भोपाल गेंगरेप मामलें में प्रदेश मुखिया *शिवराज सिंह चौहान के कड़े निर्देशों के बाद अब ज़िला भोपाल बार एससोसिएशन ने भी आरौपियों की पैरवीं से करा इंकार : मो. तारिक़ - Mann Samachar - Latest News, breaking news and updates from all over India and world
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Saturday, November 4, 2017

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भोपाल गेंगरेप मामलें में प्रदेश मुखिया *शिवराज सिंह चौहान के कड़े निर्देशों के बाद अब ज़िला भोपाल बार एससोसिएशन ने भी आरौपियों की पैरवीं से करा इंकार : मो. तारिक़

 भोपाल ! तीन घंटे चला हैवानियत का करते रहें 4 आरौपी कुकर्म ! यूपीएससी की त्यारी कर रहीं पीड़ित छात्रा जिसके माता पिता दोनो पुलिस विभाग में कार्यरत वो चीखती चिल्लाती रही, न किसी ने पुकार सुनी ब्लात्कारी जो पैशे से मज़दूर करते रहें ब्लातकार बारी बारी ... निंदनिया !
      भोपाल शहर के लिये वो मनहूस रात उस अभागी के लिये जिसे मंगलवार को रात्री 07:30 बजे हबीबगंज रेलवें स्टेशन के आरपीएफ थाने से 100 मीटर दूरी पर जो पुलिस दंपत्ती की बेटी के साथ चार युवकों ने पहले खूब मारपीट की फिर उसकों खींच कर नालें किनारे ले गये ! उसके बाद पूरे कपड़े फाड़ निर्वस्त्र कर उसके फंटे कपड़ों से ही उसके हाथ पैर बांध दिये ताकी वो भाग न पायें ! छात्रा के साथ उन चार फिशाचों ने लगातार तीन घंटे दुषकर्म करा !
      ऐसा नही की हर मामले में यह मेरी पुलिस ही कसूरवार ज़िम्मेवार हैं !कई बार मप्र पुलिस मुख्यालय से निर्देश हौते रहें जारी संदिघध गंभीर मामलों में तुरंत दर्ज हों फरियादी की एफ.आई.आर. परंतु कभी यह निर्देश जारी नही हुये की ऐसे मामलों में सीमा छेत्र जिसमें कई विवाद उत्पनन्य होते दुर्घटना में गंभीर अवस्था में तड़प रहा पुलिस थाना सीमा विवाद में आपस में उलझ रहा ! नियम ऐसा हों निकटतम थाना में तुरंत दर्ज हों एफ.आई.आर. और यदी सीमा छेत्र से बाहर फरियादी की शिकायत तो उस शिकायत पर थाना प्रभारी तुरंत टीप दर्ज करें सम्बंधित थाना स्थांतरित !
      *मीडिया माध्यम से ग्यात हुआ था कि विश्व हिन्दू परिषद सहित शिव सेना प्रमुख ठाकरे ने दिया था ब्यान इसलाम धर्मानुसार ब्लातकारीयों को दिया जाना चाहिये उनके कुकर्मों का दंड ! फिर वो मासूम बहरूपिये जो इसलाम को अपमानित दृष्टी रखते हैं स्नातन धर्मियों को उक्साने भारतिया एकता अखंडता को बांट अपना स्वार्थ पूर्ती करने जो सदेव मुस्लिम से कटुता रखते देते खुद उस आवारागर्दी जो गैर शरअइ कुकर्म को लव-जिहाद का नाम रख, देते उस पर बड़ा बड़ा ब्यान ! जिनहोने कभी इसलाम को जाना ही नही और वो नव-जवान जो मात्र वासना त्रपती के लिये प्रेम प्रसंग करते उन मुस्लिम नव-जवानों को भी इसलाम का ग्यान नही क्योंकी इसलाम धर्म में निकाह (विवाह) पूर्व प्रेम प्रसंग का कोई स्थान नही हैं उसे ज़िना कहते जो इसलाम में हैं हराम ! इसलाम धर्मानुसार महिलाओं पर पर्दा फर्ज़ हैं अर्थात गैर मर्द से पर्दा फर्ज़ इसिलिये बतलाया गया ताकी इज़्ज़त आबरू जैसी शैतानी फितरतों सहित शैतानों की निगाह से बचा जा सकें सहित कई लाभ भी और इसलाम धर्मानुसार महिलाओं से पर्दा की बात मर्दों पर भी लागूं हौती हैं लेकिन बुरका के खिलाफ भी अपमानित दृष्टी वालें ब्यान देने से नही चूकते जबकी आज गैर मुस्लिम कई महिलायें गाड़ी चलाते समय नकाब लगाती हैं ! क्योंकी वो जानती हैं नकाब कई बुराईयों सहित अनेकानेक लाभ !*
"हे नारी जन्नी हमारी कब तक लुटती रहेगी तेरी आबरूं ! दूत, संत, महापुरूषों के देश में हम सब हताश-निराश !"
      *विश्व शांती व मानवाधिकार हितों के संरक्षण हेतू गठित पीस इंडिया (एनजीओ) नेशनल पीआरओ एंड स्टेट प्रेसीडेंट मो. तारिक़ करता हैं गुज़ारिश उस पीड़िता से कि मेरी प्यारी बिटिया यूपीएससी की पढ़ाई न छोड़ना, तू न घबराना ब्लातकारियों को अवश्य मिलेगी कड़ी से भी कड़ी सज़ा ! साथ करता हूँ देश के प्रभुद्ध नागरिकों से आहवहान अब इसलाम धर्मानुसार (शरअई हुकुम) बने ब्लातकारीयों को दंड देने संगसार से उतारा जाये अब मौत के घाट ऐसे ब्लातकारीयों को ताकी फिर भविष्य में न हों किसी भी नारी जो जन्नी हमारी के साथ ऐसा कोई दूर्भव्यवहार !*
      "गंगा जमुनी शहर भोपाल के लिये क्या वो मनहूस रात थी ? रात्री अभागी मेरी बिटिया तू यूं न घबराना देखों शासन, मीडिया, अधिवक्ता-गण और सभी सब हैं तुमहारे साथ !"
      *अधिवक्ता, जर्नालिस्ट, स्पोर्टस लवर, सोशलिस्ट आबिद मो. खान दुआरा सोशल मीडिया फेसबुक पर उनकी टीप दिनांक 03 नवम्बर रात्री 11:45 "आग्रह-कोई भी अधिवक्ता गेंग रेप के आरौपीयों की पैरवीं के लिये आगे न आये !!!!"*
 "बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, आत्मरक्षा के गुण सिखलाओं : पीस इंडिया
      *भोपाल बार एससोसियशन अध्यक्ष अधिवक्ता राजेश व्यास ने करा आहवहान : राजधानी गैंगरेप घटना वकील समुदाय दुखी, आहत, आक्रोशित, अधिकांश वकील अभियुक्तों की पैरवी के खिलाफ आग्रह अपराधियों की पैरवी से इनकार करें !*
     *अब तो फिर यह वेचारिक द्वंद हैं !*
                   *मो. तारिक़*
               *(स्वतंत्र-लेखक)*

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