एमपी में अन्नदाता किसान के सुसाइड करने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मुरैना के एक किसान ने सूदखोरों और बैंक का कर्जा नहीं चुका पाने के डिप्रेशन में ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया
। किसान के सुसाइड को अफसर दबाने में जुट गए हैं, और इसे घरेलू कलह से जोड़ रहे हैं। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह है मामला....
- मुरैना के नाहर का पुरा गांव के किसान मोहन सिंह के पास बमुश्किल 10 बीघा जमीन थी। पिछले 4 सालों से उसे फसल में फायदा नहीं हो रहा था। मोहन सिंह ने बैंक के अलावा गांव के साहूकारों से भी लाखों रुपए का कर्ज ले लिया था।
- अब बैंक और सूदखोर साहूकार रकम वापस करने का दबाव बना रहे थे। मोहन सिंह ने कई बार साहूकारों से समय मांगा, लेकिन उसके ऊपर दबाव बनाया गया।
- 27 जून की शाम को मोहन सिंह घर से बिना बताए चला गया। थोड़ी देर बाद सूचना मिली कि मोहन का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है। मोहन की मौत की खबर घर में आते ही कोहराम मच गया।
- मोहन के घर में उसकी तीन लड़कियां, मां और पत्नी है। उसके भतीजे सोनू ने अंतिम संस्कार किया। सोनू का कहना है कि चाचा के ऊपर करीब 5 लाख रुपए का कर्जा था। अब उनके परिवार की देखभाल की समस्या है।
- उधर प्रशासन मोहन सिंह की मौत का कारण कर्जा नहीं मानते हैं। तहसीलदार भूपेन्द्र सिंह सुसाइड को घरेलू कलह से जोड़ते हुए कहा कि घर में लड़ाई होने के बाद मोहन सिंह ने सुसाइड किया है। हालांकि परिजन कर्जे की बात कह रहे हैं, इसकी जांच कराई जाएगी
। किसान के सुसाइड को अफसर दबाने में जुट गए हैं, और इसे घरेलू कलह से जोड़ रहे हैं। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह है मामला....
- मुरैना के नाहर का पुरा गांव के किसान मोहन सिंह के पास बमुश्किल 10 बीघा जमीन थी। पिछले 4 सालों से उसे फसल में फायदा नहीं हो रहा था। मोहन सिंह ने बैंक के अलावा गांव के साहूकारों से भी लाखों रुपए का कर्ज ले लिया था।
- अब बैंक और सूदखोर साहूकार रकम वापस करने का दबाव बना रहे थे। मोहन सिंह ने कई बार साहूकारों से समय मांगा, लेकिन उसके ऊपर दबाव बनाया गया।
- 27 जून की शाम को मोहन सिंह घर से बिना बताए चला गया। थोड़ी देर बाद सूचना मिली कि मोहन का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा हुआ है। मोहन की मौत की खबर घर में आते ही कोहराम मच गया।
- मोहन के घर में उसकी तीन लड़कियां, मां और पत्नी है। उसके भतीजे सोनू ने अंतिम संस्कार किया। सोनू का कहना है कि चाचा के ऊपर करीब 5 लाख रुपए का कर्जा था। अब उनके परिवार की देखभाल की समस्या है।
- उधर प्रशासन मोहन सिंह की मौत का कारण कर्जा नहीं मानते हैं। तहसीलदार भूपेन्द्र सिंह सुसाइड को घरेलू कलह से जोड़ते हुए कहा कि घर में लड़ाई होने के बाद मोहन सिंह ने सुसाइड किया है। हालांकि परिजन कर्जे की बात कह रहे हैं, इसकी जांच कराई जाएगी