खरीक सीजन से सरकार फसल समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के बजाय बाजार भाव व एमएसपी के बीच के अंतर की राशि किसानों को देगी। सोयाबीन, मक्का, मूंग, उड़द व अरहर के बाजार भाव, एमएसपी से नीचे हैं। ऐसे में सरकार किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए 1250
करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें से आधी राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। इसको लेकर केंद्रीय कृषि मंत्रालय में सोमवार को राज्यों के अफसरों के साथ बैठक है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार मप्र की भावांतर भुगतान योजना पूरे देश में लागू करेगी।
मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भावांतर भुगतान योजना के लिए अभी तक 6 लाख से अधिक किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। सरकार को उम्मीद है कि यह संख्या बढ़कर दोगुना से अधिक हो जाएगी। राज्य शासन ने इस योजना के तहत फसलों का एमएसपी तय करने के लिए प्रदेश और बाहर की मंडियों से रेट ले लिए हैं। इसके हिसाब से मक्का और सोयाबीन का बाजार भाव, एमएसपी से 150 से 300 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा है। इसी तरह दालों के दाम भी 800 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल अधिक हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को 1250 रुपए का इंतजाम करना है।
मंत्रालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भावांतर भुगतान योजना के लिए अभी तक 6 लाख से अधिक किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन कराया है। सरकार को उम्मीद है कि यह संख्या बढ़कर दोगुना से अधिक हो जाएगी। राज्य शासन ने इस योजना के तहत फसलों का एमएसपी तय करने के लिए प्रदेश और बाहर की मंडियों से रेट ले लिए हैं। इसके हिसाब से मक्का और सोयाबीन का बाजार भाव, एमएसपी से 150 से 300 रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा है। इसी तरह दालों के दाम भी 800 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल अधिक हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए सरकार को 1250 रुपए का इंतजाम करना है।
16 अक्टूबर को पूरे राज्य में होगा आयोजन
राज्य सरकार इस योजना को बड़े जोरशोर से लागू करने की तैयारी कर रही है। 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी एक जिले में किसानों की सभा को संबोधित करेंगे। इसी तरह सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिले में होने वाले आयोजन में शामिल होंगे।
राज्य सरकार इस योजना को बड़े जोरशोर से लागू करने की तैयारी कर रही है। 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी एक जिले में किसानों की सभा को संबोधित करेंगे। इसी तरह सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिले में होने वाले आयोजन में शामिल होंगे।