नई दिल्ली. बीएसएफ ने जवानों को खराब
क्वालिटी का खाना दिए जाने की शिकायत
करने वाले कांस्टेबल तेज बहादुर यादव का
वीआरएस रोक दिया है। इसके बाद गुरुवार को
जवान की पत्नी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ
ने पति को अरेस्ट कर लिया है। हालांकि
बीएसएफ ने गिरफ्तारी से इनकार किया और
बयान जारी कर कहा कि जांच पूरी होने तक तेज
बहादुर नौकरी नहीं छोड़ सकते। पिछले महीने
जवान के कुछ वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
हुए थे। इस पर पीएमओ ने होम मिनिस्ट्री से
रिपोर्ट मांगी थी। जवान की पत्नी ने और
क्या कहा...
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक,तेज बहादुर की पत्नी
शर्मिला ने कहा,''मैं 31 जनवरी को घर में उनका
इंतजार कर रही थी,लेकिन वो नहीं आए। मुझे यह
बताने के लिए फोन किया था कि उन पर
रिटायरमेंट नहीं लेने का दबाव डाला गया।''
-''पति ने बताया कि एक घंटे के भीतर ही उनका
VRS कैंसल कर दिया गया और बाद में उन्हें अरेस्ट
कर लिया गया। उन्होंने किसी और के मोबाइल से
कॉल किया,कहा कि मुझे कस्टडी में रखा गया है
और परेशान किया जा रहा है।''
-उधर,बीएसएफ सोर्सेज ने बताया,"तेज बहादुर को
अरेस्ट नहीं किया गया है। जांच में उन्हें दोषी
पाया गया,उनके खिलाफ अनुशासनात्मक
कार्रवाई की सिफारिश की गई है,फिलहाल
उसकी मंजूरी नहीं मिली है। वीआरएस कैंसल करने
की जानकारी 30 जनवरी की शाम जवान को
बताई गई थी।''
-बता दें कि सीएजी की पिछले साल सामने आई
रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्मी के सर्वे में
खुलासा हुआ है कि 68%जवान खाने को
असंतोषजनक या फिर लो लेवल का मानते हैं।
सैनिकों को लो क्वालिटी का मीट और सब्जी
दी जाती है। राशन भी कम होता है।
जवान का वीडियो वायरल हुआ था
-बीएसएफ की 29th बटालियन के जवान तेज
बहादुर का वीडियो पिछले महीने सोशल
मीडिया में वायरल हुआ था।
-इसमें जवान ने बीएसएफ में खराब क्वालिटी का
खाना दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके
बाद उसे बॉर्डर पोस्ट से हटाकर प्लंबर की ड्यूटी में
लगाया गया।
-एक ऑडियो क्लिप में जवान ने कहा था-
बीएसएफ अफसर मुझे डिसिप्लन तोड़ने का
आरोपी बता रहे हैं। अगर ऐसा है तो फिर मुझे 14
अवॉर्ड क्यों दिए गए?
-होम मिनिस्ट्री ने जांच के ऑर्डर दिए। पीएमओ
ने भी रिपोर्ट मांगी थी। फेयर जांच के लिए
कमांडेंट और सेकेंड इन कमांड का तबादला त्रिपुरा
कर दिया गया।
-बता दें कि जवानों को राशन और अन्य
फैसिलिटीज मुहैया कराने के मामलों में
निगरानी की जिम्मेदारी कमांडेंट और सेकेंड इन
कमांड पर होती है।
-इस घटना के बाद आर्मी,बीएसएफ और
सीआरपीएफ जवानों के भी कुछ वीडियो सामने
आए। जिनमें शिकायतों के साथ फैसिलिटी की
मांग की गई थी।
क्वालिटी का खाना दिए जाने की शिकायत
करने वाले कांस्टेबल तेज बहादुर यादव का
वीआरएस रोक दिया है। इसके बाद गुरुवार को
जवान की पत्नी ने आरोप लगाया कि बीएसएफ
ने पति को अरेस्ट कर लिया है। हालांकि
बीएसएफ ने गिरफ्तारी से इनकार किया और
बयान जारी कर कहा कि जांच पूरी होने तक तेज
बहादुर नौकरी नहीं छोड़ सकते। पिछले महीने
जवान के कुछ वीडियो सोशल मीडिया में वायरल
हुए थे। इस पर पीएमओ ने होम मिनिस्ट्री से
रिपोर्ट मांगी थी। जवान की पत्नी ने और
क्या कहा...
-न्यूज एजेंसी के मुताबिक,तेज बहादुर की पत्नी
शर्मिला ने कहा,''मैं 31 जनवरी को घर में उनका
इंतजार कर रही थी,लेकिन वो नहीं आए। मुझे यह
बताने के लिए फोन किया था कि उन पर
रिटायरमेंट नहीं लेने का दबाव डाला गया।''
-''पति ने बताया कि एक घंटे के भीतर ही उनका
VRS कैंसल कर दिया गया और बाद में उन्हें अरेस्ट
कर लिया गया। उन्होंने किसी और के मोबाइल से
कॉल किया,कहा कि मुझे कस्टडी में रखा गया है
और परेशान किया जा रहा है।''
-उधर,बीएसएफ सोर्सेज ने बताया,"तेज बहादुर को
अरेस्ट नहीं किया गया है। जांच में उन्हें दोषी
पाया गया,उनके खिलाफ अनुशासनात्मक
कार्रवाई की सिफारिश की गई है,फिलहाल
उसकी मंजूरी नहीं मिली है। वीआरएस कैंसल करने
की जानकारी 30 जनवरी की शाम जवान को
बताई गई थी।''
-बता दें कि सीएजी की पिछले साल सामने आई
रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्मी के सर्वे में
खुलासा हुआ है कि 68%जवान खाने को
असंतोषजनक या फिर लो लेवल का मानते हैं।
सैनिकों को लो क्वालिटी का मीट और सब्जी
दी जाती है। राशन भी कम होता है।
जवान का वीडियो वायरल हुआ था
-बीएसएफ की 29th बटालियन के जवान तेज
बहादुर का वीडियो पिछले महीने सोशल
मीडिया में वायरल हुआ था।
-इसमें जवान ने बीएसएफ में खराब क्वालिटी का
खाना दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके
बाद उसे बॉर्डर पोस्ट से हटाकर प्लंबर की ड्यूटी में
लगाया गया।
-एक ऑडियो क्लिप में जवान ने कहा था-
बीएसएफ अफसर मुझे डिसिप्लन तोड़ने का
आरोपी बता रहे हैं। अगर ऐसा है तो फिर मुझे 14
अवॉर्ड क्यों दिए गए?
-होम मिनिस्ट्री ने जांच के ऑर्डर दिए। पीएमओ
ने भी रिपोर्ट मांगी थी। फेयर जांच के लिए
कमांडेंट और सेकेंड इन कमांड का तबादला त्रिपुरा
कर दिया गया।
-बता दें कि जवानों को राशन और अन्य
फैसिलिटीज मुहैया कराने के मामलों में
निगरानी की जिम्मेदारी कमांडेंट और सेकेंड इन
कमांड पर होती है।
-इस घटना के बाद आर्मी,बीएसएफ और
सीआरपीएफ जवानों के भी कुछ वीडियो सामने
आए। जिनमें शिकायतों के साथ फैसिलिटी की
मांग की गई थी।