भोपाल. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य
सिंधिया यहां 14 जून से 72 घंटे का
सत्याग्रह करेंगे। किसानों के आंदोलन
के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार
की किसान
विरोधी
पॉलिसीज को जिम्मेदार
बताया है। सत्याग्रह से पहले वे
किसानों से मिलने मंदसौर
भी जाएंगे। बता दें किसानों
की हिंसा रुकवाने के लिए
सीएम शिवराज सिंह
चौहान शनिवार को BHEL दशहरा
मैदान पर अनशन पर बैठे थे। हिंसा
के दौरान पुलिस की
फायरिंग में 6 किसानों की
मौत हो गई थी।
टीटी नगर
दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर
बैठेंगे ज्योतिरादित्य...
- मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता
पंकज चतुर्वेदी के
मुताबिक, "सिंधिया
टीटी नगर
दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर
बैठेंगे।"
- 12 जून को सिंधिया इंदौर पहुंचेंगे
और पुलिस फायरिंग में
जख्मी हुए किसानों से
मिलेंगे। घायलों को इंदौर के एमवाई
हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
- पंकज के मुताबिक, "सिंधिया मंदसौर
के खंडूरिया कचान, चिलोद पिपलिया, लोध
और नीमच के बरखेड़ा
पुंच और नयाखेड़ा गांव भी
जाएंगे।"
अनशन पर शिवराज
- 10 जून को किसानों से शांति
की अपील
के साथ शिवराज ने
अनिश्चितकालीन अनशन
शुरू किया था।
- शिवराज ने कहा, "जब-जब प्रदेश
में किसानों पर संकट आया, मैं
सीएम आवास से
निकलकर उनके बीच
पहुंच गया। हम नया आयोग बनाएंगे
जो फसलों की
सही लागत तय करेगा।
उस लागत के हिसाब से हम किसानों
को सही
कीमत दिलाएंगे। किसान
आग न लगाएं, चर्चा के लिए आएं।"
- अनशन से पहले शिवराज और
उनकी पत्नी
साधना सिंह ने पूर्व
सीएम कैलाश
जोशी के पैर छूकर
आशीर्वाद लिया।
जोशी ने तिलक कर
सफल होने की
शुभकामनाएं दी।
- शनिवार को करीब 45
मिनट के अपने भाषण के दौरान
शिवराज ने एक भी बार
कांग्रेस का नाम नहीं
लिया, जिसके दो नेताओं के
वीडियो हाल
ही में वायरल हुए थे।
इन वीडियो में कांग्रेस नेता
गाड़ियों में आग लगाने और थाना जलाने
के लिए लोगों को भड़काते सुने गए थे।
इस बीच, प्रदेश के कृषि
मंत्री
गौरीशंकर बिसेन ने कहा,
"किसानों के कर्ज माफ करने का कोई
सवाल ही
नहीं उठता, मैं पहले
भी इसके पक्ष में
नहीं था और अब
भी नहीं
हूं।''
क्या हैं किसानों की मांगें,
क्यों अनशन पर बैठे हैं शिवराज?
- महाराष्ट्र के बाद जून
की शुरुआत में मध्य
प्रदेश में भी किसानों ने
आंदोलन शुरू किया।
- मध्य प्रदेश के किसानों
की मांग है कि उन्हें
कर्ज माफी
दी जाए, फसलों पर
मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिले,
जमीन के बदले मुआवजे
पर कोर्ट जाने का हक मिले और दूध
के रेट बढ़ाए जाएं।
- सबसे पहले 3 जून को इंदौर में यह
आंदोलन हिंसक हो गया था। बाद में
मंदसौर, उज्जैन और शाजापुर जैसे
राज्य के बाकी हिस्सों में
फैल गया।
- मंदसौर में पुलिस की
फायरिंग में 6 किसानों की
मौत हो गई। शुक्रवार को यह हिंसक
आंदोलन राजधानी भोपाल
के पास फंदा तक पहुंच गया।
- इसके बाद शिवराज ने शुक्रवार रात
फैसला किया कि वे शनिवार को अनशन
करेंगे। उन्होंने
प्रदर्शनकारी किसानों से
कहा कि वे भोपाल के भेल दशहरा
मैदान में आएं और मुझसे बात करें।
मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक
क्या कदम उठाए?
- सीएम चौहान ने किसानों
पर केस खत्म करने,
जमीन मामले में किसान
विरोधी प्रावधानों को हटाने,
फसल बीमा को
ऑप्शनल बनाने, मंडी में
किसानों को 50% कैश पेमेंट और
50%
आरटीजीएस
से देने का एलान किया था।
- यह भी कहा था कि
सरकार किसानों से इस साल 8 रु. किलो
प्याज और गर्मी में
समर्थन मूल्य पर मूंग
खरीदेगी।
खरीदी 30
जून तक चलेगी।
- सरकार ने यह भी
एलान किया था कि एक आयोग बनेगा जो
फसलों की लागत तय
करेगा। उस पर किसानों को फायदा होने
लायक कीमत मिले, यह
सरकार सुनिश्चित
कराएगी।
सिंधिया यहां 14 जून से 72 घंटे का
सत्याग्रह करेंगे। किसानों के आंदोलन
के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार
की किसान
विरोधी
पॉलिसीज को जिम्मेदार
बताया है। सत्याग्रह से पहले वे
किसानों से मिलने मंदसौर
भी जाएंगे। बता दें किसानों
की हिंसा रुकवाने के लिए
सीएम शिवराज सिंह
चौहान शनिवार को BHEL दशहरा
मैदान पर अनशन पर बैठे थे। हिंसा
के दौरान पुलिस की
फायरिंग में 6 किसानों की
मौत हो गई थी।
टीटी नगर
दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर
बैठेंगे ज्योतिरादित्य...
- मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता
पंकज चतुर्वेदी के
मुताबिक, "सिंधिया
टीटी नगर
दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर
बैठेंगे।"
- 12 जून को सिंधिया इंदौर पहुंचेंगे
और पुलिस फायरिंग में
जख्मी हुए किसानों से
मिलेंगे। घायलों को इंदौर के एमवाई
हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
- पंकज के मुताबिक, "सिंधिया मंदसौर
के खंडूरिया कचान, चिलोद पिपलिया, लोध
और नीमच के बरखेड़ा
पुंच और नयाखेड़ा गांव भी
जाएंगे।"
अनशन पर शिवराज
- 10 जून को किसानों से शांति
की अपील
के साथ शिवराज ने
अनिश्चितकालीन अनशन
शुरू किया था।
- शिवराज ने कहा, "जब-जब प्रदेश
में किसानों पर संकट आया, मैं
सीएम आवास से
निकलकर उनके बीच
पहुंच गया। हम नया आयोग बनाएंगे
जो फसलों की
सही लागत तय करेगा।
उस लागत के हिसाब से हम किसानों
को सही
कीमत दिलाएंगे। किसान
आग न लगाएं, चर्चा के लिए आएं।"
- अनशन से पहले शिवराज और
उनकी पत्नी
साधना सिंह ने पूर्व
सीएम कैलाश
जोशी के पैर छूकर
आशीर्वाद लिया।
जोशी ने तिलक कर
सफल होने की
शुभकामनाएं दी।
- शनिवार को करीब 45
मिनट के अपने भाषण के दौरान
शिवराज ने एक भी बार
कांग्रेस का नाम नहीं
लिया, जिसके दो नेताओं के
वीडियो हाल
ही में वायरल हुए थे।
इन वीडियो में कांग्रेस नेता
गाड़ियों में आग लगाने और थाना जलाने
के लिए लोगों को भड़काते सुने गए थे।
इस बीच, प्रदेश के कृषि
मंत्री
गौरीशंकर बिसेन ने कहा,
"किसानों के कर्ज माफ करने का कोई
सवाल ही
नहीं उठता, मैं पहले
भी इसके पक्ष में
नहीं था और अब
भी नहीं
हूं।''
क्या हैं किसानों की मांगें,
क्यों अनशन पर बैठे हैं शिवराज?
- महाराष्ट्र के बाद जून
की शुरुआत में मध्य
प्रदेश में भी किसानों ने
आंदोलन शुरू किया।
- मध्य प्रदेश के किसानों
की मांग है कि उन्हें
कर्ज माफी
दी जाए, फसलों पर
मिनिमम सपोर्ट प्राइस मिले,
जमीन के बदले मुआवजे
पर कोर्ट जाने का हक मिले और दूध
के रेट बढ़ाए जाएं।
- सबसे पहले 3 जून को इंदौर में यह
आंदोलन हिंसक हो गया था। बाद में
मंदसौर, उज्जैन और शाजापुर जैसे
राज्य के बाकी हिस्सों में
फैल गया।
- मंदसौर में पुलिस की
फायरिंग में 6 किसानों की
मौत हो गई। शुक्रवार को यह हिंसक
आंदोलन राजधानी भोपाल
के पास फंदा तक पहुंच गया।
- इसके बाद शिवराज ने शुक्रवार रात
फैसला किया कि वे शनिवार को अनशन
करेंगे। उन्होंने
प्रदर्शनकारी किसानों से
कहा कि वे भोपाल के भेल दशहरा
मैदान में आएं और मुझसे बात करें।
मध्य प्रदेश सरकार ने अब तक
क्या कदम उठाए?
- सीएम चौहान ने किसानों
पर केस खत्म करने,
जमीन मामले में किसान
विरोधी प्रावधानों को हटाने,
फसल बीमा को
ऑप्शनल बनाने, मंडी में
किसानों को 50% कैश पेमेंट और
50%
आरटीजीएस
से देने का एलान किया था।
- यह भी कहा था कि
सरकार किसानों से इस साल 8 रु. किलो
प्याज और गर्मी में
समर्थन मूल्य पर मूंग
खरीदेगी।
खरीदी 30
जून तक चलेगी।
- सरकार ने यह भी
एलान किया था कि एक आयोग बनेगा जो
फसलों की लागत तय
करेगा। उस पर किसानों को फायदा होने
लायक कीमत मिले, यह
सरकार सुनिश्चित
कराएगी।