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Thursday, July 13, 2017

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भोपाल मध्यप्रदेश में एटीएम में कार्ड रीडर और कैमरा लगाकर डेबिट कार्ड एटीएम में कार्ड रीडर और कैमरा लगाकर डेबिट कार्ड का डॉटा कॉपी करने वाला एक गिरोह सक्रिय

भोपाल मध्यप्रदेश में एटीएम में कार्ड रीडर और कैमरा लगाकर डेबिट कार्ड कामध्यप्रदेश में एटीएम में कार्ड रीडर और कैमरा लगाकर डेबिट कार्ड का डॉटा कॉपी करने वाला एक गिरोह सक्रिय

है। इसमें एक लड़का और लड़की के शामिल होने का संदेह है। गुलमोहर स्थित सेवॉय कांप्लेक्स के एसबीआई एटीएम में क्लोनिंग करने वाले बदमाशों ने 10-15 दिन की रैकी की है।
 
 एटीएम के वीडियो फुटेज और आसपास के लोगों से पूछताछ से पता चला है कि ये दोनों एटीएम के बाहर करीब 10.30 बजे आए। लड़के ने मास्क और हेलमेट दोनों लगा रखे थे। लड़की ने चेहरे पर स्कार्फ बांध रखा था। लड़की बाहर खड़ी रही। लड़का भीतर गया। उसने एक मिनिट के भीतर एटीएम में जाकर एटीएम कार्ड रीडर लगाया। उसके बाद की बोर्ड के ठीक ऊपर एक कैमरा लगाया। यह काम करने में उसे केवल एक मिनट से भी कम समय लगा। बताया जा रहा है कि यह लड़का एटीएम में प्रवेश करते समय हेलमेट और मास्क दोनों लगाए हुए था। 
 
लड़के को जरूर हेलमेट उतारने को कहा
नियमानुसार एटीएम के केयर टेकर हेलमेट लगाकर जाने वाले को टोकते हैं। लेकिन ज्यादतर लोग बहस करने लगते हैं। इसलिए केयर टेकर ने लड़के को दोबारा नहीं टोका। हालांकि इसके बाद एटीएम के भीतर पैसा निकालने आए एक व्यक्ति ने उसे लड़के को जरूर हेलमेट उतारने को कहा। लेकिन उसने नहीं उतारा। घटना के बाद बैंक की जांच में यह बात सामने आई। डिवाइस लगने के बाद रविवार को पूरे दिन में करीब 200 से अधिक कार्ड इस मशीन में यूज हुए। इनमें 60 से ज्यादा लोगों के डेटा कैप्चर हुए। 40 कार्ड से पैसे निकाले गए। निकाली गई राशि एक लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है। 45 लोग तो पुलिस में रिपोर्ट भी लिखा चुके हैं।
 
 
-बैंक ने 200 कार्ड ब्लॉक किए, कहा-सबको नया कार्ड देंगे।
-200 कार्ड यूज हुए, 60 के डाटा कैप्चर, 40 से पैसा निकाला।
 
सेवॉय काम्प्लेक्स के एटीएम में हुई 60 कार्ड की क्लोनिंग, एटीएम से हिडन कैमरा जब्त
सायबर पुलिस की टीम ने गुरुवार को भी गुलमोहर स्थित सेवॉय कांप्लेक्स स्थित एटीएम का जायजा लिया। पुलिस ने बुधवार रात एटीएम से एक हिडन कैमरा जब्त किया है। इसमें मेमोरी कार्ड का भी पैनल बना है। मेमोरी कार्ड पुलिस को नहीं मिला है। 
 
 
वापस करवाएंगे लोगों की रकम
रीजनल मैनेजर एसबीआई देवाशीष मिश्रा के मुताबिक ठगी का शिकार होने वाले लोगों की रकम वापस करवाने की कवायद शुरू कर दी गई है। एक प्रेसविज्ञप्ति जारी कर एसबीआई ने ये जानकारी दैनिक भास्कर को दी। वहीं, दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बैंक ने सेवॉय कांप्लेक्स के सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं करवाए हैं। नतीजा ये है कि गुरुवार को भी पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू नहीं की है।
 
 
क्या है पुलिस की परेशानी
सायबर पुलिस का मानना है कि एटीएम में लगे कैमरे की पिक्चर क्वालिटी कम होती है। साथ ही उनका डायरेक्शन भी दरवाजे की ओर होता है, लिहाजा कैमरे पर पड़ने वाले प्रकाश के चलते तस्वीर साफ नहीं आती। इसके अलावा कई मामलों में उस वक्त तस्वीर ठीक नहीं होती, जब आरोपी चेहरे पर नकाब लगाए होते हैं। यदि इन परेशानियों को दूर किया जाए तो बदमाशों तक पहुंचना ज्यादा आसान हो सकता है।
 
कार्ड रीडर डिवाइस...पिछले तीन सालों से लगातार बढ़ा इसका उपयोग
कार्ड रीडर डिवाइस लगाकर डाटा कैप्चर करने की तकनीकी काफी पुरानी है। पिछले तीन सालों से लगातार इसका उपयोग करके डाटा कैप्चर हो रहा है। जनवरी में भी कोशिश हुई थी। लेकिन तब हम पकड़ने में कामयाब हो गए थे।
अनिल श्रीवास्तव, मैनेजर, एफएसएस (एफएसएस एसबीआई के सिस्टम का मेंटेनेंस और संचालन का काम देखती है)
 
जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं होगा।
स्कीमिंग डिवाइस बाजार में महज 500-2500 रुपए तक आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इन्हें रोकने के साथ-साथ सरकार को सायबर एजुकेशन पर भी ध्यान देना चाहिए। इस तरह की गड़बड़ी कोई सायबर का जानकार व्यक्ति ही करता है। उन्हें स्कूल-कॉलेज या अन्य विभागों में लौटाया जाए तो इस जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं होगा डॉटा कॉपी करने वाला एक गिरोह सक्रिय है। इसमें एक लड़का और लड़की के शामिल होने का संदेह है। गुलमोहर स्थित सेवॉय कांप्लेक्स के एसबीआई एटीएम में क्लोनिंग करने वाले बदमाशों ने 10-15 दिन की रैकी की है।
 
 एटीएम के वीडियो फुटेज और आसपास के लोगों से पूछताछ से पता चला है कि ये दोनों एटीएम के बाहर करीब 10.30 बजे आए। लड़के ने मास्क और हेलमेट दोनों लगा रखे थे। लड़की ने चेहरे पर स्कार्फ बांध रखा था। लड़की बाहर खड़ी रही। लड़का भीतर गया। उसने एक मिनिट के भीतर एटीएम में जाकर एटीएम कार्ड रीडर लगाया। उसके बाद की बोर्ड के ठीक ऊपर एक कैमरा लगाया। यह काम करने में उसे केवल एक मिनट से भी कम समय लगा। बताया जा रहा है कि यह लड़का एटीएम में प्रवेश करते समय हेलमेट और मास्क दोनों लगाए हुए था। 
 
लड़के को जरूर हेलमेट उतारने को कहा
नियमानुसार एटीएम के केयर टेकर हेलमेट लगाकर जाने वाले को टोकते हैं। लेकिन ज्यादतर लोग बहस करने लगते हैं। इसलिए केयर टेकर ने लड़के को दोबारा नहीं टोका। हालांकि इसके बाद एटीएम के भीतर पैसा निकालने आए एक व्यक्ति ने उसे लड़के को जरूर हेलमेट उतारने को कहा। लेकिन उसने नहीं उतारा। घटना के बाद बैंक की जांच में यह बात सामने आई। डिवाइस लगने के बाद रविवार को पूरे दिन में करीब 200 से अधिक कार्ड इस मशीन में यूज हुए। इनमें 60 से ज्यादा लोगों के डेटा कैप्चर हुए। 40 कार्ड से पैसे निकाले गए। निकाली गई राशि एक लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है। 45 लोग तो पुलिस में रिपोर्ट भी लिखा चुके हैं।
 
 
-बैंक ने 200 कार्ड ब्लॉक किए, कहा-सबको नया कार्ड देंगे।
-200 कार्ड यूज हुए, 60 के डाटा कैप्चर, 40 से पैसा निकाला।
 
सेवॉय काम्प्लेक्स के एटीएम में हुई 60 कार्ड की क्लोनिंग, एटीएम से हिडन कैमरा जब्त
सायबर पुलिस की टीम ने गुरुवार को भी गुलमोहर स्थित सेवॉय कांप्लेक्स स्थित एटीएम का जायजा लिया। पुलिस ने बुधवार रात एटीएम से एक हिडन कैमरा जब्त किया है। इसमें मेमोरी कार्ड का भी पैनल बना है। मेमोरी कार्ड पुलिस को नहीं मिला है। 
 
 
वापस करवाएंगे लोगों की रकम
रीजनल मैनेजर एसबीआई देवाशीष मिश्रा के मुताबिक ठगी का शिकार होने वाले लोगों की रकम वापस करवाने की कवायद शुरू कर दी गई है। एक प्रेसविज्ञप्ति जारी कर एसबीआई ने ये जानकारी दैनिक भास्कर को दी। वहीं, दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बैंक ने सेवॉय कांप्लेक्स के सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं करवाए हैं। नतीजा ये है कि गुरुवार को भी पुलिस ने बदमाशों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू नहीं की है।
 
 
क्या है पुलिस की परेशानी
सायबर पुलिस का मानना है कि एटीएम में लगे कैमरे की पिक्चर क्वालिटी कम होती है। साथ ही उनका डायरेक्शन भी दरवाजे की ओर होता है, लिहाजा कैमरे पर पड़ने वाले प्रकाश के चलते तस्वीर साफ नहीं आती। इसके अलावा कई मामलों में उस वक्त तस्वीर ठीक नहीं होती, जब आरोपी चेहरे पर नकाब लगाए होते हैं। यदि इन परेशानियों को दूर किया जाए तो बदमाशों तक पहुंचना ज्यादा आसान हो सकता है।
 
कार्ड रीडर डिवाइस...पिछले तीन सालों से लगातार बढ़ा इसका उपयोग
कार्ड रीडर डिवाइस लगाकर डाटा कैप्चर करने की तकनीकी काफी पुरानी है। पिछले तीन सालों से लगातार इसका उपयोग करके डाटा कैप्चर हो रहा है। जनवरी में भी कोशिश हुई थी। लेकिन तब हम पकड़ने में कामयाब हो गए थे।
अनिल श्रीवास्तव, मैनेजर, एफएसएस (एफएसएस एसबीआई के सिस्टम का मेंटेनेंस और संचालन का काम देखती है)
 
जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं होगा।
स्कीमिंग डिवाइस बाजार में महज 500-2500 रुपए तक आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इन्हें रोकने के साथ-साथ सरकार को सायबर एजुकेशन पर भी ध्यान देना चाहिए। इस तरह की गड़बड़ी कोई सायबर का जानकार व्यक्ति ही करता है। उन्हें स्कूल-कॉलेज या अन्य विभागों में लौटाया जाए तो इस जानकारी का गलत इस्तेमाल नहीं होगा

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