ग्वालियर. आर्म्स ट्रेनिंग के बाद सिवनी में दरोगा पति से मिलकर सोमवार सुबह लौटी प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर वंदना परमार ने शाम 7 बजे बाथरूम में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। शव गायत्री नगर के मकान में बाथरूम के शॉवर पर लटका मिला।
जिस वक्त उन्होंने फांसी लगाई, घर में ससुर, मौसी सास मौजूद थे, लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी। उनके पति चंद्रशेखर कुशवाह सिवनी जिले में बतौर एसआई कार्यरत हैं। वंदना स्वयं ग्वालियर की डीआरपी लाइन में पदस्थ थी। मूलत: भिंड निवासी वंदना के शव का पोस्टमार्टम मायके पक्ष के लोगों की मौजूदगी में मंगलवार सुबह किया जाएगा।
सुसाइड नोट नहीं मिला
पुलिस ने घर से सुसाइड नोट ढूंढने की कोशिश की, लेकिन ऐसा कोई कागज हाथ नहीं लगा। ससुर डॉ. बीरबल सिंह व अन्य ससुरालीजन मामले में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। थाटीपुर थाना प्रभारी यशवंत गोयल ने बताया कि 2016 में ही वंदना एसआई चुनी गईं थीं। करीब डेढ़ महीने इंदौर में आर्म्स ट्रेनिंग (एटीपी) पूरी करने के बाद वह सिवनी में पति के पास चली गई थी और सोमवार सुबह ही ग्वालियर लौटी थीं। गोयल के मुताबिक प्रारंभिक तौर पर गृह क्लेश ही आत्महत्या की वजह होना प्रतीत हो रहा है।
दोस्त ने दरवाजा खटखटाया, आवाज न आने पर झांका तो लटका दिखा शव
वंदना से मिलने उसकी सहेली क्रांति राजपूत शाम को घर पहुंची थी। उन्हें घरवालों ने बताया कि वंदना बाथरूम में है। क्रांति ने जब दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। उसने दरवाजे से झांककर देखा तो वंदना का शव बाथरूम में शॉवर से लटका हुआ है। क्रांति ने घर में मौजूद सदस्यों को बताया, फिर गेट तोड़कर शव उतारा और पुलिस को सूचना दी।
बिस्तर पर मिले दो फोन, सुसाइड की वजह तलाशने होगी जांच
पुलिस को घटना स्थल पर वंदना के दो मोबाइल फोन मिले हैं। जिनमें एक स्मार्ट और दूसरा सामान्य फोन है। थाना प्रभारी गोयल के मुताबिक दोनों फोन की जांच मंगलवार को कराई जाएगी। फोन में कोई न कोई ऐसा क्लू भी मिल सकता है जिससे वंदना के सुसाइड का कारण खुल सके।
फांसी से पहले बेटी से की हाय-हैलो
वंदना की 6 साल की बेटी समृद्धि है। घटना के वक्त वह घर के दूसरे कमरे में खेल रही थी और वंदना अपने कमरे में थी। सुसाइड से पहले वंदना ने बिस्तर पर अपने फोन रखे और बेटी से हाय-हैलो कर बाथरूम में चली गई। कुछ देर बाद वंदना की मौत की खबर बाहर आई तो बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था।
जिस वक्त उन्होंने फांसी लगाई, घर में ससुर, मौसी सास मौजूद थे, लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी। उनके पति चंद्रशेखर कुशवाह सिवनी जिले में बतौर एसआई कार्यरत हैं। वंदना स्वयं ग्वालियर की डीआरपी लाइन में पदस्थ थी। मूलत: भिंड निवासी वंदना के शव का पोस्टमार्टम मायके पक्ष के लोगों की मौजूदगी में मंगलवार सुबह किया जाएगा।
सुसाइड नोट नहीं मिला
पुलिस ने घर से सुसाइड नोट ढूंढने की कोशिश की, लेकिन ऐसा कोई कागज हाथ नहीं लगा। ससुर डॉ. बीरबल सिंह व अन्य ससुरालीजन मामले में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। थाटीपुर थाना प्रभारी यशवंत गोयल ने बताया कि 2016 में ही वंदना एसआई चुनी गईं थीं। करीब डेढ़ महीने इंदौर में आर्म्स ट्रेनिंग (एटीपी) पूरी करने के बाद वह सिवनी में पति के पास चली गई थी और सोमवार सुबह ही ग्वालियर लौटी थीं। गोयल के मुताबिक प्रारंभिक तौर पर गृह क्लेश ही आत्महत्या की वजह होना प्रतीत हो रहा है।
दोस्त ने दरवाजा खटखटाया, आवाज न आने पर झांका तो लटका दिखा शव
वंदना से मिलने उसकी सहेली क्रांति राजपूत शाम को घर पहुंची थी। उन्हें घरवालों ने बताया कि वंदना बाथरूम में है। क्रांति ने जब दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई आवाज नहीं आई। उसने दरवाजे से झांककर देखा तो वंदना का शव बाथरूम में शॉवर से लटका हुआ है। क्रांति ने घर में मौजूद सदस्यों को बताया, फिर गेट तोड़कर शव उतारा और पुलिस को सूचना दी।
बिस्तर पर मिले दो फोन, सुसाइड की वजह तलाशने होगी जांच
पुलिस को घटना स्थल पर वंदना के दो मोबाइल फोन मिले हैं। जिनमें एक स्मार्ट और दूसरा सामान्य फोन है। थाना प्रभारी गोयल के मुताबिक दोनों फोन की जांच मंगलवार को कराई जाएगी। फोन में कोई न कोई ऐसा क्लू भी मिल सकता है जिससे वंदना के सुसाइड का कारण खुल सके।
फांसी से पहले बेटी से की हाय-हैलो
वंदना की 6 साल की बेटी समृद्धि है। घटना के वक्त वह घर के दूसरे कमरे में खेल रही थी और वंदना अपने कमरे में थी। सुसाइड से पहले वंदना ने बिस्तर पर अपने फोन रखे और बेटी से हाय-हैलो कर बाथरूम में चली गई। कुछ देर बाद वंदना की मौत की खबर बाहर आई तो बेटी का रो-रोकर बुरा हाल था।