यूपी असेंबली में PETN नाम का एक्सप्लोसिव मिला है। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिक्युरिटी को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। गुरुवार को सेशन के दौरान सिक्युरिटी मेंबर्स को संदिग्ध व्हाइट पाउडर मिला था। जिसके बाद डॉग स्क्वॉड ने पूरी असेंबली की छानबीन की थी। इस पाउडर को फॉरेंसिक लैब भेजा गया, जहां इसके एक्सप्लोसिव होने की पुष्टि हुई। विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 ग्राम एक्सप्लोसिव से पूरी विधानसभा उड़ सकती थी
। सिक्युरिटी पर क्या बोले योगी, 8 प्वाइंट...
1) सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हो
2) सिक्युरिटी के लिए नई गाइडलाइन जारी हो
3) NIA जैसी संस्था इस मामले की जांच करे
4) फोन अंदर लेकर ना आएं, लाएं तो साइलेंट करें
5) बिना पास के विधानसभा में एंट्री बैन हो
6) जिम्मेदार और जवाबदेह लोगों को सिक्युरटी सौंपी जाए
7) यूनीफॉर्म सिक्युरिटी सिस्टम होना चाहिए
8) सिक्युरिटी चेक में सहयोग करें मेंबर्स
2) सिक्युरिटी के लिए नई गाइडलाइन जारी हो
3) NIA जैसी संस्था इस मामले की जांच करे
4) फोन अंदर लेकर ना आएं, लाएं तो साइलेंट करें
5) बिना पास के विधानसभा में एंट्री बैन हो
6) जिम्मेदार और जवाबदेह लोगों को सिक्युरटी सौंपी जाए
7) यूनीफॉर्म सिक्युरिटी सिस्टम होना चाहिए
8) सिक्युरिटी चेक में सहयोग करें मेंबर्स
सदन में क्या बोले योगी?
- "पूरे विधानसभा भवन को उड़ाने के लिए 500 ग्राम PETN पर्याप्त है। कौन लोग लेकर आए हैं? हम जनप्रतिनिधियों को विशेषाधिकार दिया गया है, तो उसका ऐसा इस्तेमाल होगा। ये बुरी स्थिति है। हम अब तक बाहर की सुरक्षा के लिए चिंतित थे। इस दौरान गुरुवार को जो चीजें सामने आईं, वो गंभीर हैं। मेरा आग्रह है कि जो इस विधानभवन में लगे कर्मचारियों का वैरिफिकेशन जरूरी है।"
- "क्या हम किसी व्यक्ति को ऐसी छूट दे सकते हैं कि 403 विधायकों की सुरक्षा से खिलवाड़ करे, पूरी विधानसभा, कर्मचारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करे, जो इस प्रकार की शरारत पर उतर आया है कि सुरक्षा को चुनौती दे। ये तय होना चाहिए कि हम लोग किसी एक व्यक्ति के लिए या किसी को खुश करने के लिए या तुष्टि के लिए 503 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों-कर्मचारियों की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दे सकते।"
- "हम सभी का सहयोग चाहते हैं। ये विस्फोटक सामान्य रूप से पता नहीं लग सकता। फिजिकली चेक करने पर ही पता चलेगा। डॉग स्क्वॉड पहुंचा तो वो भी उसकी पहचान नहीं कर पाया, लैब में पहुंचने के बाद पता लगा कि ये खतरनाक PETN विस्फोटक है। ये खतरनाक आतंकी साजिश का हिस्सा है और इसके पीछे कौन लोग हैं, इसका पता करना होगा।"
- "हम चाहते हैं कि विधानसभा के सभी कर्मचारियों को पुलिस वैरिफिकेशन हो और NIA जैसी संस्था इस मामले की जांच करे।"
- "हम सभी का सहयोग चाहते हैं। ये विस्फोटक सामान्य रूप से पता नहीं लग सकता। फिजिकली चेक करने पर ही पता चलेगा। डॉग स्क्वॉड पहुंचा तो वो भी उसकी पहचान नहीं कर पाया, लैब में पहुंचने के बाद पता लगा कि ये खतरनाक PETN विस्फोटक है। ये खतरनाक आतंकी साजिश का हिस्सा है और इसके पीछे कौन लोग हैं, इसका पता करना होगा।"
- "हम चाहते हैं कि विधानसभा के सभी कर्मचारियों को पुलिस वैरिफिकेशन हो और NIA जैसी संस्था इस मामले की जांच करे।"
अपोजिशन लीडर की सीट के पास मिला था पाउडर
- सीएम ने गुरुवार शाम 4 बजे डीजीपी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, असेंबली सेक्रेटरी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर सहित कई सीनियर अफसरों की मीटिंग बुलाई थी।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक योगी ने शुक्रवार को भी इसी सिलसिले में एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई है।
डीजीपी कर रहे हैं मॉनीटिरिंग
- विधानसभा एसपी राहुल मिठास ने DainikBhaskar.com को बताया, "60 ग्राम का सफेद पाउडर मिला था। इसे जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया। वहां से इसके PETN विस्फोटक होने की पुष्टि हुई है। पाउडर अंदर कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है।'
- एडीजी इंटेलिजेंस भावेश कुमार ने कहा कि पूरे मामले की मॉनिटरिंग डीजीपी खुद कर रहे हैं।
- एडीजी इंटेलिजेंस भावेश कुमार ने कहा कि पूरे मामले की मॉनिटरिंग डीजीपी खुद कर रहे हैं।
लापरवाही भी सामने आई
- सोर्सेस के मुताबिक, "संदिग्ध पाउडर के बारे में गुरुवार को दोपहर को जानकारी मिली। लेकिन, इसके बावजूद अफसर तुरंत एक्शन लेने की बजाय सेक्रेटेरिएट खाली होने का इंतजार करते रहे। असेंबली और सेक्रेटेरिएट के ज्यादातर अधिकारी-कर्मचारियों के जाने के बाद इन्वेस्टिगेशन टीम्स को बुलाया गया।"
PETN के बारे में 5 प्वाइंट में जानिए
1) क्या होता है?
पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट यानी PETN बेहद पावरफुल प्लास्टिक एक्सप्लोसिव है। ये व्हाइट पाउडर चरमपंथियों, आतंकियों के बीच पॉप्युलर है, क्योंकि ये ब्लैक मार्केट में आसानी से मिलता है और चेक प्वाइंट्स पर इसकी जांच बेहद मुश्किल है।
2) भारत में इस्तेमाल कब?
- 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे। इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि ब्लास्ट में PETN की काफी कम मात्रा इस्तेमाल की गई थी, लेकिन उसने काफी बड़ा नुकसान किया।
- 7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे। इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि ब्लास्ट में PETN की काफी कम मात्रा इस्तेमाल की गई थी, लेकिन उसने काफी बड़ा नुकसान किया।
3) जांच मुश्किल क्यों?
- दिल्ली HC ब्लास्ट के बाद तब इंटरनल सिक्युरिटी सेक्रेटरी रहे यूके बंसल ने बताया कि मौके से PETN होने के सबूत िमले।
- बंसल ने बताया कि लो मॉलीक्यूल्स होने के चलते ये मेटल डिटेक्टर में पकड़ में नहीं आता और स्निफर डॉग भी कई बार इसे नहीं पकड़ पाते हैं।
- दिल्ली HC ब्लास्ट के बाद तब इंटरनल सिक्युरिटी सेक्रेटरी रहे यूके बंसल ने बताया कि मौके से PETN होने के सबूत िमले।
- बंसल ने बताया कि लो मॉलीक्यूल्स होने के चलते ये मेटल डिटेक्टर में पकड़ में नहीं आता और स्निफर डॉग भी कई बार इसे नहीं पकड़ पाते हैं।
4) क्यों खतरनाक है?
- Experts के मुताबिक सिक्युरिटी इक्विपमेंट्स की पकड़ में ना आने की वजह से PETN आतंकवादियों की पसंद है। इसकी केवल 100 ग्राम मात्रा ही एक कार को ब्लास्ट करने के लिए काफी है।