शहर व आसपास के क्षेत्रों में रिकरंट डर्मेटोफायटोसिस के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। डॉक्टर्स के पास पहुंचने वाले हर 50 में से 25 मरीज इससे पीड़ित हैं। एमवाय में भी रोजाना 250 से ज्यादा मरीज इसी बीमारी के आ रहे हैं। यह बीमारी अब ज्यादा आक्रामक होकर लौटी है। इस पर दवाओं का असर भी कम हो रहा है।
डॉक्टरों को इलाज का समय और दवाओं का डोज दोगुना करना पड़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे निबटने के लिए नई दवाओं की जरूरत है। डॉक्टरों की राष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस में भी यह फंगल इंफेक्शन बहस का मुद्दा है। इसकी रेमेडी को लेकर देशभर के डॉक्टर परेशान हैं।
तीन से चार महीने लग रहे ठीक होने में- शहर के डर्मेटोलॉजिस्ट का कहना है कि पहले इसका एक महीने से कम समय में इलाज हो जाता था, लेकिन अब तीन से चार महीने लग रहे हैं। उदाहरण के तौर पर पहले 250 एमजी की टेबलेट में काम हो जाता था, लेकिन अब 500 एमजी की दवा देना पड़ रही है।
मंडलेश्वर बुरी तरह प्रभावित
डॉ. संदीप शिल्पी ने बताया कि वे हाल ही में मंडलेश्वर गए थे, वहां पूरे गांव में लोग कम या ज्यादा इस इंफेक्शन से पीड़ित थे। इसी तरह दूसरे डॉक्टरों ने भी ग्रामीण विजिट में इसे सबसे ज्यादा पाया है।
डॉ. संदीप शिल्पी ने बताया कि वे हाल ही में मंडलेश्वर गए थे, वहां पूरे गांव में लोग कम या ज्यादा इस इंफेक्शन से पीड़ित थे। इसी तरह दूसरे डॉक्टरों ने भी ग्रामीण विजिट में इसे सबसे ज्यादा पाया है।
स्टेरॉइड पहुंचा रहा है नुकसान
शुरुआत में इसे मामूली खुजली समझकर लोग मेडिकल स्टोर या झोलाछाप डॉक्टर से दवा ले लेते हैं। खुजली मिटाने के लिए बाजार में जो क्रीम या ऑइनमेंट मिल रहे हैं वह शुरू में खुजली को कम कर देते हैं, लेकिन यह दोबारा हो जाती है। इनमें स्टेरॉइड होता है। एक बार स्टेरॉइड लग जाने पर यह चमड़ी को पतला कर देता है और चमड़ी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
खुजली से शुरुआत
इसकी शुरुआत प्राइवेट पार्ट में खुजली से होती है। बाद में चमड़ी पर लाल रंग की रिंग बन जाती है। जहां पसीने से नमी रहती है, उन हिस्सों में ये इंफेक्शन ज्यादा होता है।
नमी बड़ा कारण
शरीर की सफाई नहीं करना, गीले कपड़े या अंडर गारमेंट पहनना, टाइट कपड़े पहनना, कई लोगों के बीच एक ही बेडशीट, तौलिए का इस्तेमाल।
ऐसे बचें इस बीमारी से
शरीर के किसी भी हिस्से में नमी नहीं होने दें, सफाई रखें, हर चीज का अलग-अलग उपयोग करें, संक्रमित होने पर पूरा इलाज कराएं, अगर घर में सभी को इंफेक्शन हो तो सभी का एक साथ इलाज कराएं। कड़क धूप में सूखे कपड़े पहनें। क्वालिफाइड डॉक्टर से इलाज करवाएं।
शरीर के किसी भी हिस्से में नमी नहीं होने दें, सफाई रखें, हर चीज का अलग-अलग उपयोग करें, संक्रमित होने पर पूरा इलाज कराएं, अगर घर में सभी को इंफेक्शन हो तो सभी का एक साथ इलाज कराएं। कड़क धूप में सूखे कपड़े पहनें। क्वालिफाइड डॉक्टर से इलाज करवाएं।
रिसर्च की जाना चाहिए
यह फंगल इंफेक्शन आक्रामक होकर लौटा है। रोजाना इसके 10 मरीज आ रहे हैं। हमने उपचार के लिए इलाज का समय और डोज बढ़ाए हैं। कॉम्बिनेशन दवाएं दे रहे हैं। रिसर्च की जरूरत है।
डॉ जेएस छाबड़ा, डर्मेटोलॉजिस्ट
यह फंगल इंफेक्शन आक्रामक होकर लौटा है। रोजाना इसके 10 मरीज आ रहे हैं। हमने उपचार के लिए इलाज का समय और डोज बढ़ाए हैं। कॉम्बिनेशन दवाएं दे रहे हैं। रिसर्च की जरूरत है।
डॉ जेएस छाबड़ा, डर्मेटोलॉजिस्ट
नई दवा की जरूरत
दिनभर में 50 मरीज आ रहे हैं, इनमें से 25 इस इंफेक्शन के हैं। पुरानी दवा काम नहीं कर रही है। नई दवा की जरूरत है।
डॉ संदीप शिल्पी, डर्मेटोलॉजिस्ट
दिनभर में 50 मरीज आ रहे हैं, इनमें से 25 इस इंफेक्शन के हैं। पुरानी दवा काम नहीं कर रही है। नई दवा की जरूरत है।
डॉ संदीप शिल्पी, डर्मेटोलॉजिस्ट