किसान आंदोलन के ठीक एक माह बाद गुरुवार को मंदसौर में कांग्रेस ने एक बड़ा आंदोलन किया
। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, प्रदेशअध्यक्ष अरुण यादव सहित कई बड़े नेता पहुंचे। सत्याग्रह और जेल भरो आंदोलन के लिए प्रदेशभर से 1500 से ज्यादा कांग्रेसी यहां पहुचे। इसके पहले पिपलियामंडी के बही चौपाटी पर अभा किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा मृत किसानों को श्रद्धांजलि देने और महापंचायत करने के कार्यक्रम को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी। साथ ही इसमें शामिल होने आए मुलताई के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आंदोलन को देखते हुए पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
कांगेस बोली, प्रदेश सरकार ने किसानों पर गोली चलवाई
- सुबह 11 बजे से शुरू होने वाला यह आंदोलन करीब 1 घंटे देरी से शुरू हुआ। इसमें शिरकत करने राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश दो घंटे लेट पहुंचे, जबकि प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव करीब तीन घंटे बाद यहां आए। मंच पर बालकवि बैरागी, मीनाक्षी नटराजन, पूर्प मंत्री नरेंद्र नहाटा सहित 15 सौ से ज्यादा नेता कार्यकर्ता आंदोलन में शामिल हुए।
- कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कि किसानों पर लाठी और गोली दोनो चली पर सरकार आंख मूंदे रही। आखिर ऐसे कौन से कारण थे, जिसके चलते पुलिस को किसानों पर गोली चलानी पड़ी। उन्होंने कहा कि एक मंदिर के पुजारी ने हमें बताया कि मैं तो शादी का गार्ड बांटने जा रहा था। रास्ते में पुलिस ने घेर कर मुझे पीटा। जब पुजारी ने कहा कि ये कार्ड देख लो मैं इसी काम से जा रहा हूं तो फिर से उसे बुरी तरह से पीटा गया और थाने ले जाया गया। कांग्रसियों ने कहा कि ये सब आखिर क्यों किया गया। एक निहत्थे पुजारी को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा।
600 जवान तैनात
आंदोलन पर बात करते हुए कलेक्टर ने कहा प्रशासन की पूरी तैयारी है। पुलिस के साथ हर जगह मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। किसानों की महापंचायत को अनुमति नहीं मिलने से इसके विरोध स्वरूप बनने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए पिपलिया मंडी में 600 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था।
आंदोलन पर बात करते हुए कलेक्टर ने कहा प्रशासन की पूरी तैयारी है। पुलिस के साथ हर जगह मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं। किसानों की महापंचायत को अनुमति नहीं मिलने से इसके विरोध स्वरूप बनने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए पिपलिया मंडी में 600 से ज्यादा जवानों को तैनात किया गया था।
- आंदोलन को देखते हुए गुरुवार सुबह से ही पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया था। आंदोलन में किसी प्रकार का उपद्रव नहीं हो इसके लिए भी अलग से फोर्स तैयार कर दिया गया था। आंदोलन को कर डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला ने भी तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए। उज्जैन कमिश्नर एम.बी ओझा व आईजी वी. मधुकुमार भी मंदसौर में ही रहकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
18 किसानाें को जेल भेजा
- किसान आंदोलन के दौरान 6 जून को हाईवे स्थित भरभड़िया फंटे पर जाम लगाकर प्रदर्शन व पुलिस पर पथराव करने के मामले में कैंट पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया। नीमच कैंट व सिटी थाना सहित जीरन थाने में आंदोलन के दौरान तीन प्रकरणों में 600 किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए थे। इसमें कुछ नामजद हैं। कैंट पुलिस ने 18 नामजद आरोपियों को बलवा, पथराव, आगजनी के मामले में गिरफ्तार किया था। टीआई गिरवरसिंह जलौदिया ने बताया अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है।
- किसान आंदोलन के दौरान 6 जून को हाईवे स्थित भरभड़िया फंटे पर जाम लगाकर प्रदर्शन व पुलिस पर पथराव करने के मामले में कैंट पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया। नीमच कैंट व सिटी थाना सहित जीरन थाने में आंदोलन के दौरान तीन प्रकरणों में 600 किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए थे। इसमें कुछ नामजद हैं। कैंट पुलिस ने 18 नामजद आरोपियों को बलवा, पथराव, आगजनी के मामले में गिरफ्तार किया था। टीआई गिरवरसिंह जलौदिया ने बताया अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है।