इंदौर. यहां शहर के बीचो-बीच
रानीपुरा बाजार में मंगलवार को एक पटाखा दुकान में
ब्लास्ट हो गया। दुकान में जिस जगह पर डिस्प्ले के लिए
पटाखे रखने की इजाजत थी,वहां
काफी स्टॉक रखा था। जलते पटाखों ने नौ दुकानों को
चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पूरे बाजार में
भगदड़ मच गई। हादसे में पटाखा दुकान मालिक सहित 7 लोग
जिंदा जल गए। एक की हालत गंभीर
है। हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ। इसमें
12 गाड़ियां,ठेले व दुकानों में रखे लाखों रुपए भी जल
गए। दो ने मौके पर ही दम तोड़ा...
-पटाखा दुकान में मालिक गुरविंदर सिंह उर्फ बल्ली
नारंग(56),बेटा दिलप्रीत(27),अकाउंटेंट सुरेश शर्मा
(50),चेतन(18)और राजा(30)मौजूद थे।
-दुकान में धमाका हुआ तो बल्ली नारंग अंदर पहुंचे।
बेटा व अकाउंटेंट बाहर भागे। आग चंद मिनट में पूरी
दुकान में फैल गई।
-बल्ली और जगदीश जिंदा जल गए।
चेतन,राजा,सुरेश,कारोबारी सुदर्शन और इम्प्लॉई
करन ने अस्पताल में दम तोड़ा।
-घायलों का इलाज एमवाय हॉस्पिटल में चल रहा है।
संकरी गलियों के कारण फायर ब्रिगेड को आग बुझाने
में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
भागने का मौका तक नहीं मिला
-दिलीप पटाखा दुकान में मंगलवार दोपहर
करीब पौने तीन बजे पटाखों ने आग
पकड़ ली। किसी को भी
भागने का मौका नहीं मिला।
-सात फायर टेंडर मौके पर बुलाए। करीब 35 टैंकर
पानी और साढ़े 300 लीटर फोम से
आग को 6 घंटे में कंट्रोल किया जा सका।
पटाखा दुकान हटाने के लिए हुई थी कई बार
कार्रवाई
-रानीपुरा में पटाखे के अलावा कपड़े और
कटलरी की दुकानें हैं।
सभी दुकानें एक दूसरे से लगी हुई हैं
और यहां की गलियां और रास्ते भी
बहुत संकरे हैं।
-जिला प्रशासन कई बार यहां से पटाखा बाजार हटाने के लिए
कार्रवाई कर चुका है,लेकिन कोई नतीजा
नहीं निकला।
-थक हारकर एडमिनिस्ट्रेशन ने पटाखा कारोबारियों को यहां सिर्फ
पटाखों के सैंपल रखने की परमिशन दी
थी,लेकिन सैंपल की जगह दुकानदारों ने
भारी मात्रा में स्टॉक जमा कर रखा था।
क्या बोले अफसर?
-कमिश्नर संजय दुबे के मुताबिक,"बिना लाइसेंस पटाखों को अवैध
तरीके से जमा करना ही हादसे का
मुख्य कारण बना। लेकिन यह भी सही
है कि लगातार निरीक्षण करने में प्रशासन
की भी कहीं न
कहीं चूक हुई है।"
-कलेक्टर पी.नरहरि के मुताबिक,"प्रशासन पटाखा
दुकानों को लेकर लगातार कार्रवाई करता रहा है। कई दबावों के बाद
भी किसी को शहरी
सीमा में पटाखे रखने का लाइसेंस नहीं
दिया। अवैध भंडारण के कारण यह हादसा हुआ।"
रानीपुरा बाजार में मंगलवार को एक पटाखा दुकान में
ब्लास्ट हो गया। दुकान में जिस जगह पर डिस्प्ले के लिए
पटाखे रखने की इजाजत थी,वहां
काफी स्टॉक रखा था। जलते पटाखों ने नौ दुकानों को
चपेट में ले लिया। देखते ही देखते पूरे बाजार में
भगदड़ मच गई। हादसे में पटाखा दुकान मालिक सहित 7 लोग
जिंदा जल गए। एक की हालत गंभीर
है। हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ। इसमें
12 गाड़ियां,ठेले व दुकानों में रखे लाखों रुपए भी जल
गए। दो ने मौके पर ही दम तोड़ा...
-पटाखा दुकान में मालिक गुरविंदर सिंह उर्फ बल्ली
नारंग(56),बेटा दिलप्रीत(27),अकाउंटेंट सुरेश शर्मा
(50),चेतन(18)और राजा(30)मौजूद थे।
-दुकान में धमाका हुआ तो बल्ली नारंग अंदर पहुंचे।
बेटा व अकाउंटेंट बाहर भागे। आग चंद मिनट में पूरी
दुकान में फैल गई।
-बल्ली और जगदीश जिंदा जल गए।
चेतन,राजा,सुरेश,कारोबारी सुदर्शन और इम्प्लॉई
करन ने अस्पताल में दम तोड़ा।
-घायलों का इलाज एमवाय हॉस्पिटल में चल रहा है।
संकरी गलियों के कारण फायर ब्रिगेड को आग बुझाने
में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
भागने का मौका तक नहीं मिला
-दिलीप पटाखा दुकान में मंगलवार दोपहर
करीब पौने तीन बजे पटाखों ने आग
पकड़ ली। किसी को भी
भागने का मौका नहीं मिला।
-सात फायर टेंडर मौके पर बुलाए। करीब 35 टैंकर
पानी और साढ़े 300 लीटर फोम से
आग को 6 घंटे में कंट्रोल किया जा सका।
पटाखा दुकान हटाने के लिए हुई थी कई बार
कार्रवाई
-रानीपुरा में पटाखे के अलावा कपड़े और
कटलरी की दुकानें हैं।
सभी दुकानें एक दूसरे से लगी हुई हैं
और यहां की गलियां और रास्ते भी
बहुत संकरे हैं।
-जिला प्रशासन कई बार यहां से पटाखा बाजार हटाने के लिए
कार्रवाई कर चुका है,लेकिन कोई नतीजा
नहीं निकला।
-थक हारकर एडमिनिस्ट्रेशन ने पटाखा कारोबारियों को यहां सिर्फ
पटाखों के सैंपल रखने की परमिशन दी
थी,लेकिन सैंपल की जगह दुकानदारों ने
भारी मात्रा में स्टॉक जमा कर रखा था।
क्या बोले अफसर?
-कमिश्नर संजय दुबे के मुताबिक,"बिना लाइसेंस पटाखों को अवैध
तरीके से जमा करना ही हादसे का
मुख्य कारण बना। लेकिन यह भी सही
है कि लगातार निरीक्षण करने में प्रशासन
की भी कहीं न
कहीं चूक हुई है।"
-कलेक्टर पी.नरहरि के मुताबिक,"प्रशासन पटाखा
दुकानों को लेकर लगातार कार्रवाई करता रहा है। कई दबावों के बाद
भी किसी को शहरी
सीमा में पटाखे रखने का लाइसेंस नहीं
दिया। अवैध भंडारण के कारण यह हादसा हुआ।"