2019 लोकसभा चुनाव के 20 महीने पहले मोदी कैबिनेट में फेरबदल किया गया। 4 को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। इसके बाद 9 नए नेताओं को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई।
सबसे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने हिंदी में शपथ ली। शपथ लेने वाले आखिरी मिनिस्टर अल्फोन्स कन्ननथानम थे, जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। प्रोग्राम में प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेटली और सुषमा समेत कैबिनेट मेंबर्स मौजूद थे। कैबिनेट के 9 नए चेहरों में चुनावी राज्यों के लीडर्स के अलावा एक्सपर्ट्स शामिल हैं। जेडीयू को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। नीतीश कुमार ने शनिवार को ही साफ कर दिया था कि फेरबदल को लेकर उनसे कोई बात नहीं की गई है और न ही उनके सांसदों को कोई इन्विटेशन मिला है बीजेपी नेता अल्फोन्स कन्ननथानम ने राज्य मंत्री के तौर पर अंग्रेजी में शपथ ली। उन्होंने केरल में लिटरेसी बढ़ाने का काम किया। जब दिल्ली में DDA कमिश्नर थे तो डिमोलिशन मैन कहलाते थे। 1500 अवैध कंस्ट्रक्शंस को उनके कमिश्नर रहते तोड़ा गया था। उनकी नितिन गडकरी से नजदीकी मानी जाती है।
सबसे पहले धर्मेंद्र प्रधान ने हिंदी में शपथ ली। शपथ लेने वाले आखिरी मिनिस्टर अल्फोन्स कन्ननथानम थे, जिन्हें राज्यमंत्री बनाया गया। प्रोग्राम में प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेटली और सुषमा समेत कैबिनेट मेंबर्स मौजूद थे। कैबिनेट के 9 नए चेहरों में चुनावी राज्यों के लीडर्स के अलावा एक्सपर्ट्स शामिल हैं। जेडीयू को कैबिनेट में जगह नहीं मिली। नीतीश कुमार ने शनिवार को ही साफ कर दिया था कि फेरबदल को लेकर उनसे कोई बात नहीं की गई है और न ही उनके सांसदों को कोई इन्विटेशन मिला है बीजेपी नेता अल्फोन्स कन्ननथानम ने राज्य मंत्री के तौर पर अंग्रेजी में शपथ ली। उन्होंने केरल में लिटरेसी बढ़ाने का काम किया। जब दिल्ली में DDA कमिश्नर थे तो डिमोलिशन मैन कहलाते थे। 1500 अवैध कंस्ट्रक्शंस को उनके कमिश्नर रहते तोड़ा गया था। उनकी नितिन गडकरी से नजदीकी मानी जाती है।
यूपी के बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। वे मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे हैं। राजनाथ सिंह और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। 2008 में उन्हें नक्सल विरोधी अभियानों में अच्छे काम के लिए आंतरिक सुरक्षा मेडल से नवाजा गया था।
जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंहशेखावत ने राज्य मंत्री के रूप में हिंदी में शपथ ली। माना जा रहा है कि राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें मंत्री बनाया गया है। किसानों से जुड़े मुद्दे और आर्थिक मामलों पर उनकी पकड़ है। वे संघ से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच में रहे हैं।
हरदीप सिंह पुरी ने राज्य मंत्री के रूप में अंग्रेजी में शपथ ली। वे ब्रिटेन-ब्राजील में भारत के राजदूत रहे हैं। 39 साल इंडियन फॉरेन सर्विस में रहे हैं। यूएन में भारत के रिप्रेजेंटेटिव रहे। फॉरेन पॉलिसी और नेशनल सिक्युरिटी से जुड़े मुद्दों पर उनकी पकड़ है।
राजकुमार सिंह ने राज्य मंत्री के रूप में हिंदी में शपथ ली। ये आरके सिंह के नाम से जाने जाते हैं। केंद्रीय गृह सचिव रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे। 38 साल IAS रहे हैं। बिहार के आरा से सांसद हैं कर्नाटक के बीजेपी नेता अनंत कुमार हेगड़े ने हिंदी में राज्य मंत्री पद के लिए शपथ ली। वे उत्तर कन्नड़ से सांसद हैं। छठी बार सांसद बने हैं। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। वे संघ से जुड़े रहे हैं।
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने राज्य मंत्री पद के लिए हिंदी में शपथ ली। वे मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद हैं। वे दलित नेता हैं। किसानों के मुद्दे पर पकड़ है। चाइल्ड लेबर के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। सादगीपसंद हैं।
अश्विनी कुमार चौबे ने राज्य मंत्री के रूप में हिंदी में शपथ ली। वे बिहार के बक्सर से सांसद हैं। फ्रायरब्रांड इमेज है। आरएसएस से नजदीकी है। स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं।
शिव प्रताप शुक्ला ने राज्य मंत्री के रूप में हिंदी में शपथ ली। वे यूपी में राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह की सरकार में 8 साल कैबिनेट मंत्री रहे हैं। यूपी से राज्यसभा सदस्य हैं। वकील और सोशल वर्कर के तौर पर उनकी पहचान है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में हिंदी में शपथ ली। वे अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री थे। उन्हेंं भी प्रमोट किया गया है। वे मोदी सरकार में अभी इकलौते मुस्लिम चेहरे हैं। बीजेपी के पुराने नेता हैं।
निर्मला सीतारमण ने अंग्रेजी में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। उनके पास भी राज्य मंत्री का दर्जा था। उन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली। सरकार बनने से पहले वे बीजेपी की प्रवक्ता थीं। हाल ही में उन्होंने ब्रिक्स समिट से पहले चीन में हुई मीटिंग में अच्छा काम किया।
कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने के लिए धर्मेंद्र प्रधान को बुलाया गया। प्रधान ने हिंदी में शपथ ली। जब उन्हें ‘प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित’ बोलना था तो वे अटक गए। कोविंद ने ये शब्द दोबारा पढ़े। इसके बाद प्रधान ने शपथ पूरी की। प्रधान अब तक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। उन्हें प्रमोट किया गया है। वे पेट्रोलियम मिनिस्टर हैं। गैस सिलेंडरों पर सब्सिडी छोड़ने के लिए गिव अप स्कीम और गरीब महिलाओं को फ्री रसोई गैस कनेक्शन देने वाली ‘उज्जवला स्कीम’ की कामयाबी के बाद वे प्रमोट हुए हैं।
शपथ लेने वाले मंत्रियों की पहली कतार में मुख्तार अब्बास, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान बैठे थे। इन्हें राज्यमंत्री से प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है एक अलग कतार में रामविलास पासवान, मेनका गांधी, रविशंकर प्रसाद, अशोक गजपति राजू, हरसिमरत कौर और चौधरी बीरेंद्र सिंह बैठे थे। स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर साथ बैठे थे। उनकी पीछे की कतार में राज्यवर्धन सिंह राठौर, मनोज सिन्हा बैठे थे।
मोदी के दाहिनी तरफ अमित शाह, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, थावरचंद गहलोत, कलराज मिश्र, अनंत कुमार और जेपी नड्डा बैठे थे नए मिनिस्टर्स
2) शिव प्रताप शुक्ल (यूपी)
3) वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश)
4) अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक)
5) राजकुमार सिंह (बिहार)
6) हरदीप सिंह पुरी (डिप्लोमैट)
7) गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान)
8) सत्यपाल सिंह (यूपी)
9) अल्फाेन्स कन्ननथानम (केरल) 20 महीने बचे हैं। इसके मद्देनजर बीजेपी, संघ और सरकार के रणनीतिकार फेरबदल में देरी नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि सरकार और संगठन को नई टीम मिले, ताकि केंद्र अपने गवर्नेंस की रफ्तार बढ़ा सके और पार्टी संगठन अपनी चुनाव तैयारियों पर फोकस कर सके।
3) वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश)
4) अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक)
5) राजकुमार सिंह (बिहार)
6) हरदीप सिंह पुरी (डिप्लोमैट)
7) गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान)
8) सत्यपाल सिंह (यूपी)
9) अल्फाेन्स कन्ननथानम (केरल) 20 महीने बचे हैं। इसके मद्देनजर बीजेपी, संघ और सरकार के रणनीतिकार फेरबदल में देरी नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि सरकार और संगठन को नई टीम मिले, ताकि केंद्र अपने गवर्नेंस की रफ्तार बढ़ा सके और पार्टी संगठन अपनी चुनाव तैयारियों पर फोकस कर सके।
गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में अगले डेढ़ साल के अंदर चुनाव हैं। इसके मद्देनजर यह फॉर्मूला तय किया गया है कि जहां चुनाव हो गए हैं, उन राज्यों से मंत्री कम किए जाएं और चुनाव वाले नए चेहरे सरकार में शामिल किए जाएं।
4 राज्यमंत्रियों को प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है, ये कदम उनकी परफॉर्मेंस को देखते हुए उठाया गया है।
सरकार में कुछ चेहरे ऐसे हैं जो संगठन में अच्छा काम कर सकते हैं। ऐसे लोगों को संगठन में वापस भेजा जाएगा।
सरकार में अभी टॉप-5 नेताओं में सीनियरिटी का क्रम इस तरह है- नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह, फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज, डिफेंस-फाइनेंस-कार्पोरेट अफेयर्स मिनिस्टर अरुण जेटली, रोड ट्रांसपोर्ट और हाईवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी और रेलवे मिनिस्टर सुरेश प्रभु।
इन 4 मंत्रालयों को फुलटाइम मिनिस्टर की जरूरत
- डिफेंस: मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम के रूप में लौटने के बाद अरुण जेटली के पास डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल जिम्मा है।
- पर्यावरण: राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे का निधन होने के बाद एनवायर्नमेंट मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज डॉ. हर्षवर्धन को दिया गया है। उनके पास पहले से साइंस एंड टेक्नोलॉजी और अर्थ साइंस मिनिस्ट्री है।
- शहरी विकास: एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया, जो रूरल डेवलपमेंट मिनिस्टर भी हैं।
- सूचना-प्रसारण: नायडू के पास इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री का जिम्मा भी था, जो अभी स्मृति ईरानी काे दिया गया है। स्मृति कपड़ा मंत्री भी हैं।
- डिफेंस: मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम के रूप में लौटने के बाद अरुण जेटली के पास डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल जिम्मा है।
- पर्यावरण: राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे का निधन होने के बाद एनवायर्नमेंट मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज डॉ. हर्षवर्धन को दिया गया है। उनके पास पहले से साइंस एंड टेक्नोलॉजी और अर्थ साइंस मिनिस्ट्री है।
- शहरी विकास: एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्ट्री का जिम्मा नरेंद्र सिंह तोमर को सौंपा गया, जो रूरल डेवलपमेंट मिनिस्टर भी हैं।
- सूचना-प्रसारण: नायडू के पास इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री का जिम्मा भी था, जो अभी स्मृति ईरानी काे दिया गया है। स्मृति कपड़ा मंत्री भी हैं।