चेन्नई. जयललिता को हार्ट अटैक आया उससे एक दिन पहले
यानी 4 दिसंबर को वो पूरी तरह होश में
थीं। हार्ट अटैक के बाद उनकी हालत
नाजुक हो गई और अगले दिन उनका निधन हो गया था। सोमवार
को जारी की गई एम्स की
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। कुर्सी पर 20
मिनट बैठ सकती थीं...
-एम्स के डॉ.जीसी
खिलनानी समेत 4 डॉक्टरों की रिपोर्ट में
कहा गया है,"वो पूरी तरह होश में थीं।
कुर्सी पर करीब 20 मिनट बैठ
सकती थीं,लेकिन न्यूरोमस्कुलर
वीकनेस की वजह से
खड़ी नहीं हो सकती
थीं।"
-ये चारों डॉक्टर जयललिता के इलाज के लिए चेन्नई के अपोलाे
हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को पहुंचे थे। यह टीम
उसी दिन दिल्ली लौट गई
थी और 5 दिसंबर की शाम को
चौथी और आखिरी बार इस हॉस्पिटल में
आई थी। यह रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार ने
जारी की है।
-एम्स की टीम ने कहा,"जयललिता को
फिजियोथैरेपी देने की जरूरत
थी,लेकिन उनको पहले से
पॉलीन्यूरोपैथी
बीमारी
थी,जिसकी वजह से उन्हें
पूरी तरह ठीक होने में कई हफ्ते या
महीने लग सकते थे।
शाम 4:30 बजे आया था जयललिता को अटैक
-एम्स के डॉक्टरों की टीम के
मुताबिक,उन्हें बताया गया कि जयललिता को 4 दिसंबर
की शाम 4:30 बजे हार्ट अटैक आया था।
-इसके बाद 45 मिनट तक उनके हार्ट को पंप किया गया,फिर
ओपन कार्डिएक मसाज की गई। इसके बाद उन्हें
ईसीएमओ और पेसमेकर लगाया गया।
-रिपोर्ट में बताया गया है कि जयललिता के बॉडी का
टेम्परेचर हमेशा कम रहता था और उनका लगातार
हीमोडायलिसिस किया जा रहा था।
हर कोशिश हो रही थी नाकाम
-रिपोर्ट में एम्स की टीम के
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.राधाकृष्णन के हवाले से बताया गया है कि
जयललिता की बॉडी का टेम्परेचर नॉर्मल
होने पर रात करीब 10 बजे फिर जांच
की गई। पता चला कि ब्लडप्रेशर तेजी
से गिर रहा है।
-ईसीएमओ लगाने पर पता चला कि हार्ट ने काम
करना बंद कर दिया है। पेसमेकर लगाने पर भी
मॉनिटर पर सीधी लाइन नजर आ
रही थी।
-न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक जयललिता की जान बचाने
के लिए की जा रही सभी
कोशिशें नाकाम हो रही थीं। इसके बाद
एम्स की टीम ने तय किया कि अपोलो
की टीम जयललिता के परिवार वालों से
बात करेगी।
यानी 4 दिसंबर को वो पूरी तरह होश में
थीं। हार्ट अटैक के बाद उनकी हालत
नाजुक हो गई और अगले दिन उनका निधन हो गया था। सोमवार
को जारी की गई एम्स की
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। कुर्सी पर 20
मिनट बैठ सकती थीं...
-एम्स के डॉ.जीसी
खिलनानी समेत 4 डॉक्टरों की रिपोर्ट में
कहा गया है,"वो पूरी तरह होश में थीं।
कुर्सी पर करीब 20 मिनट बैठ
सकती थीं,लेकिन न्यूरोमस्कुलर
वीकनेस की वजह से
खड़ी नहीं हो सकती
थीं।"
-ये चारों डॉक्टर जयललिता के इलाज के लिए चेन्नई के अपोलाे
हॉस्पिटल में 3 दिसंबर को पहुंचे थे। यह टीम
उसी दिन दिल्ली लौट गई
थी और 5 दिसंबर की शाम को
चौथी और आखिरी बार इस हॉस्पिटल में
आई थी। यह रिपोर्ट तमिलनाडु सरकार ने
जारी की है।
-एम्स की टीम ने कहा,"जयललिता को
फिजियोथैरेपी देने की जरूरत
थी,लेकिन उनको पहले से
पॉलीन्यूरोपैथी
बीमारी
थी,जिसकी वजह से उन्हें
पूरी तरह ठीक होने में कई हफ्ते या
महीने लग सकते थे।
शाम 4:30 बजे आया था जयललिता को अटैक
-एम्स के डॉक्टरों की टीम के
मुताबिक,उन्हें बताया गया कि जयललिता को 4 दिसंबर
की शाम 4:30 बजे हार्ट अटैक आया था।
-इसके बाद 45 मिनट तक उनके हार्ट को पंप किया गया,फिर
ओपन कार्डिएक मसाज की गई। इसके बाद उन्हें
ईसीएमओ और पेसमेकर लगाया गया।
-रिपोर्ट में बताया गया है कि जयललिता के बॉडी का
टेम्परेचर हमेशा कम रहता था और उनका लगातार
हीमोडायलिसिस किया जा रहा था।
हर कोशिश हो रही थी नाकाम
-रिपोर्ट में एम्स की टीम के
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.राधाकृष्णन के हवाले से बताया गया है कि
जयललिता की बॉडी का टेम्परेचर नॉर्मल
होने पर रात करीब 10 बजे फिर जांच
की गई। पता चला कि ब्लडप्रेशर तेजी
से गिर रहा है।
-ईसीएमओ लगाने पर पता चला कि हार्ट ने काम
करना बंद कर दिया है। पेसमेकर लगाने पर भी
मॉनिटर पर सीधी लाइन नजर आ
रही थी।
-न्यूरोलॉजिस्ट के मुताबिक जयललिता की जान बचाने
के लिए की जा रही सभी
कोशिशें नाकाम हो रही थीं। इसके बाद
एम्स की टीम ने तय किया कि अपोलो
की टीम जयललिता के परिवार वालों से
बात करेगी।