डीआईजी प्रिजन की रिपोर्ट में सामने आया है कि AIADMK की जनरल सेक्रेटरी शशिकला ने जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट हासिल करने के लिए 2 करोड़ की रिश्वत दी। डीआईजी प्रिजन डी रूपा ने अपनी रिपोर्ट में कहा,
"ये घूस प्रिजन ऑफिशियल्स को दी गई, इनमें डीजी जेल एचएन सत्यनारायण राव भी शामिल हैं।" इस लेटर में जेल के भीतर होने वाली दूसरी अवैध एक्टिविजीज का भी जिक्र किया गया है। डी रूपा ने अपनी रिपोर्ट एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी प्रिजन और होम सेक्रेटरी को भेजी है और दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है। बता दें कि शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल जेल की सजा सुनाई है। वे अभी पारापन्ना अग्रहारा सेंट्रल प्रिजन में बंद हैं।और क्या है रिपोर्ट में...
"ये घूस प्रिजन ऑफिशियल्स को दी गई, इनमें डीजी जेल एचएन सत्यनारायण राव भी शामिल हैं।" इस लेटर में जेल के भीतर होने वाली दूसरी अवैध एक्टिविजीज का भी जिक्र किया गया है। डी रूपा ने अपनी रिपोर्ट एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी प्रिजन और होम सेक्रेटरी को भेजी है और दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है। बता दें कि शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 साल जेल की सजा सुनाई है। वे अभी पारापन्ना अग्रहारा सेंट्रल प्रिजन में बंद हैं।और क्या है रिपोर्ट में...
1) स्पेशल किचन बनाया गया
- रिपोर्ट में कहा गया कि जेल में शशिकला के लिए स्पेशल किचन का सेटअप किया गया है, जो कि जेल के नियमों के खिलाफ है।
- डी रूपा ने लेटर में कहा, "स्टैम्प पेपर स्कैम में दोषी पाया गया अब्दुल करीम भी जेल के भीतर स्पेशल फैसिलिटीज हासिल कर रहा है। इससे पहले वो व्हीलचेयर पर था और कोर्ट ने उसकी देखरेख के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन, अब जब वो ठीक है, फिर ये सुविधाएं जारी क्यों हैं? असल में उसकी देखरेख के लिए 3-4 अंडरट्रायल हैं, जो उसे हैंड और फीट मसाज भी देते हैं।"
2) साथी कैदियों का मेडिकल चेकअप कराया
- "शशिकला ने अपने साथी कैदियों का जेल में ही चेकअप कराया। ड्रग टेस्ट में ये सामने आया कि कई कैदी अलग-अलग तरह की ड्रग किट्स का इस्तेमाल जेल के भीतर कर रहे हैं।"
3) नर्स के साथ छेड़छाड़ हुई
- रिपोर्ट में कहा गया, "जेल में चेकअप के लिए एक नर्स को बुलाया गया था। कैदियों ने यहां पर नर्स के साथ छेड़छाड़ की। इस मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।"
- रिपोर्ट में कहा गया, "जेल में चेकअप के लिए एक नर्स को बुलाया गया था। कैदियों ने यहां पर नर्स के साथ छेड़छाड़ की। इस मामले में अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।"
4) डॉक्टर्स पर फेक रिपोर्ट बनाने का प्रेशर
- "कैदी डॉक्टर्स पर फेक रिपोर्ट बनाने का प्रेशर बना रहे हैं, ताकि मेडिकल रीजन्स के चलते उन्हें हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जा सके।'
- डी रूपा ने रिपोर्ट में जिक्र किया, "डीजीपी प्रिजन मेरे काम में दखलंदाजी कर रहे हैं। उन्होंने एक मेमो भेजकर मुझसे जवाब मांगा है कि मैं 10 जुलाई को सेंट्रल जेल में क्यों गई थी?"
- डी रूपा ने रिपोर्ट में जिक्र किया, "डीजीपी प्रिजन मेरे काम में दखलंदाजी कर रहे हैं। उन्होंने एक मेमो भेजकर मुझसे जवाब मांगा है कि मैं 10 जुलाई को सेंट्रल जेल में क्यों गई थी?"
आरोपों पर क्या बोले DG प्रिजन?
- डीजी प्रिजन सत्यनारायण राव ने कहा, "इस लेटर में लगाए गए आरोपों में कोई भी सच्चाई नहीं है। रिश्वत के आरोपों से मैं पूरी तरह इनकार करता हूं। अगर उन्हें जेल में कुछ बातें नजर आई हैं तो उन्हें बातचीत करनी चाहिए। अगर उन्हें (डी रूपा) लगता है कि मेरे खिलाफ कोई आरोप हैं तो मैं जांच के लिए तैयार हूं। जहां तक शशिकला को असिस्टेंस देने के बात है तो ये कोर्ट का ऑर्डर है और हम केवल उन आदेशों का पालन कर रहे हैं।"
किस मामले में दी गई शशिकला को सजा?
- सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को बेहिसाब प्रॉपर्टी (डिसप्रपोर्शनेट एसेट-DA) मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट ने पूरा फैसला महज आठ मिनट में सुना दिया। 21 साल से ये मामला चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के 4 साल की सजा के फैसले को बरकरार रखा। 10 करोड़ जुर्माना लगाया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसी केस में शशिकला और जयललिता को 2015 में बरी कर दिया था।
फैसला सुनाते वक्त क्या कहा था SC ने?
- 14 फरवरी को SC में इस मामले पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस पीसी घोष ने कहा था, "आप समझ सकते हैं कि कितना भारी जजमेंट है। हम काफी भार महसूस कर रहे थे।"
- जस्टिस अमिताभ रॉय ने कहा था, "समाज में बढ़ते करप्शन को लेकर हम काफी चिंता जता चुके हैं।"
- बेंच ने कहा था, "करप्शन बेईमानी और गलत तरीके से पैसा कमाने और फायदा उठाने का जरिया है। 34 कंपनियां सिर्फ कानून की आंख में धूल झोंकने और बेहिसाबी संपत्ति को जस्टिफाई करने के लिए बनाई गईं। इस मामले से साबित होता है कि बड़े पैमाने पर असेट्स को ठिकाने के लिए साजिश रची गई। पब्लिक लाइफ में करप्शन का यह केस एक नमूना है। कुछ लोग पावर का गलत फायदा उठाते हैं, और इंस्टीट्यूशनल नॉर्म्स को तोड़ा जाता है।"
- 14 फरवरी को SC में इस मामले पर फैसला सुनाते हुए जस्टिस पीसी घोष ने कहा था, "आप समझ सकते हैं कि कितना भारी जजमेंट है। हम काफी भार महसूस कर रहे थे।"
- जस्टिस अमिताभ रॉय ने कहा था, "समाज में बढ़ते करप्शन को लेकर हम काफी चिंता जता चुके हैं।"
- बेंच ने कहा था, "करप्शन बेईमानी और गलत तरीके से पैसा कमाने और फायदा उठाने का जरिया है। 34 कंपनियां सिर्फ कानून की आंख में धूल झोंकने और बेहिसाबी संपत्ति को जस्टिफाई करने के लिए बनाई गईं। इस मामले से साबित होता है कि बड़े पैमाने पर असेट्स को ठिकाने के लिए साजिश रची गई। पब्लिक लाइफ में करप्शन का यह केस एक नमूना है। कुछ लोग पावर का गलत फायदा उठाते हैं, और इंस्टीट्यूशनल नॉर्म्स को तोड़ा जाता है।"
सुब्रमण्यम स्वामी ने किया था केस
- 1996 में तत्कालीन जनता पार्टी के नेता और अब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने केस दायर कर आरोप लगाया था कि जयललिता ने 1991 से 1996 तक सीएम पद पर रहते हुए 66.44 करोड़ रुपए की बेहिसाब प्रॉपर्टी इकट्ठा की थी।
- जब मामला बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट में पहुंचा तो प्रॉसिक्यूशन ने जयललिता की संपत्ति का ब्योरा दिया। कहा- जयललिता, शशिकला और बाकी दो आरोपियों ने 32 कंपनियां बनाईं जिनका कोई कारोबार नहीं था। ये कंपनियां सिर्फ काली कमाई से प्रॉपर्टीज खरीदती थीं।
- इन कंपनियों के जरिए नीलगिरी में 1000 एकड़ और तिरुनेलवेली में 1000 एकड़ की जमीन खरीदी गई। जयललिता के पास 30 किलोग्राम साेना, 12 हजार साड़ी थीं। उन्होंने एडॉप्ट किए गए बेटे वी.एन. सुधाकरण की शादी पर 6.45 करोड़ रुपए खर्च किए। अपने घर पर एडिशनल कंस्ट्रक्शन पर 28 करोड़ रुपए लगाए।
- जब मामला बेंगलुरू की स्पेशल कोर्ट में पहुंचा तो प्रॉसिक्यूशन ने जयललिता की संपत्ति का ब्योरा दिया। कहा- जयललिता, शशिकला और बाकी दो आरोपियों ने 32 कंपनियां बनाईं जिनका कोई कारोबार नहीं था। ये कंपनियां सिर्फ काली कमाई से प्रॉपर्टीज खरीदती थीं।
- इन कंपनियों के जरिए नीलगिरी में 1000 एकड़ और तिरुनेलवेली में 1000 एकड़ की जमीन खरीदी गई। जयललिता के पास 30 किलोग्राम साेना, 12 हजार साड़ी थीं। उन्होंने एडॉप्ट किए गए बेटे वी.एन. सुधाकरण की शादी पर 6.45 करोड़ रुपए खर्च किए। अपने घर पर एडिशनल कंस्ट्रक्शन पर 28 करोड़ रुपए लगाए।