भोपाल में वाहन चोरी की बढ़ती वारदाते इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के तहत लग रहे कैमरों की मदद से अब चोरी की गाड़ी सड़क पर निकलते ही पुलिस की निगरानी में होगी। चोरी की गाड़ियों का नंबर सर्वर पर अपलोड होगा। सड़क या चौराहे पर उस नंबर की गाड़ी दिखते ही कंट्रोल रूम में अलार्म बजेगा। इसके बाद पुलिस उस गाड़ी को ट्रैक कर वाहन चोरों को पकड़ लेगी। यह संभव हो सकेगा ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन सिस्टम से।
ट्रैफिक पुलिस और भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन मिलकर शहर के 14 स्थानों पर यह सिस्टम लगा रहे हैं। इसमें रेड लाइट वायलेंस डिटेक्शन भी शामिल है। इससे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ा जा सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर चालान घर पहुंचेगा। कंपनी का चयन कर शहर के 14 चौराहे चिन्हित कर लिए गए हैं। 17 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर सितंबर के पहले हफ्ते से काम शुरू होगा, जो दिसंबर में पूरा हो जाएगा। स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के सीईओ चंद्रमौली शुक्ला ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। बैंक गारंटी जमा होते ही सितंबर के पहले हफ्ते में इसके वर्कऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। इस सिस्टम में शहर के 7 चुनिंदा हिस्सों में स्पीड वायलेशन सिस्टम भी लगेंगे। यहां तय गतिसीमा से तेज गुजरने वाले वाहनों की निगरानी होगी।
सामान्य तौर पर सर्वर में 30 दिन का बैकअप होगा, लेकिन नियमों का उल्लंघन करने वालों का डाटा 90 दिन तक स्टोर रहेगा। जो जानना चाहेंगे कि उन्होंने ट्रैफिक नियम कब तोड़ा, तो उन्हें फुटेज दिखाए जाएंगे।
-ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की पहचान आसान होगी।
-जेब्रा क्रॉसिंग पर वाहन खड़े करने की प्रवृत्ति रुकेगी।
-नंबर के आधार पर पता ढूंढकर ऐसे वाहन चालकों के घर चालान पहुंचेगा।
-बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का रिकॉर्ड रहेगा, ताकि उनके लाइसेंस सस्पेंड किए जा सकें।
-स्टॉप लाइन पर गाड़ियां रुकेंगी तो जेब्रा क्रॉसिंग से पैदल सड़क पार करना आसान होगा।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने में आईटीएमएस एक क्रांतिकारी पहल होगी। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का चालान घर पर पहुंच जाएगा। जाहिर है जुर्माने से बचने के लिए लोग नियमों का पालन करेंगे। सिर्फ ट्रैफिक के लिहाज से ही नहीं बल्कि अपराधियों की धरपकड़ में भी यह सिस्टम बहुत मददगार साबित होगा।