नई दिल्ली। देश के नए अटॉर्नी जनरल के रूप में वरिष्ठ वकील के के वेणुगोपाल के नाम को स्विकृति मिल गई है। ज्ञातव्य है कि तत्कालीन अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी द्वारा पद से इस्तीफा देने के फैसले के बाद के के वेणुगोपाल को नया अटॉर्नी जनरल बनाने का निर्णय लिया गया है। हांलांकि वेणुगोपाल के नाम की चर्चा पीएम मोदी के हाल ही में विदेश यात्रा पर जाने से पहले ही हो गई थी। बताया जा रहा है कि मोदी के तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होने से पहले वेणुगोपाल उनसे मिले थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। कौन हैं वेणुगोपाल?वेणुगोपाल का जन्म 1931 में केरल में हुआ था। उन्होंने बेलगाम के राजा लखामगौडा लॉ कॉलेज से कानून की पढाई की है। उनके पिता एमके नाम्बियार भी वकील थे। वेणुगोपाल के दो बेटे और एक बेटी हैं। के के वेणुगोपाल वरिष्ठ वकील और संविधान विशेषज्ञ हैं। 86 साल के वेणुगोपाल ने 1954 में मैसूर हाईकोर्ट के बार में रजिस्ट्रेशन कराया था। बाद में मद्रास हाईको88र्ट में अपने पिता एमके नाम्बियार के अंडर में प्रेक्टिस शुरू की। 1960 में सुप्रीम कोर्ट में वकालत शुरू की। वेणुगोपाल मोरारजी देसाई की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। वेणुगोपाल को पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। आडवाणी-जोशी की कर चुके हैं पैरवी: ये भी पढ़ें -
ज्ञातव्य है कि हाल ही में वेणुगोपाल वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य की ओर से भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में पेश हुए थे। ज्ञातव्य है कि इस केस में कोर्ट ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश के आरोप बहाल कर ट्रायल को 2 साल में पूरा करने का आदेश दिया है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से भी वेणुगोपाल टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।