भोपाल| मध्य प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा
है| सरकार द्वारा प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर
पालिकाओं, व नगर पंचयतों में नियुक्त किए गए एल्डरमैनों
की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाली
जनहित याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी किये हैं|
कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से पूछा है
की क्यो ना मप्र सरकार द्वारा नियमविरुद्ध नियुक्त
किए गए समस्त एल्डरमैनों की नियुक्ति रद्द कर
दी जाये ।
जबलपुर हाई कोर्ट मे चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन
व जस्टिस अंजिली पालो की बेंच ने
नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार की
जनहित याचिका पर सरकार को नोटिस दिया है|
याचिकाकर्ता विनायक परिहार द्वरा दायर जनहित याचिका में कहा
गया है की मप्र शासन ने प्रदेश के
सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं व नगर पंचयतों
मे जो एल्डरमैन नियुक्त किए है वो मप्र नगर निगम व नगर
पालिका अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है ।
मप्र नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा9(1)
(c) तथा मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की
धारा 19(1)(C) के अनुसार शासन द्वरा नियुक्त किए जाने वाले
एल्डरमैनों को नगर पालिका प्रशासन का अनुभव होना आवश्यक
है, लेकिन प्रदेश की किसी
भी नगर निगम, नगर पालिकी, व नगर
पंचयतों मे मप्र शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैनों के लिए संबंध
मे अधिनियम के इन प्रावधानों का परीक्षण
नहीं किया गया है । याचककर्ता के अनुसार सरकार
ने पूरे प्रदेश मे विशेषज्ञ सदस्य की जगह
भाजपा के नेताओं को एल्डरमैन के रूप मे नियुक्त किया है ।
याचिका मे भोपाल नगर निगम व नरसिंहपुर जिले की
नगर पालिका व नगर पंचयतों का उदहारण देते हुये प्रदेश
की सभी नगरीय निकायों मे
शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैन की नियुक्तियाँ रद्द
करने की मांग की गई है ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ऍड सत्यम अग्रवाल की
दलील को स्वीकार करते हुये हाई
कोर्ट ने मुख्य सचिव मप्र शासन, प्रमुख सचिव
नगरीय प्रशासन विभाग तथा भोपाल व नरसिंहपुर
कलेक्टर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह मे जबाब
मांगा है ।
है| सरकार द्वारा प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर
पालिकाओं, व नगर पंचयतों में नियुक्त किए गए एल्डरमैनों
की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाली
जनहित याचिका पर कोर्ट ने नोटिस जारी किये हैं|
कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार से पूछा है
की क्यो ना मप्र सरकार द्वारा नियमविरुद्ध नियुक्त
किए गए समस्त एल्डरमैनों की नियुक्ति रद्द कर
दी जाये ।
जबलपुर हाई कोर्ट मे चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन
व जस्टिस अंजिली पालो की बेंच ने
नरसिंहपुर निवासी विनायक परिहार की
जनहित याचिका पर सरकार को नोटिस दिया है|
याचिकाकर्ता विनायक परिहार द्वरा दायर जनहित याचिका में कहा
गया है की मप्र शासन ने प्रदेश के
सभी नगर निगम, नगर पालिकाओं व नगर पंचयतों
मे जो एल्डरमैन नियुक्त किए है वो मप्र नगर निगम व नगर
पालिका अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत है ।
मप्र नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा9(1)
(c) तथा मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की
धारा 19(1)(C) के अनुसार शासन द्वरा नियुक्त किए जाने वाले
एल्डरमैनों को नगर पालिका प्रशासन का अनुभव होना आवश्यक
है, लेकिन प्रदेश की किसी
भी नगर निगम, नगर पालिकी, व नगर
पंचयतों मे मप्र शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैनों के लिए संबंध
मे अधिनियम के इन प्रावधानों का परीक्षण
नहीं किया गया है । याचककर्ता के अनुसार सरकार
ने पूरे प्रदेश मे विशेषज्ञ सदस्य की जगह
भाजपा के नेताओं को एल्डरमैन के रूप मे नियुक्त किया है ।
याचिका मे भोपाल नगर निगम व नरसिंहपुर जिले की
नगर पालिका व नगर पंचयतों का उदहारण देते हुये प्रदेश
की सभी नगरीय निकायों मे
शासन द्वरा नियुक्त एल्डरमैन की नियुक्तियाँ रद्द
करने की मांग की गई है ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ऍड सत्यम अग्रवाल की
दलील को स्वीकार करते हुये हाई
कोर्ट ने मुख्य सचिव मप्र शासन, प्रमुख सचिव
नगरीय प्रशासन विभाग तथा भोपाल व नरसिंहपुर
कलेक्टर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह मे जबाब
मांगा है ।