भोपाल. राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए विधानसभा को चुनाव आयोग द्वारा भेजी जाने वाली विधायकों की सूची का इंतजार है। माना जा रहा है कि रिवाइज सूची में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम नहीं होगा। संविधान विशेषज्ञों का भी कहना है कि आयोग द्वारा सदस्यता समाप्त करने और चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराने के बाद नरोत्तम राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डाल सकते।
इधर, चुनाव से जुड़े अाधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आयोग से राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के लिए जो सूची प्राप्त होगी, उसमें जिन विधायकों के नाम होंगे, वे ही वोटिंग कर पाएंगे। सूची में नाम न होने वाले विधायकों को वोट करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आयोग पहले ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए दी गई ट्रेनिंग में राज्यों के सहायक निर्वाचन अधिकारियों को हिदायत दे चुका है कि किसी तरह से प्राक्सी वोटिंग नहीं होगी। विधायक को सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में वोट नहीं डाल पाएंगे। यदि सदस्य अस्पताल में भर्ती है या न्यायिक अभिरक्षा में है तो भी वोट नहीं कर पाएंगे।
हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार, आज टल सकती है सुनवाई
मंगलवार को विधानसभा में नरोत्तम की सदस्यता को लेकर लीगल ओपिनियन लिए जाने की प्रक्रिया जारी रही। ग्वालियर हाईकोर्ट में मिश्रा की याचिका बुधवार को सुनवाई होना है, लेकिन वहां वकीलों की हड़ताल होने की वजह से यह टल सकती है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने बताया कि राजेंद्र भारती की तरफ से पैरवी करने आ रहे कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने बुधवार को आने से मना कर दिया है।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया बंगले का घेराव, प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने उनके बंगले का घेराव कर प्रदर्शन किया। चुनाव आयोग द्वारा मिश्रा को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही है। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संसदीय कार्य मंत्री इस्तीफे की मांग को लेकर चार इमली की तरफ बड़ा। कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान और मोनू सक्सेना के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल की पुलिस से झड़प हो गई।
जिसे चुनाव आयोग ने अयोग्य ठहराया, वह राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का पात्र नहीं
ऐसा कोई भी सदस्य जिसकी चुनाव आयोग ने सदस्यता समाप्त कर दी हो या चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया हो, किसी भी चुनाव में वोट डालने का पात्र नहीं होगा। यह तो राष्ट्रपति जैसे प्रतिष्ठित पद का चुनाव है। इसमें कानूनन अयोग्य ठहराए गए सदस्य को वोट डालने की पात्रता नहीं है।
सुभाष कश्यप, संविधानविद्
जिस व्यक्ति को चुनाव आयोग ने ही सदस्यता और चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया हो, वह कैसे राष्ट्रपति पद के चुनाव में वोटिंग कर सकता है।
जस्टिस एनके मोदी, रिटायर्ड जज, हाईकोर्ट
इधर, चुनाव से जुड़े अाधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आयोग से राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के लिए जो सूची प्राप्त होगी, उसमें जिन विधायकों के नाम होंगे, वे ही वोटिंग कर पाएंगे। सूची में नाम न होने वाले विधायकों को वोट करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आयोग पहले ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए दी गई ट्रेनिंग में राज्यों के सहायक निर्वाचन अधिकारियों को हिदायत दे चुका है कि किसी तरह से प्राक्सी वोटिंग नहीं होगी। विधायक को सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की स्थिति में वोट नहीं डाल पाएंगे। यदि सदस्य अस्पताल में भर्ती है या न्यायिक अभिरक्षा में है तो भी वोट नहीं कर पाएंगे।
हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार, आज टल सकती है सुनवाई
मंगलवार को विधानसभा में नरोत्तम की सदस्यता को लेकर लीगल ओपिनियन लिए जाने की प्रक्रिया जारी रही। ग्वालियर हाईकोर्ट में मिश्रा की याचिका बुधवार को सुनवाई होना है, लेकिन वहां वकीलों की हड़ताल होने की वजह से यह टल सकती है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने बताया कि राजेंद्र भारती की तरफ से पैरवी करने आ रहे कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने बुधवार को आने से मना कर दिया है।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया बंगले का घेराव, प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने उनके बंगले का घेराव कर प्रदर्शन किया। चुनाव आयोग द्वारा मिश्रा को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद कांग्रेस उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रही है। कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संसदीय कार्य मंत्री इस्तीफे की मांग को लेकर चार इमली की तरफ बड़ा। कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान और मोनू सक्सेना के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल की पुलिस से झड़प हो गई।
जिसे चुनाव आयोग ने अयोग्य ठहराया, वह राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने का पात्र नहीं
ऐसा कोई भी सदस्य जिसकी चुनाव आयोग ने सदस्यता समाप्त कर दी हो या चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया हो, किसी भी चुनाव में वोट डालने का पात्र नहीं होगा। यह तो राष्ट्रपति जैसे प्रतिष्ठित पद का चुनाव है। इसमें कानूनन अयोग्य ठहराए गए सदस्य को वोट डालने की पात्रता नहीं है।
सुभाष कश्यप, संविधानविद्
जिस व्यक्ति को चुनाव आयोग ने ही सदस्यता और चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराया हो, वह कैसे राष्ट्रपति पद के चुनाव में वोटिंग कर सकता है।
जस्टिस एनके मोदी, रिटायर्ड जज, हाईकोर्ट