नई दिल्ली. पिछले दिनों उज्जैन में हुए ट्रेन
ब्लास्ट के आरोपियों ने लखनऊ में पीएम
की दशहरा रैली में भी बम प्लांट किए थे।
हालांकि,ये बम फट नहीं सके थे। NIA की
जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक,गिरफ्तार
आतंकियों से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है।
एनआईए ने आतंकियों से उगलवाए राज...
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक, NIA ने गुरुवार
को उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के दो आरोपियों
मोहम्मद दानिश और आतिफ मुज्जफर से
पूछताछ की। इसमें उन्होंने कई राज उगले।
आतिफ उन छह लोगों में से है,जिन्हें 7
मार्च को एमपी के उज्जैन में ट्रेन ब्लास्ट
में अरेस्ट किया गया है।
-आतंकियों ने पिछले साल अक्टूबर में दशहरे
पर लखनऊ के रामलीला मैदान में बम
प्लांट करने का प्लान बनाया था। बम
प्लांट भी किए गए लेकिन ये फट नहीं सके।
बता दें कि इस रैली में नरेंद्र मोदी भी
मौजूद थे। रैली को उस दौरान बीजेपी के
इलेक्शन कैंपेन के आगाज के तौर पर देखा
गया था।
ब्लास्ट नहीं कर पाने से मायूस थे आतंकी
-दानिश ने जांच एजेंसी को बताया कि
ग्रुप ब्लास्ट नहीं कर पाने से बहुत मायूस
था। क्योंकि उनके लिए ये कट्टर आतंकी
बनने का टेस्ट था। इस टेस्ट के लिए वे कई
जगह बम प्लांट करने में फेल चुके थे।
-दानिश के मुताबिक-आतिफ मुज्जफर खुद
को आतंकी मॉड्यूल का चीफ
(अमिर)बताता था। उसने स्टील
पाइप्स,झूमर के बल्ब से बम बनाया था। वह
दूसरे आतंकी असिफ के साथ विस्फोट के
लिए स्पॉट देखने गया था।
एयरफोर्स का स्टीकर लगी बाइक से ले
गए थे बम
-आतिफ ने भी स्टेटमेंट में दानिश के बयान
की पुष्टि की। कहा-हम कानपुर के मूलगंज
से पटाखा की सामग्री खरीदना चाहते
थे। मैंने रिटायर्ड एयरफोर्स जवान जीएम
खान को एक बम दिया था। वह इसे
इंडियन एयरफोर्स का स्टीकर लगी
बाइक से लखनऊ ले गया था।
पीएम की रैली में ब्लास्ट के लिए
डस्टबिन में छिपाया था बम
-आतिफ और उसके ग्रुप के मेम्बर 11 अक्टूबर
को लखनऊ पहुंचे। यहां नया सिमकार्ड
खरीदकर इससे फोन कर खान को
बुलाया। उनका इरादा था कि बम को
रैली की जगह या इसके आसपास रखा जा
सके।
-दशहरा की रात से पहले आतिफ ने बम
रैली वाली जगह एक डस्टबिन में छिपा
दिया। ग्रुप बेसब्री से ब्लास्ट की न्यूज
का इंतजार कर रहा था,लेकिन विस्फोट
नहीं हो सका। दो दिन बाद आतिफ
स्पॉट पर बम को देखने पहुंचा था। वहां
सिर्फ कुछ तार मिले।
भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला
-7 मार्च को भोपाल से 70 किमी दूर
कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास
भोपाल-उज्जैन पैसेंजर(59320)ट्रेन में ब्लास्ट
हुआ था। 10 लोग जख्मी हो गए थे। कोच
में छेद हो गया।
-मामले के कुछ ही घंटों बाद पिपरिया
पुलिस ने एक बस को टोल नाके पर
रोककर तीन संदिग्धों को अरेस्ट कर
लिया। बाद में यूपी के कानपुर और
इटावा में गिरफ्तारियां हुईं।
वहीं,लखनऊ में एक संदिग्ध आतंकी का
एनकाउंटर कर दिया गया। एनआईए ने16
मार्च को इस मामले की जांच शुरू की
थी।
सीरिया जाने की 7 कोशिश,हर बार
नाकाम रहे
-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार
दानिश,आतिश और सैयद मीर ने
सीरिया जाने की सात बार कोशिश
की थी।
-वे देश की चारों ओर की बार्डर तक पहुंचे
थे,लेकिन हर कोशिश नाकाम रही।
-ये पाकिस्तान से लगे राजस्थान
बार्डर,पंजाब बार्डर,कश्मीर सीमा तक
पहुंचे थे। इसके लिए नक्शा भी बनाया
था।
-एक बार ये बार्डर तक पहुंच भी गए
थे,लेकिन पकड़े जाने के डर से वहां से भाग
आए।
ब्लास्ट के आरोपियों ने लखनऊ में पीएम
की दशहरा रैली में भी बम प्लांट किए थे।
हालांकि,ये बम फट नहीं सके थे। NIA की
जांच रिपोर्ट्स के मुताबिक,गिरफ्तार
आतंकियों से पूछताछ में ये खुलासा हुआ है।
एनआईए ने आतंकियों से उगलवाए राज...
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक, NIA ने गुरुवार
को उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के दो आरोपियों
मोहम्मद दानिश और आतिफ मुज्जफर से
पूछताछ की। इसमें उन्होंने कई राज उगले।
आतिफ उन छह लोगों में से है,जिन्हें 7
मार्च को एमपी के उज्जैन में ट्रेन ब्लास्ट
में अरेस्ट किया गया है।
-आतंकियों ने पिछले साल अक्टूबर में दशहरे
पर लखनऊ के रामलीला मैदान में बम
प्लांट करने का प्लान बनाया था। बम
प्लांट भी किए गए लेकिन ये फट नहीं सके।
बता दें कि इस रैली में नरेंद्र मोदी भी
मौजूद थे। रैली को उस दौरान बीजेपी के
इलेक्शन कैंपेन के आगाज के तौर पर देखा
गया था।
ब्लास्ट नहीं कर पाने से मायूस थे आतंकी
-दानिश ने जांच एजेंसी को बताया कि
ग्रुप ब्लास्ट नहीं कर पाने से बहुत मायूस
था। क्योंकि उनके लिए ये कट्टर आतंकी
बनने का टेस्ट था। इस टेस्ट के लिए वे कई
जगह बम प्लांट करने में फेल चुके थे।
-दानिश के मुताबिक-आतिफ मुज्जफर खुद
को आतंकी मॉड्यूल का चीफ
(अमिर)बताता था। उसने स्टील
पाइप्स,झूमर के बल्ब से बम बनाया था। वह
दूसरे आतंकी असिफ के साथ विस्फोट के
लिए स्पॉट देखने गया था।
एयरफोर्स का स्टीकर लगी बाइक से ले
गए थे बम
-आतिफ ने भी स्टेटमेंट में दानिश के बयान
की पुष्टि की। कहा-हम कानपुर के मूलगंज
से पटाखा की सामग्री खरीदना चाहते
थे। मैंने रिटायर्ड एयरफोर्स जवान जीएम
खान को एक बम दिया था। वह इसे
इंडियन एयरफोर्स का स्टीकर लगी
बाइक से लखनऊ ले गया था।
पीएम की रैली में ब्लास्ट के लिए
डस्टबिन में छिपाया था बम
-आतिफ और उसके ग्रुप के मेम्बर 11 अक्टूबर
को लखनऊ पहुंचे। यहां नया सिमकार्ड
खरीदकर इससे फोन कर खान को
बुलाया। उनका इरादा था कि बम को
रैली की जगह या इसके आसपास रखा जा
सके।
-दशहरा की रात से पहले आतिफ ने बम
रैली वाली जगह एक डस्टबिन में छिपा
दिया। ग्रुप बेसब्री से ब्लास्ट की न्यूज
का इंतजार कर रहा था,लेकिन विस्फोट
नहीं हो सका। दो दिन बाद आतिफ
स्पॉट पर बम को देखने पहुंचा था। वहां
सिर्फ कुछ तार मिले।
भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामला
-7 मार्च को भोपाल से 70 किमी दूर
कालापीपल में जबड़ी स्टेशन के पास
भोपाल-उज्जैन पैसेंजर(59320)ट्रेन में ब्लास्ट
हुआ था। 10 लोग जख्मी हो गए थे। कोच
में छेद हो गया।
-मामले के कुछ ही घंटों बाद पिपरिया
पुलिस ने एक बस को टोल नाके पर
रोककर तीन संदिग्धों को अरेस्ट कर
लिया। बाद में यूपी के कानपुर और
इटावा में गिरफ्तारियां हुईं।
वहीं,लखनऊ में एक संदिग्ध आतंकी का
एनकाउंटर कर दिया गया। एनआईए ने16
मार्च को इस मामले की जांच शुरू की
थी।
सीरिया जाने की 7 कोशिश,हर बार
नाकाम रहे
-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार
दानिश,आतिश और सैयद मीर ने
सीरिया जाने की सात बार कोशिश
की थी।
-वे देश की चारों ओर की बार्डर तक पहुंचे
थे,लेकिन हर कोशिश नाकाम रही।
-ये पाकिस्तान से लगे राजस्थान
बार्डर,पंजाब बार्डर,कश्मीर सीमा तक
पहुंचे थे। इसके लिए नक्शा भी बनाया
था।
-एक बार ये बार्डर तक पहुंच भी गए
थे,लेकिन पकड़े जाने के डर से वहां से भाग
आए।