मुंबई. 1993 में मुंबई में हुए बम धमाके के मामले में दोषी पाए गए 6 में से 5 मुजरिमों को ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए। सोमवार को प्रॉसिक्युशन ने टाडा कोर्ट के सामने यह मांग रखी। यानी इनडायरेक्टली मामले में दोषी पाए मुस्तफा दोसा समेत 5 मुजरिमों के लिए फांसी की मांग की गई है। सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि के तहत लाया गया है। इस संधि की शर्त के मुताबिक उसे न तो फांसी दी जा सकती है, न ही उम्रकैद हो सकती है। दोषियों को कितनी सजा हो, इस पर मंगलवार को बहस होगी। बता दें कि 12 मार्च 1993 को हुए धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी। 713 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। उस वक्त करीब 27 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा था। इस मामले में 4 नवंबर 1993 को 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। सलेम के लिए नहीं मांग सकते फांसी...
- सोमवार काे इस केस की सुनवाई शुरू होने पर बचाव पक्ष के वकील सुदीप पासबोला ने कहा कि प्रॉसिक्युशन सजा को लेकर दलीलें रखे, जिससे पता चले कि वह किस आधार पर मुजरिमों के लिए सजा की मांग कर रहे हैं।
- इस पर साल्वी ने कहा कि हम सभी मुजरिमों के लिए कानून में दी गई ज्यादा से ज्यादा सजा चाहते हैं। ऐसे में समझा जाता है कि उन्होंने 5 दोषियों के लिए फांसी की मांग की है।
दोषी फिरोज की मांग खारिज
- जज गोविंद सानप ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वे यह बाद में तय करेंगे कि कौन सा पक्ष पहले सजा को लेकर बहस शुरू करेगा।
- इस बीच दोषी पाए गए फिरोज खान ने अपने वकील वहाब खान के जरिए चार एप्लिकेशन फाइल कीं। इनमें से एक में उन्होंने मुद्दे पर बहस के लिए उन्हें दो हफ्ते का वक्त मांगा, लेकिन जज ने उनकी यह मांग खारिज कर दी।
- इसके बाद उन्होंने कहा कि वे अपने मुवक्किल के हालत को लेकर तीन गवाह बुलाना चाहते हैं। इस पर जज ने कहा कि वे मंगलवार को ही अपने गवाह बुलाएं और उनसे जिरह शुरू करें।
- जज ने कहा कि वे मंगलवार को ही मुजरिम मुस्तफा दोसा की उस एप्लिकेशन पर विचार करेंगे, जिसमें उसने टाडा कोर्ट के फैसले की कॉपी मांगी है।
7 में से 6 को ठहराया दोषी
- बता दें कि टाडा कोर्ट ने 16 जून को इस मामले में 6 आरोपियों- अबु सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्ला शेख, ताहिर मर्चेंट उर्फ ताहिर टकल्या, फिरोज खान और रशीद खान को दोषी ठहराया था। अब्दुल कय्यूम शेख को बरी कर दिया था।
किस दोषी का क्या रोल था?
1) मुस्तफा दोसा:इसे रायगढ़ में आरडीएक्स पहुंचाने समेत आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और साजिश रचने का दोषी। टाडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया। दोसा को भारत में आरडीएक्स लाने का भी दोषी पाया गया।
2) ताहिर मर्चेंट: कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार।
3) अब्दुल कय्यूम:संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने के लिए आरोपी बनाया गया था। इसे बरी कर दिया गया।
4) रियाज सिद्दीकी:एक्सप्लोसिव लाने के लिए अबु सलेम को अपनी कार देने का दोषी।
5) फिरोज अब्दुल राशिद खान:दुबई में हुई मीटिंग में शामिल होने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने दोषी करार दिया गया।
6) करीमउल्ला शेख:अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने का दोषी करार।
मुंबई में कैसे सिलसिलेवार हुए थे धमाके
पहला धमाका- दोपहर 1.30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
दूसरा धमाका- दोपहर 2.15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट
तीसरा धमाका- दोपहर 2.30 बजे, शिव सेना भवन
चौथा धमाका- दोपहर 2.33 बजे, एयर इंडिया बिल्डिंग
पांचवां धमाका- दोपहर 2.45 बजे, सेन्चुरी बाजार
छठा धमाका- दोपहर 2.45 बजे, माहिम
सातवां धमाका- दोपहर 3.05 बजे, झवेरी बाजार
आठवां धमाका- दोपहर 3.10 बजे, सी रॉक होटल
नौवां धमाका- दोपहर 3.13 बजे, प्लाजा सिनेमा
दसवां धमाका- दोपहर 3.20 बजे, जुहू सेंटूर होटल
ग्यारवां धमाका- दोपहर 3.30 बजे, सहार एयरपोर्ट
बारहवां धमाका- दोपहर 3.40 बजे, एयरपोर्ट सेंटूर होटल
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सलेम को पुर्तगाल से संधि के तहत लाया गया था। इसलिए उसे फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती। (फाइल)
सीबीआई ने दोसा समेत 5 के लिए फांसी की मांग की है।
1993 ब्लास्ट में कुल 250 लोग मारे गए थे
- सोमवार काे इस केस की सुनवाई शुरू होने पर बचाव पक्ष के वकील सुदीप पासबोला ने कहा कि प्रॉसिक्युशन सजा को लेकर दलीलें रखे, जिससे पता चले कि वह किस आधार पर मुजरिमों के लिए सजा की मांग कर रहे हैं।
- इस पर साल्वी ने कहा कि हम सभी मुजरिमों के लिए कानून में दी गई ज्यादा से ज्यादा सजा चाहते हैं। ऐसे में समझा जाता है कि उन्होंने 5 दोषियों के लिए फांसी की मांग की है।
दोषी फिरोज की मांग खारिज
- जज गोविंद सानप ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वे यह बाद में तय करेंगे कि कौन सा पक्ष पहले सजा को लेकर बहस शुरू करेगा।
- इस बीच दोषी पाए गए फिरोज खान ने अपने वकील वहाब खान के जरिए चार एप्लिकेशन फाइल कीं। इनमें से एक में उन्होंने मुद्दे पर बहस के लिए उन्हें दो हफ्ते का वक्त मांगा, लेकिन जज ने उनकी यह मांग खारिज कर दी।
- इसके बाद उन्होंने कहा कि वे अपने मुवक्किल के हालत को लेकर तीन गवाह बुलाना चाहते हैं। इस पर जज ने कहा कि वे मंगलवार को ही अपने गवाह बुलाएं और उनसे जिरह शुरू करें।
- जज ने कहा कि वे मंगलवार को ही मुजरिम मुस्तफा दोसा की उस एप्लिकेशन पर विचार करेंगे, जिसमें उसने टाडा कोर्ट के फैसले की कॉपी मांगी है।
7 में से 6 को ठहराया दोषी
- बता दें कि टाडा कोर्ट ने 16 जून को इस मामले में 6 आरोपियों- अबु सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्ला शेख, ताहिर मर्चेंट उर्फ ताहिर टकल्या, फिरोज खान और रशीद खान को दोषी ठहराया था। अब्दुल कय्यूम शेख को बरी कर दिया था।
किस दोषी का क्या रोल था?
1) मुस्तफा दोसा:इसे रायगढ़ में आरडीएक्स पहुंचाने समेत आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और साजिश रचने का दोषी। टाडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, एक्सप्लोसिव एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया। दोसा को भारत में आरडीएक्स लाने का भी दोषी पाया गया।
2) ताहिर मर्चेंट: कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार।
3) अब्दुल कय्यूम:संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने के लिए आरोपी बनाया गया था। इसे बरी कर दिया गया।
4) रियाज सिद्दीकी:एक्सप्लोसिव लाने के लिए अबु सलेम को अपनी कार देने का दोषी।
5) फिरोज अब्दुल राशिद खान:दुबई में हुई मीटिंग में शामिल होने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने दोषी करार दिया गया।
6) करीमउल्ला शेख:अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने का दोषी करार।
मुंबई में कैसे सिलसिलेवार हुए थे धमाके
पहला धमाका- दोपहर 1.30 बजे, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
दूसरा धमाका- दोपहर 2.15 बजे, नरसी नाथ स्ट्रीट
तीसरा धमाका- दोपहर 2.30 बजे, शिव सेना भवन
चौथा धमाका- दोपहर 2.33 बजे, एयर इंडिया बिल्डिंग
पांचवां धमाका- दोपहर 2.45 बजे, सेन्चुरी बाजार
छठा धमाका- दोपहर 2.45 बजे, माहिम
सातवां धमाका- दोपहर 3.05 बजे, झवेरी बाजार
आठवां धमाका- दोपहर 3.10 बजे, सी रॉक होटल
नौवां धमाका- दोपहर 3.13 बजे, प्लाजा सिनेमा
दसवां धमाका- दोपहर 3.20 बजे, जुहू सेंटूर होटल
ग्यारवां धमाका- दोपहर 3.30 बजे, सहार एयरपोर्ट
बारहवां धमाका- दोपहर 3.40 बजे, एयरपोर्ट सेंटूर होटल
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सलेम को पुर्तगाल से संधि के तहत लाया गया था। इसलिए उसे फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती। (फाइल)
सीबीआई ने दोसा समेत 5 के लिए फांसी की मांग की है।
1993 ब्लास्ट में कुल 250 लोग मारे गए थे