श्रीनगर. कश्मीर घाटी में
शांति कायम करने के लिए महबूबा मुफ्ती सरकार ने
फेसबुक,ट्विटर समेत 22 सोशल मीडिया साइट्स पर
एक महीने तक बैन लगा दिया। सरकार का मानना है
कि पाकिस्तानी एजेंसियां इनका इस्तेमाल
कश्मीर में उपद्रव फैलाने के लिए
करती आई हैं। इस बारे में भारतीय
खुफिया एजेंसियों ने भी इनपुट दिया है। बुधवार को
जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी इंटरनेट
सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी ऑर्डर में कहा कि एक
महीने या अगले ऑर्डर तक घाटी में
साइट्स बंद रखी जाएं। इनमें
फेसबुक,ट्विटर,वॉट्सएप,वी
चैट,स्काइप,वाइबर,स्नैपचेट,यूट्यूब,फ्लिकर प्रमुख हैं। पहले
भी इंटरनेट सर्विस बंद रही...
-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा पहले से
ही बंद थी। इंटरनेट को 17 अप्रैल को
बंद किया गया था। अब सरकार ने एक माह और बंद रखने का
आदेश दिया है।-कश्मीर में इंटरनेट के जरिए पथराव
और प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। इससे
प्रदर्शनकारियों को जमा किया जाता है। कई पत्थरबाजों के ग्रुप
बने हुए है। जिन्हें सीमा पार से हिदायत
दी जाती है।
राजनाथ ने बुलाई स्पेशल मीटिंग
-होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू
कश्मीर के हालात पर बैठक बुलाई।
दरअसल,खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट में कहा गया था कि
पाकिस्तानी एजेंसियां कश्मीर में
प्रदर्शन और हिंसा के जरिए हालात बिगाड़ने की
और ज्यादा कोशिशें करने जा रही हैं।
-रिपोर्ट के मुताबिक,कश्मीर के लोगों को
पत्थरबाजी और ऑनलाइन विद्रोह फैलाने के लिए
उकसाया जा सकता है। ये मीटिंग
पाकिस्तानी प्रोपगेंडा को रोकने के लिए
स्ट्रैटेजी बनाने के लिए बुलाई गई।
एलओसी पर आतंकी
नहीं,जनगणना कर्मचारी हैं
-पाक रेंजर्स ने भारतीय सेना को बताया कि
एलओसी के नजदीक जो लोग आ-जा
रहे हैं वो आतंकी नहीं बल्कि
जनगणना करने वाले कर्मचारी हैं। 25 अप्रैल से
शुरू हुई दूसरे फेज की जनगणना एक
महीने तक चलेगी। इस दौरान
कश्मीर सीमा से लगी
एलओसी के आसपास के लोगों की
भी गिनती होगी।
-पाकिस्तानी सेना ने ये सूचना इसलिए दी
है ताकि उनके कर्मचारियों की सिक्युरिटी
का ध्यान रखा जा सके। पाकिस्तान में पहले फेज
की जनगणना 15 मार्च से शुरू होकर 15 अप्रैल
को खत्म हुई थी। 1.18 लाख सिविल
कर्मचारी और 1.75 लाख सैनिक इस जनगणना में
लगाए गए हैं।
शांति कायम करने के लिए महबूबा मुफ्ती सरकार ने
फेसबुक,ट्विटर समेत 22 सोशल मीडिया साइट्स पर
एक महीने तक बैन लगा दिया। सरकार का मानना है
कि पाकिस्तानी एजेंसियां इनका इस्तेमाल
कश्मीर में उपद्रव फैलाने के लिए
करती आई हैं। इस बारे में भारतीय
खुफिया एजेंसियों ने भी इनपुट दिया है। बुधवार को
जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी इंटरनेट
सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी ऑर्डर में कहा कि एक
महीने या अगले ऑर्डर तक घाटी में
साइट्स बंद रखी जाएं। इनमें
फेसबुक,ट्विटर,वॉट्सएप,वी
चैट,स्काइप,वाइबर,स्नैपचेट,यूट्यूब,फ्लिकर प्रमुख हैं। पहले
भी इंटरनेट सर्विस बंद रही...
-कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा पहले से
ही बंद थी। इंटरनेट को 17 अप्रैल को
बंद किया गया था। अब सरकार ने एक माह और बंद रखने का
आदेश दिया है।-कश्मीर में इंटरनेट के जरिए पथराव
और प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। इससे
प्रदर्शनकारियों को जमा किया जाता है। कई पत्थरबाजों के ग्रुप
बने हुए है। जिन्हें सीमा पार से हिदायत
दी जाती है।
राजनाथ ने बुलाई स्पेशल मीटिंग
-होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू
कश्मीर के हालात पर बैठक बुलाई।
दरअसल,खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट में कहा गया था कि
पाकिस्तानी एजेंसियां कश्मीर में
प्रदर्शन और हिंसा के जरिए हालात बिगाड़ने की
और ज्यादा कोशिशें करने जा रही हैं।
-रिपोर्ट के मुताबिक,कश्मीर के लोगों को
पत्थरबाजी और ऑनलाइन विद्रोह फैलाने के लिए
उकसाया जा सकता है। ये मीटिंग
पाकिस्तानी प्रोपगेंडा को रोकने के लिए
स्ट्रैटेजी बनाने के लिए बुलाई गई।
एलओसी पर आतंकी
नहीं,जनगणना कर्मचारी हैं
-पाक रेंजर्स ने भारतीय सेना को बताया कि
एलओसी के नजदीक जो लोग आ-जा
रहे हैं वो आतंकी नहीं बल्कि
जनगणना करने वाले कर्मचारी हैं। 25 अप्रैल से
शुरू हुई दूसरे फेज की जनगणना एक
महीने तक चलेगी। इस दौरान
कश्मीर सीमा से लगी
एलओसी के आसपास के लोगों की
भी गिनती होगी।
-पाकिस्तानी सेना ने ये सूचना इसलिए दी
है ताकि उनके कर्मचारियों की सिक्युरिटी
का ध्यान रखा जा सके। पाकिस्तान में पहले फेज
की जनगणना 15 मार्च से शुरू होकर 15 अप्रैल
को खत्म हुई थी। 1.18 लाख सिविल
कर्मचारी और 1.75 लाख सैनिक इस जनगणना में
लगाए गए हैं।