मुंबई. 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी मुस्तफा दौसा को सीने में दर्द की शिकायत के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया
है। न्यूज एजेंसी ने जेजे हॉस्पिटल के डीन टीपी लहाने के हवाले से यह जानकारी दी है। लहाने ने कहा कि मुस्तफा को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की भी शिकायत है। उसने अपनी हार्ट प्रॉब्लम के बारे में स्पेशल टाडा कोर्ट को बता दिया था। वह बाईपास सर्जरी कराना चाहता है। दौसा के लिए फांसी की मांग...
- स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्युटर ने इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट से दौसा के लिए फांसी की सजा सुनाने की मांग की थी।
- बता दें कि 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के 24 साल बाद 16 जून को स्पेशल टाडा कोर्ट ने गैंगस्टर अबु सलेम और मुस्तफा दौसा समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। सबूतों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया।
- दोषियों को अभी सजा नहीं सुनाई गई है। सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया था। ऐसे में प्रत्यर्पण संधि की शर्त के तहत उसे फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती। उसे ज्यादा से ज्यादा 25 साल जेल की सजा हो सकती है।
- बता दें कि 12 मार्च 1993 को हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हुए थे। करीब 27 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था।
धमाकों के लिए किसका क्या रोल था?
1) अबु सलेम: धमाके के लिए हथियार लाने-बांटने, साजिश रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का दोषी। इसे 2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया।
2) मुस्तफा दोसा: ब्लास्ट के लिए हथियार और विस्फोटक मंगवाने का मास्टरमाइंड है। रायगढ़ में हथियार लैंड कराए और आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और साजिश रचने का दोषी है।
3) ताहिर मर्चेंट: कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार। दुबई में ब्लास्ट के लिए पैसा जमा किया।
4) रियाज सिद्दीकी: एक्सप्लोसिव लाने के लिए अबु सलेम को भड़ूच में अपनी कार देने का दोषी।
5) फिरोज अब्दुल राशिद खान: दुबई में हुई मीटिंग में शामिल होने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने दोषी करार दिया गया।
6) करीमउल्ला शेख: अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने का दोषी करार।
7) अब्दुल कयूम: दुबई में दाऊद इब्राहिम के ऑफिस में मैनेजर था। इसे संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने का आरोपी बनाया। कोर्ट ने इसे बरी कर दिया।
मुंबई ब्लास्ट में यह दूसरा फैसला, पहला 2007 में आया
- मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में 16 जूने को आरोपियों के दूसरे बैच को सजा सुनाई गई। इससे पहले 2007 में 100 लोग दोषी ठहराए गए थे, जबकि 23 बरी किए गए थे।
- सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई के बाद एक दोषी याकूब मेमन को 2015 में फांसी दे दी गई, जबकि संजय दत्त सहित 99 अन्य को अलग-अलग समय के लिए जेल भेजा गया था।
-750 प्रॉसिक्यूसन विटनेस और 50 विटनेस के बयान अदालत ने दर्ज किए। अबु सलेम सहित तीन आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया था।
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह दुनिया का पहला आतंकी हमला था, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था।
सलेम सहित सात आरोपियों के खिलाफ 2007 में शुरू हुआ ट्रायल
- सातों आरोपी बाद में पकड़े गए थे। 2007 में पहला ट्रायल पूरा होने पर इन सातों का ट्रायल अलग कर दिया गया था।
- इनके खिलाफ सुनवाई 2007 में शुरू हुई। लेकिन अबु सलेम, दौसा और सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं के कारण ट्रायल रुक गया।
- 2012 में दोबारा शुरू हुआ और इस साल मार्च में पूरा हुआ।
स्पेशल टाडा कोर्ट में दो जजों ने की सुनवाई
- इनके खिलाफ शुरुआती सुनवाई विशेष जज प्रमोद कोडे ने की।
- 2007 के ट्रायल में उन्होंने ही 100 लोगों को दोषी करार दिया था। उनके बाद विशेष जज जीए सानप ने सुनवाई की।
- सीबीआई ने पुर्तगाल के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि के आधार पर साल 2013 में सलेम के खिलाफ लगे कुछ आरोप वापस ले लिए थे।
33 आरोपी हैं फरार
- मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 16 जून को आया फैसला आखिरी था। फिलहाल कोई और आरोपी हिरासत में नहीं है, लेकिन 33 आरोपी फरार हैं।
- इनमें मुख्य साजिशकर्ता अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, छोटा शकील, मुस्तफा दौसा का भाई मोहम्मद दौसा और टाइगर मेमन शामिल हैं।
- माना जा रहा है कि यह लोग पाकिस्तान में हैं। सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। उसके बयान पर ही सिद्दीकी और शेख को पकड़ा गया था।
है। न्यूज एजेंसी ने जेजे हॉस्पिटल के डीन टीपी लहाने के हवाले से यह जानकारी दी है। लहाने ने कहा कि मुस्तफा को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की भी शिकायत है। उसने अपनी हार्ट प्रॉब्लम के बारे में स्पेशल टाडा कोर्ट को बता दिया था। वह बाईपास सर्जरी कराना चाहता है। दौसा के लिए फांसी की मांग...
- स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्युटर ने इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट से दौसा के लिए फांसी की सजा सुनाने की मांग की थी।
- बता दें कि 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के 24 साल बाद 16 जून को स्पेशल टाडा कोर्ट ने गैंगस्टर अबु सलेम और मुस्तफा दौसा समेत छह आरोपियों को दोषी करार दिया था। सबूतों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया।
- दोषियों को अभी सजा नहीं सुनाई गई है। सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पण करके भारत लाया गया था। ऐसे में प्रत्यर्पण संधि की शर्त के तहत उसे फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं दी जा सकती। उसे ज्यादा से ज्यादा 25 साल जेल की सजा हो सकती है।
- बता दें कि 12 मार्च 1993 को हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 लोग घायल हुए थे। करीब 27 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ था।
धमाकों के लिए किसका क्या रोल था?
1) अबु सलेम: धमाके के लिए हथियार लाने-बांटने, साजिश रचने और आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने का दोषी। इसे 2005 में पुर्तगाल से भारत लाया गया।
2) मुस्तफा दोसा: ब्लास्ट के लिए हथियार और विस्फोटक मंगवाने का मास्टरमाइंड है। रायगढ़ में हथियार लैंड कराए और आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भेजने और साजिश रचने का दोषी है।
3) ताहिर मर्चेंट: कुछ लोगों को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम करने का दोषी करार। दुबई में ब्लास्ट के लिए पैसा जमा किया।
4) रियाज सिद्दीकी: एक्सप्लोसिव लाने के लिए अबु सलेम को भड़ूच में अपनी कार देने का दोषी।
5) फिरोज अब्दुल राशिद खान: दुबई में हुई मीटिंग में शामिल होने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने दोषी करार दिया गया।
6) करीमउल्ला शेख: अपने दोस्त को पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग दिलवाने, हथियार और एक्सप्लोसिव लाने में मदद करने का दोषी करार।
7) अब्दुल कयूम: दुबई में दाऊद इब्राहिम के ऑफिस में मैनेजर था। इसे संजय दत्त के पास हथियार पहुंचाने का आरोपी बनाया। कोर्ट ने इसे बरी कर दिया।
मुंबई ब्लास्ट में यह दूसरा फैसला, पहला 2007 में आया
- मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में 16 जूने को आरोपियों के दूसरे बैच को सजा सुनाई गई। इससे पहले 2007 में 100 लोग दोषी ठहराए गए थे, जबकि 23 बरी किए गए थे।
- सुप्रीम कोर्ट तक सुनवाई के बाद एक दोषी याकूब मेमन को 2015 में फांसी दे दी गई, जबकि संजय दत्त सहित 99 अन्य को अलग-अलग समय के लिए जेल भेजा गया था।
-750 प्रॉसिक्यूसन विटनेस और 50 विटनेस के बयान अदालत ने दर्ज किए। अबु सलेम सहित तीन आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया था।
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह दुनिया का पहला आतंकी हमला था, जिसमें इतने बड़े पैमाने पर आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था।
सलेम सहित सात आरोपियों के खिलाफ 2007 में शुरू हुआ ट्रायल
- सातों आरोपी बाद में पकड़े गए थे। 2007 में पहला ट्रायल पूरा होने पर इन सातों का ट्रायल अलग कर दिया गया था।
- इनके खिलाफ सुनवाई 2007 में शुरू हुई। लेकिन अबु सलेम, दौसा और सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं के कारण ट्रायल रुक गया।
- 2012 में दोबारा शुरू हुआ और इस साल मार्च में पूरा हुआ।
स्पेशल टाडा कोर्ट में दो जजों ने की सुनवाई
- इनके खिलाफ शुरुआती सुनवाई विशेष जज प्रमोद कोडे ने की।
- 2007 के ट्रायल में उन्होंने ही 100 लोगों को दोषी करार दिया था। उनके बाद विशेष जज जीए सानप ने सुनवाई की।
- सीबीआई ने पुर्तगाल के साथ हुई प्रत्यर्पण संधि के आधार पर साल 2013 में सलेम के खिलाफ लगे कुछ आरोप वापस ले लिए थे।
33 आरोपी हैं फरार
- मुंबई सीरियल ब्लास्ट में 16 जून को आया फैसला आखिरी था। फिलहाल कोई और आरोपी हिरासत में नहीं है, लेकिन 33 आरोपी फरार हैं।
- इनमें मुख्य साजिशकर्ता अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी दाऊद इब्राहिम, उसका भाई अनीस इब्राहिम, छोटा शकील, मुस्तफा दौसा का भाई मोहम्मद दौसा और टाइगर मेमन शामिल हैं।
- माना जा रहा है कि यह लोग पाकिस्तान में हैं। सलेम को नवंबर 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। उसके बयान पर ही सिद्दीकी और शेख को पकड़ा गया था।