नई दिल्ली. चार राज्यों (यूपी, उत्तराखंड,
मणिपुर और गोवा) के विधानसभा चुनाव के
नतीजों के बाद ग्रैंड अलायंस (महागठबंधन) बनने के
आसार फिर से दिखने लगे हैं। मोदी लहर को देखते
हुए इसके लिए कांग्रेस समेत अन्य दल एक्टिव हो गए
हैं। कांग्रेस ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव
में मोदी और बीजेपी को हराने के लिए वह सारे
ऑप्शन तलाशेगी, जिसमें ग्रैंड अलायंस भी
शामिल है। जेडीयू और आरजेडी ने इसके लिए
कांग्रेस का सपोर्ट किया है। बता दें कि बिहार
में इन तीनों पार्टियों की अलायंस सरकार है।
कांग्रेस ने वोट शेयर का दिया तर्क...
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस लीडर
सीपी जोशी ने गैर बीजेपी दलों के समीकरण पर
जोर दिया है। उन्होंने कहा, "हाल के चुनावों में
बीजेपी का वोट शेयर अच्छा नहीं रहा जबकि
हारने के बावजूद कांग्रेस और उसकी सहयोगी
पार्टियों का कुल वोट शेयर बहुत बेहतर रहा।
बीजेपी को काउंटर करने के लिए जो कुछ भी
संभव है, किया जाएगा। अगले लोकसभा चुनाव में
कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां बीजेपी
को कड़ी चुनौती देंगी।"
- जोशी का यह बयान पूर्व मंत्री और सीनियर
कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर के सुझाव पर सामने
आया है। अय्यर ने कहा है कि कांग्रेस को 2019 में
बीजेपी को हराने के लिए एक बड़े अलायंस पर
विचार करना चाहिए। जोशी ने कहा, "केवल
कोई मूर्ख ही यह कह सकता है कि मोदी को
अकेले हराया जा सकता है।"
- उधर, जेडीयू और आरजेडी ने कहा है कि यूपी
चुनाव के नतीजों ने बीएसपी, सपा और कांग्रेस
को साथ आने पर मजबूर कर दिया है।
UP में किसका-कितना वोट शेयर?
- यूपी में बीजेपी को अकेले 312 सीटें मिली हैं,
जबकि बीजेपी अलायंस की कुल सीटें 325 हैं।
कांग्रेस को सिर्फ 7 और उसकी पार्टनर सपा को
47 सीटें मिली हैं। बीएसपी को 19 सीटों से ही
संतोष करना पड़ा है।
- बीजेपी का वोट शेयर 39.7%, बीएसपी का
22.2%, सपा का 21.8% और कांग्रेस का 6.2% है।
तीनों गैर-बीजेपी दलों का कुल वोट शेयर 50.2%
है।
बाकी पार्टियों का क्या कहना है?
- जेडीयू ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को
ग्रैंड अलायंस का नेता बनाने पर जोर दिया है।
पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, "नीतीश को ही
ग्रैंड अलायंस का लीडर बनाया जाना चाहिए,
केवल तभी बीजेपी को हराया जा सकता है।"
- सीपीआई (एम) ने भी ग्रैंड अलायंस पर जोर
दिया है। पूर्व जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करात ने
पार्टी के माउथपीस पीपुल्स डेमोक्रेसी के
एडिटोरियल में कहा है, "यूपी चुनाव के नतीजों ने
बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक दलों के गठजोड़
पर जोर दिया है। सपा-कांग्रेस अलायंस के फेल
होने के बाद यह जरूरी हो गया है। कॉमन
मिनिमम प्रोग्राम (CMP) और पॉलिसीज के
आधार पर इसके लिए कदम उठाया जाना
चाहिए।"
मणिपुर और गोवा) के विधानसभा चुनाव के
नतीजों के बाद ग्रैंड अलायंस (महागठबंधन) बनने के
आसार फिर से दिखने लगे हैं। मोदी लहर को देखते
हुए इसके लिए कांग्रेस समेत अन्य दल एक्टिव हो गए
हैं। कांग्रेस ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव
में मोदी और बीजेपी को हराने के लिए वह सारे
ऑप्शन तलाशेगी, जिसमें ग्रैंड अलायंस भी
शामिल है। जेडीयू और आरजेडी ने इसके लिए
कांग्रेस का सपोर्ट किया है। बता दें कि बिहार
में इन तीनों पार्टियों की अलायंस सरकार है।
कांग्रेस ने वोट शेयर का दिया तर्क...
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस लीडर
सीपी जोशी ने गैर बीजेपी दलों के समीकरण पर
जोर दिया है। उन्होंने कहा, "हाल के चुनावों में
बीजेपी का वोट शेयर अच्छा नहीं रहा जबकि
हारने के बावजूद कांग्रेस और उसकी सहयोगी
पार्टियों का कुल वोट शेयर बहुत बेहतर रहा।
बीजेपी को काउंटर करने के लिए जो कुछ भी
संभव है, किया जाएगा। अगले लोकसभा चुनाव में
कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां बीजेपी
को कड़ी चुनौती देंगी।"
- जोशी का यह बयान पूर्व मंत्री और सीनियर
कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर के सुझाव पर सामने
आया है। अय्यर ने कहा है कि कांग्रेस को 2019 में
बीजेपी को हराने के लिए एक बड़े अलायंस पर
विचार करना चाहिए। जोशी ने कहा, "केवल
कोई मूर्ख ही यह कह सकता है कि मोदी को
अकेले हराया जा सकता है।"
- उधर, जेडीयू और आरजेडी ने कहा है कि यूपी
चुनाव के नतीजों ने बीएसपी, सपा और कांग्रेस
को साथ आने पर मजबूर कर दिया है।
UP में किसका-कितना वोट शेयर?
- यूपी में बीजेपी को अकेले 312 सीटें मिली हैं,
जबकि बीजेपी अलायंस की कुल सीटें 325 हैं।
कांग्रेस को सिर्फ 7 और उसकी पार्टनर सपा को
47 सीटें मिली हैं। बीएसपी को 19 सीटों से ही
संतोष करना पड़ा है।
- बीजेपी का वोट शेयर 39.7%, बीएसपी का
22.2%, सपा का 21.8% और कांग्रेस का 6.2% है।
तीनों गैर-बीजेपी दलों का कुल वोट शेयर 50.2%
है।
बाकी पार्टियों का क्या कहना है?
- जेडीयू ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार को
ग्रैंड अलायंस का नेता बनाने पर जोर दिया है।
पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा, "नीतीश को ही
ग्रैंड अलायंस का लीडर बनाया जाना चाहिए,
केवल तभी बीजेपी को हराया जा सकता है।"
- सीपीआई (एम) ने भी ग्रैंड अलायंस पर जोर
दिया है। पूर्व जनरल सेक्रेटरी प्रकाश करात ने
पार्टी के माउथपीस पीपुल्स डेमोक्रेसी के
एडिटोरियल में कहा है, "यूपी चुनाव के नतीजों ने
बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक दलों के गठजोड़
पर जोर दिया है। सपा-कांग्रेस अलायंस के फेल
होने के बाद यह जरूरी हो गया है। कॉमन
मिनिमम प्रोग्राम (CMP) और पॉलिसीज के
आधार पर इसके लिए कदम उठाया जाना
चाहिए।"