भोपाल। राजधानी भोपाल के टीटी नगर इलाके में बन रहे गेमन इंडिया प्रोजेक्ट पर रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (RERA) नियमों का उल्लंघन किए जाने के गंभीर आरोप लगे

चंदना अरोरा ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने गेमन प्रोजेक्ट के सृष्टि सीबीडी आवासीय परिसर, न्यू मार्केट, भोपाल में फ्लैट नंबर ए-1503 खरीदा था। कंपनी के प्रोमोटर रमेश शाह और उनके बीच हुए अग्रीमेंट के मुताबिक फ्लैट की कुल कीमत 80 लाख 62 हजार 604 रुपए थी।
चंदना अरोरा का कहना है कि वर्ष 2014 में बुकिंग के समय उनसे फ्लैट के कुल मूल्य का 80 प्रतिशत वसूल किया गया था। बिल्डिंग का निर्माण 2010-11 में शुरू हुआ, क्योंकि यह वास्तविक निर्माण पर आधारित भुगतान योजना थी, इसलिए उन्हें भरोसा दिया गया था कि 80 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चूका है।
चंदना अरोरा का कहना है कि 2014 में रमेश शाह और उनकी मार्केटिंग टीम ने भी यह भी विश्वास दिलाया था कि शेष काम एक या डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय नहीं ले सकता है। यह भी भरोसा दिलाया गया था कि 2010-11 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट का निर्माण 36 महीनों के तयशुदा डिलीवरी समय पूरा हो जाएगा।
अक्टूबर 2015 तक कंपनी की मांग पर चंदना अरोरा ने कुल बिक्री मूल्य का 90 प्रतिशत भुगतान कर दिया। उन्होंने पेयमेंट इस भरोसे में किया था कि फ्लैट का कब्ज़ा 2015 के अंत में या 2016 मध्य तक मिल जायेगा। लेकिन अक्टूबर 2015 में प्रमोटर को 90 प्रतिशत राशि का भुगतान करने के बाद भी चंदना अरोरा को आज तक न कब्ज़ा मिला है और न ही डिलीवरी के लिए कोई तिथि की पुष्टि की गई।
चंदना अरोरा का कहना है कि कम्पनी को बार—बार याद दिलाने के बावजूद भी प्रमोटर जुलाई 2017 में भी डिलीवरी की निर्धारित तिथि नहीं दे रहे हैं। चंदन अरोरा का कहना है कि चूंकि रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (आरईआरए) 2016 लागू हो चूका है, इसलिए उन्होंने सृष्टि सीबीडी और उसके प्रमोटर रमेश शाह के खिलाफ शिकायत की है।
चंदना अरोरा का कहना है कि RERA में की गई शिकायत के बाद उन्हें कई हैरान कर देने वाले तथ्य पता चले। गेमन इंडिया ने RERA की धारा 4 का घोर उल्लंघन करते हुए उनके अपार्टमेंट ए-1503 की कुल कीमत के 90 प्रतिशत का भुगतान प्रमोटर सृष्टि सीबीडी को करने के बावजूद, प्रमोटर ने आज तक उनके साथ एक ‘सेल अग्रीमेंट’ नहीं किया है।
RERA अधिनियम की धारा 13 (1) के दिशानिर्देश में यह साफ है कोई भी बिल्डर लिखित समझौते के बिना फ्लैट की कुल लागत के 10 प्रतिशत से अधिक की राशि वसूल नहीं सकता है, न उसकी मांग कर सकता है। 12 जून 2017 प्रमोटर ने मुझे को एक और डिमांड लैटर भेजकर सेल वैल्यू के 5 प्रतिशत से जयादा रकम Rs. 3 लाख 82 हजार 731 रुपए का पेमेंट मांगा। पत्र पर 17 अप्रैल, 2016 की तारीख डली है, लेकिन चंदन अरोरा को 2016 में ऐसा कोई मांग पत्र नहीं मिला था। चंदना अरोरा का आरोप है कि बिल्डर द्वारा उनसे जबरन में पैसों की वसूली की जा रही है।
चंदना अरोरा की मानें तो अभी तक यह भी साफ़ नहीं है कि प्रोजेक्ट के ‘ए’ और ‘बी’ आवासीय ब्लॉकों का कब्ज़ा ग्राहकों को एक साथ दिया जायेगा या एक के बाद एक। यह पहलू विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि ब्लॉक ‘बी’ अभी भी पूरा नहीं हुआ है।
अगर दोनों ब्लॉकों के कब्जे को एक साथ दिया जाता है तो यह धोखाधड़ी है क्योंकि मुझसे ‘ए’ ब्लॉक निर्माण लिंक योजना के अनुसार पैसा वसूल किया गया है। अगर प्रमोटर उन्हें बी ब्लॉक निर्माण योजना के अनुसार डिलीवरी देते हैं, तो यह उनके साथ धोखाधड़ी होगी।
चंदना अरोरा का कहना है कि सृष्टि सीबीडी द्वारा की जा रही अनुचित धन की मांग के बाद, उन्होंने अपने वकील अजय गुप्ता के माध्यम से प्रमोटर रमेश शाह को बीती 22 मई को कानूनी नोटिस जारी किया था। नोटिस में अनुचित तरीके से जो पैसा वे मांग रहे हैं उसे निरस्त किए जाने, जिन मदों में पैसा लेना चाहते हैं उसके बारे में उचित स्पष्टीकरण दिया जाए, रेरा 2016 के नियमों का पालन करें, रेरा में अपने प्रोजेक्ट का पंजीकरण करवाए जाने आदि सवाल पूछे गए हैं।
चंदना अरोरा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनके नोटिस का प्रमोटर द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि कम्पनी ने उनके साथ धोखाधड़ी की अभी तक फ्लैट का कब्जा नहीं दिया है, उसे जल्द दिया जाए। साथ ही उनको होने वाले नुकसान की भरपाई भी कम्पनी द्वारा की जाए।