कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों की बस पर सोमवार रात आतंकियों ने हमला
कर दिया। इसमें 5 महिलाओं समेत 7 यात्रियों की मौत हो गई। 15 तीर्थयात्री जख्मी भी हुए हैं। मरने वालों में 5 महिलाएं हैं। हमले के शिकार 3 यात्री गुजरात, 2 दमन और 2 महाराष्ट्र के थे। यात्रा पूरी कर सभी जम्मू लौट रहे थे। आमतौर पर सभी गाड़ियां सुरक्षा दस्ते के बीच चलती हैं। सोमवार को कॉनवॉय शाम 4 बजे लौट गया था। ओम ट्रैवल्स की इस बस के पैसेंजर योगेश ने बताया- ‘बस पंचर हो गई थी। ठीक करने में दो घंटे लगे। इस कारण हम कॉनवॉय से अलग हो गए थे। यात्रा जारी रहेगी...
- आतंकियों ने अनंतनाग के बंटिगू एरिया में पहले पुलिस पार्टी पर हमला किया। फिर वहां अमरनाथ यात्रियों से भरी एक बस पर फायरिंग की।
- बस बालटाल से मीर बाजार जा रही थी। उसका अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं था।
- बस में सवार योगेश ने बताया, "हमला रात 8:20 बजे हमला हो गया। फायरिंग के बीच ड्राइवर ने बस को तेजी से निकाली। इससे कई लोगों की जान बच गई। बस में 60 श्रद्धालु थे।" - घटना के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने पीएमओ पहुंचकर एक हाईलेवल मीटिंग की। राजनाथ सिंह ने सीएम और गवर्नर से बात कर जख्मी लोगों की मदद का भरोसा दिलाया है।
- मीटिंग के बाद सरकार ने ने फैसला किया कि अमरनाथ यात्रा जारी रहेगी। घटना के बाद राज्य में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है।
सरकार ने किया था पुख्ता इंतजाम का दावा
- सिक्युरिटी एजेंसियों ने अमरनाथ यात्रा के आतंकी निशाने पर होने की बात कही थी और अलर्ट जारी किया था।
- बुरहान वानी की बरसी (8 जुलाई) से पहले कश्मीरी रेंज के आईजी मुनीर खान ने सेना और सीआरपीएफ को चिट्ठी लिखी थी कि आतंकी सौ से डेढ़ सौ यात्रियों को मारने की साजिश रच रहे हैं।
- जिसके बाद श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा किया गया था। कहा गया था कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान यात्रा में उनके साथ चल रहे हैं।
- अमरनाथ यात्रा की सिक्युरिटी में 40 हजार जवान तैनात किए गए थे। बुरहान वानी की बरसी पर अलर्ट को देखते हुए 21 हजार जवान और तैनात किए गए थे।
- इस साल सैटेलाइट्स और ड्रोन कैमरों के जरिए भी अमरनाथ यात्रा की निगरानी की जा रही है।
दर्शन कर लौट रहे थे श्रद्धालु
- जम्मू-कश्मीर की सूचना मंत्री प्रिया सेठी ने एक चैनल से बातचीत में कहा, "मारे गए सभी श्रद्धालु गुजरात के हैं।" मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बस में वलसाड के यात्री थे जो दर्शन कर लौट रहे थे।"
- बता दें कि अमरनाथ यात्रा में आने-जाने वाली गाड़ियों को सिक्युरिटी की वजह से रात में चलने नहीं दिया जाता। सभी बसों को शाम 7 बजे बेस कैम्प पर पहुंचना होता है, लेकिन निशाना बनी बस तय वक्त तक बेस कैम्प पर नहीं पहुंची।
हमले की दो थ्योरी बताई जा रही हैं
1) बाइक से आए तीन आतंकियों ने बस पर फायरिंग की और मौके से फरार हो गए।
2) आतंकी बटेंगू में पुलिस जीप पर फायरिंग कर रहे थे। तभी यात्रियों की बस आई और शिकार हो गई।
कमाई का बड़ा हिस्सा अमरनाथ यात्रा से
- इस बीच, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है, "इस आतंकी वारदात से जम्मू-कश्मीर के लोगों को ज्यादा नुकसान होगा। उनकी रोजी-रोटी का एक बड़ा हिस्सा अमरनाथ यात्रा से आता है।"
40 दिन चलेगी अमरनाथ यात्रा
- अमरनाथ यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी, जो 40 दिन तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालु जम्मू से बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा तक जाते हैं। इस साल 2.30 लाख लोगों ने इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
17 साल पहले 27 लोग मारे गए थे
- 2000 में यात्रियों को पहलगाम में निशाना बनाया गया था। तब हुए हमले में 17 यात्रियों समेत 27 लोगों की मौत हुई थी। 36 घायल हो गए थे।
- 2000 में यात्रियों को पहलगाम में निशाना बनाया गया था। तब हुए हमले में 17 यात्रियों समेत 27 लोगों की मौत हुई थी। 36 घायल हो गए थे।
- 2007 में भी अमरनाथ यात्रियों की बस को निशाना बनाया गया था। उस हमले में कई लोग घायल हुए थे।
घुसपैठ की कोशिश नाकाम, 3 आतंकी ढेर
- उधर, कुपवाड़ा सेक्टर में सोमवार को सेना ने आतंकी घुसपैठ की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी। इस दौरान 3 आतंकी मारे गए।
- दूसरी ओर, पाकिस्तान को सख्त मैसेज देते हुए सरकार ने पुंछ-रावलकोट बस सर्विस एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दी है।
- उधर, कुपवाड़ा सेक्टर में सोमवार को सेना ने आतंकी घुसपैठ की एक बड़ी साजिश नाकाम कर दी। इस दौरान 3 आतंकी मारे गए।
- दूसरी ओर, पाकिस्तान को सख्त मैसेज देते हुए सरकार ने पुंछ-रावलकोट बस सर्विस एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दी है।