्यायालय में पेश किया जहाँ उसके बयान दर्ज किए गए है।