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Tuesday, August 8, 2017

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गुजरात में राज्यसभा कांग्रेस के 2 विधायकों ने भी बीजेपी कैंडिडेट्स के पक्ष में वोट किया

 गुजरात में राज्यसभा की तीन खाली सीटों के लिए मंगलवार को वोटिंग जारी है। कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके शंकर सिंह वाघेला ने बीजेपी को वोट दिया। वहीं, कांग्रेस के 2 विधायकों ने भी बीजेपी कैंडिडेट्स के पक्ष में वोट किया।
इससे सोनिया गांधी के पॉलिटिकल एडवाइजर अहमद पटेल की राह मुश्किल हो सकती है। हालांकि पटेल ने खुद की जीत पर भरोसा जताया। बीजेपी की तरफ से अमित शाह, स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत मैदान में हैं। 6 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद पार्टी ने अपने 44 विधायकों को बेंगलुरु भेज दिया था, वे सभी सोमवार को लौट आए थे।अपडेट्स...
 
- 12:25 PM: कांग्रेस एमएलए अर्जुन मोढ़वाडिया ने कहा, "हमें जितने वोट चाहिए, उतने पर्याप्त मिल चुके हैं। हमारे पक्ष में 43 वोट पड़ चुके हैं, एक विधायक वोट देने जा रहा है। जेडीयू के छोटूभाई वासवा ने कहा है कि उन्होंने अहमद भाई को वोट दिया है।"
10:24AM : NCP के जयंत पटेल ने कहा, "कंधाल जाडेजा पहली बार विधायक बने हैं। हमारा वोट यूपीए के लिए ही है। हमने हाईकमान के व्हिप के मुताबिक ही वोट किया है।"
10:11AM : 44 कांग्रेस विधायकों को लेकर बस विधानसभा पहुंची।
 - 10:05AM : कांग्रेस के धर्मेंद्र जाडेजा ने कहा, "कांग्रेस ने एक साल से हमारी बात नहीं सुनी। हमने बलवंत सिंह को वोट किया है।"
- 10:00AM : शंकर सिंह वाघेला ने कहा, " जब कांग्रेस जीतने वाली ही नहीं है तो बिना मतलब कांग्रेस को वोट देने का मतलब ही नहीं है। हमने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया। बीजेपी के तीनों कैंडिडेट जीतेंगे, कांग्रेस के कैंडिडेट की संभावना नहीं है।अपनी पुरानी पार्टी (कांग्रेस) को बहुत समझाया था और 21 जुलाई को अपने जन्मदिन पर इसे मुक्त भी कर दिया था। मैंने अपना वोट अपने अजीज अहमद भाई को नहीं दिया। इसका मुझे अफसोस है, क्योंकि उनके समर्थन में 40 विधायक भी नहीं है। जो 44 लोग उनके साथ थे, उनमें भी 4-5 उन्हें वोट नहीं करने वाले। कांग्रेस को पटेल जैसे बड़े नेता की प्रतिष्ठा के साथ मजाक नहीं करना चाहिए था।"
9:57AM : कांग्रेस एमएलए महेंद्र सिंह वाघेला और एनसीपी के कंधाल जाडेजा ने अमित शाह का आशीर्वाद लिया।
- 9:52AM : कांग्रेस विधायक राघवजी पटेल ने कहा, "मैंने बलवंत सिंह राजपूत को वोट किया। मैं राजनीति में तो रहना चाहूंगा लेकिन कांग्रेस में नहीं। गुजरात में 2 पार्टियां हैं- बीजेपी और कांग्रेस। अगर मैं कांग्रेस में नहीं हूं तो आप समझ सकते हैं कि किस पार्टी में हूं।"
9:30AM : एनसीपी के एमएलए कंधाल जाडेजा ने कहा, "हमने कल ही सारी बातें साफ कर दी थी। शाम को सबकुछ पता चल जाएगा।"
 
इलेक्शन में नोटा का होगा इस्तेमाल
- इलेक्शन कमीशन के नोटिफिकेशन के मुताबिक इस बार राज्यसभा इलेक्शन में बैलेट पेपर में NOTA ऑप्शन का इस्तेमाल होगा। कांग्रेस इसे हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, लेकिन कोर्ट ने नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
 
कांग्रेस के पास 51 विधायक बचे हैं
- कांग्रेस से 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी के पास अब 57 की जगह 51 विधायक बचे हैं। फूट के बाद पार्टी को अपने 44 विधायकों को बेंगलुरु शिफ्ट करना पड़ा था। 7 विधायक गुजरात में ही रहे, लेकिन वे सामने नहीं आए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ऐसा कहा जा रहा कि ये सभी वाघेला कैम्प के संपर्क में हैं। बता दें कि कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला ने भी पिछले दोनों पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। 
 
क्या है समीकरण?
- गुजरात असेंबली में कुल 182 सीटें हैं। 6 विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी है। सभी विधानसभा से भी इस्तीफा दे चुके हैं। अब असेंबली में 176 MLA बचे हैं।
- बीजेपी के 121 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास 51 विधायक हैं।
- अगर कांग्रेस के विधायकों ने फिर क्रॉस वोटिंग की तो पटेल के लिए 46 वोट तक पहुंचना मुश्किल होगा। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के तीन विधायकों ने एनडीए कैंडिडेट रामनाथ कोविंद के सपोर्ट में वोटिंग की थी।
- देर शाम एनसीपी के दो विधायक ने बीजेपी को सपोर्ट करने की बात कही। पहले ये पटेल के साथ होने की बात कर रहे थे। गुजरात परिवर्तन पार्टी के टिकट पर जीते बीजेपी के बागी विधायक कांग्रेस को सपोर्ट कर सकते हैं।
- उधर, जेडीयू के एक विधायक  छोटेभाई वासवा ने कहा था कि वे उस कैंडिडेट को ही सपोर्ट करेंगे जो उनके क्षेत्र को कुछ देगा। हालांकि, अब उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। 
 
जीत के लिए 45 वोट चाहिए
- स्टेट इलेक्शन कमीशन के ऑफिशयल्स के मुताबिक, एक कैंडिडेट को जीत के लिए कुल वोट (176) के एक चौथाई से एक वोट ज्यादा चाहिए। यानी 44 से एक ज्यादा वोट चाहिए। इस हिसाब से 45 वोट की जरूरत होगी। बता दें कि इस चुनाव में एक वोट की वैल्यू एक है। यानी 176 विधायकों के 176 वोट हुए। 
- बीजेपी के पास 121 वोट हैं। अमित शाह और स्मृति ईरानी का 45-45 वोट के साथ जीतना तय है। मगर, तीसरे कैंडिडेट बलवंत सिंह राजपूत के पास सिर्फ 31 वोट रह जाते हैं। उन्हें जीतने के लिए 14 वोट और चाहिए।
- उधर, पटेल को जीत का भरोसा है। उन्होंने कहा, ''हमारे पास 16 एक्स्ट्रा वोट हैं। मुझे अपने MLAs पर पूरा भरोसा है।'' साथ ही पटेल ने NCP के सपोर्ट का भी दावा किया।  
- उन्होंने कहा- शंकर सिंह बाघेला चुनावों में उन्हें ही वोट देंगे। उन्होंने कहा कि वाघेला ने उन्हें खुद वोट देने की बात कही है। इतना ही नहीं पार्टी छोड़कर गए 6 विधायक भी मुझे ही वोट देंगे। मुझे हराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने तमाम साधनों का इस्तेमाल किया है, लेकिन मैं अपने सभी विधायकों का आभारी हूं, जो इस वक्त भी मेरे साथ खड़े रहे। 
 
तब क्या होगा? जब बलवंत राजपूत और पटेल को नहीं मिलेंगे 45 वोट
- अगर पहले राउंड में बीजेपी कैंडिडेट बलवंत सिंह राजपूत और कांग्रेस के अहमद पटेल को 45 वोट नहीं मिले, तब सेकंड प्रिफेंशियल वोट की काउंटिंग होगी। बता दें कि राज्यसभा चुनाव में एक वोटर को कैंडिडेट्स को फर्स्ट प्रिफरेंस, सेकंड प्रिफरेंस और थर्ड प्रिफरेंस... देकर अपनी पसंद बतानी होती है।
 
इन सीटों पर चुने जा चुके हैं सांसद
- गोवा से एक सीट खाली थी। बीजेपी के विनय तेंडुलकर ने कांग्रेस के शांताराम नाइक को हराया था।
- मध्य प्रदेश से एक सीट अनिल माधव दवे के निधन की वजह से खाली थी। बीजेपी की संपतिया उइके निर्विरोध चुनी गईं।
- बंगाल में तृणमूल से डेरेक ओ ब्रायन, सुखेंदु शेखर रे, शांता छेत्री, डोला सेन और मानस रंजन भुनिया मैदान में थे। कांग्रेस से प्रदीप भट्टाचार्य चुनाव मैदान में थे। पांच सीटों पर तृणमूल और एक पर कांग्रेस उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिली। सीपीआई (एम) के सीनियर लीडर बिकाश रंजन भट्टाचार्य का नॉमिनेशन इलेक्शन कमीशन ने रद्द कर दिया था। इसके साथ ही राज्यसभा के 60 साल के इतिहास में यह पहला मौका था, जब बंगाल की लेफ्ट पार्टी से राज्यसभा चुनाव में एक भी कैंडिडेट नहीं था।
- बता दें कि वेस्ट बंगाल से इन मेंबर्स का टेन्योर 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), देबब्रत बंधोपाध्याय (टीएमसी), प्रदीप भट्टाचार्य (कांग्रेस), सीताराम येचुरी (सीपीएम), एस. रॉय (टीएमसी) और डोला सेन (टीएमसी)। 
 
अभी ये है राज्यसभा की स्थिति
पार्टी सीटें 
बीजेपी 58 
कांग्रेस 57
 सपा18
एआईएडीएमके13 
 टीएमसी 12 
अन्य दल85
 
10 बाकी दलों की ये है स्थिति:  बीजेडी 8, सीपीआईएम 8, नॉमिनेटेड 8, टीडीपी 6, इंडिपेंडेंट और अन्य 6 हैं। बीएसपी के पास 5, एनसीपी 5, डीएमके 4, टीआरएस 3, आरजेडी 3, शिवसेना 3, एसएडी 3, पीडीपी 2, जेडीएस 1, जेएमएम 1, केरला कांग्रेस (एम) 1, इंडियन नेशनल लोक दल 1, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 1, सीपीआई 1, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट 1, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया 1, नगा पीपुल्स फ्रंट 1 और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 1।
 
2018 में इस तरह बदलेगी राज्यसभा की तस्वीर
- 2018 में राज्यसभा की तस्वीर बदल जाएगी, क्योंकि 19 राज्यों में राज्यसभा चुनाव होंगे। सबसे ज्यादा फायदा उत्तरप्रदेश से होगा। इस राज्य में बीजेपी-एनडीए को 10 में से 8 सीट मिल सकती हैं। इस तरह 7 सीट का फायदा होगा।
- इसके अलावा बीजेपी को आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड और उत्तराखंड से राज्यसभा सीट मिल सकती हैं। वहीं, बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में नुकसान हो सकता है। इस तरह बीजेपी/एनडीए के खाते में 11 सीट जाएंगी, वहीं यूपीए को 11 सीट मिलेंगी।
- 2017 में गुजरात और हिमाचल में असेंबली चुनाव है। इनके रिजल्ट भी राज्यसभा के नंबर पर असर डालेंगे। वहीं, 2018 में चार नॉमिनेटेड मेंबर भी रिटायर हो रहे हैं। बीजेपी को अपनी पसंद के मेंबर लाने का मौका होगा। ​

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