सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि अगर लोगों के पास 1000-500 के पुराने नोट जमा ना कर पाने की सही वजह है तो उन्हें दोबारा डिपॉजिट की इजाजत मिलनी चाहिए
।SC ने केंद्र को इस मामले पर विचार के लिए दो हफ्तों का वक्त दिया है। केंद्र ने SC से कहा कि वो इस मामले में एक एफिडेविट फाइल करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। केंद्र से पूछा सवाल...
- SC डिवीजन बेंच ने कहा, "जो लोग 500-1000 के नोट जमा नहीं कर पाए हैं, उन्हें ये नोट डिपॉजिट करने के लिए फिर से विंडो खोली जा सकती है?"
- "केंद्र इस ऑप्शन पर विचार करे कि जो लोग सही कारणों के चलते 500-1000 के पुराने नोट नहीं जमा कर पाए हैं, उनके लिए दोबारा विंडो ओपन की जाए।"
SC ने क्या मिसाल दी?
- जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "ऐसी भी स्थिति हो सकती है जिसमें किसी शख्स की कोई गलती ना हो और वो अपना पैसा खो दे। मान लीजिए कि कोई शख्स इस दौरान जेल में रहा हो। हम ये जानना चाहते हैं कि आपने ऐसे शख्स को डिपॉजिट करने से क्यों रोक रहे हैं।'
केंद्र ने क्या जवाब दिया?
- केंद्र की तरफ से मौजूद सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा, "इस पर हमें सोचने के लिए वक्त चाहिए कि क्या केस के बेस पर किसी शख्स को डिपॉजिट की परमीशन दी जा सकती है या नहीं।"
- केंद्र की तरफ से मौजूद सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा, "इस पर हमें सोचने के लिए वक्त चाहिए कि क्या केस के बेस पर किसी शख्स को डिपॉजिट की परमीशन दी जा सकती है या नहीं।"
कितना वक्त दिया गया करंसी एक्सचेंज के लिए?
- सरकार ने 500-1000 के नोटों को बदलने के लिए 30 दिसंबर 2016 तक का वक्त दिया गया था। इस दौरान लोग बैंक, पोस्ट ऑफिस और RBI में नोट डिपॉजिट कर सकते थे। इसके बाद 31 मार्च 2017 तक RBI की ब्रांच में पुराने नोट जमा करने का वक्त दिया गया था।
4 घंटे में 15 लाख करोड़ की करंसी बाहर हो गई थी
- 8 नवंबर को मोदी ने रात 8 बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1000 रुपए के नोट आधी रात से बंद करने का एलान किया। यानी महज 4 घंटे में देश की इकोनॉमी से 15 लाख करोड़ रुपए की करंसी बाहर हो गई।
क्यों लिया था नोटबंदी का फैसला?
- नोटबंदी का मकसद डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना यानी नकदी रहित अर्थव्यवस्था खड़ी करना था। साथ ही, मार्केट से फेक करंसी को बाहर करना, कालाधन वापस लाना और करप्शन पर रोक लगाना भी इसका मकसद था। टेरर फंडिंग रुकने की भी उम्मीद की गई थी।