नई दिल्ली. शराब कारोबारी विजय माल्या
को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इसके लिए
इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट(ईडी)को स्पेशल कोर्ट से
मंजूरी के बाद मंगलवार को ब्रिटिश अफसरों के
डेलिगेशन के साथ भारतीय अफसरों की
अहम मीटिंग हुई। इसमें माल्या को इंडिया-यूके
म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस
ट्रीटी(MLAT)पर अमल कर भारत
लाने पर बात हुई। बता दें कि माल्या बैंकों का 9 हजार करोड़ लोन
चुकाए बिना पिछले साल लंदन भाग गया था। होम
मिनिस्ट्री को भेजा था कोर्ट ऑर्डर...
-ईडी ने माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग
केस की सुनवाई कर रहे कोर्ट में इंडिया-यूके
ट्रीटी के तहत ऑर्डर
जारी करने की अपील
की थी। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।
-ईडी अफसरों ने बताया था,"कोर्ट की
तरफ से जारी ऑर्डर को अब होम
मिनिस्ट्री को भेजा है,ताकि ब्रिटेन में आदेश
तामील हो सके।"
-"एजेंसी ने जांच करने के बाद क्रिमिनल केस में
माल्या की प्रॉपर्टी की
कुर्की की मांग की
थी। इसी आधार पर कोर्ट ने
अपील को मंजूरी किया।"
-"माल्या और उनकी बंद हो चुकी
किंगफिशर एयरलाइंस(KFA)पर
आईडीबीआई बैंक के साथ
करीब 900 करोड़ रुपए की
धोखाधड़ी का आरोप है।"
भारत कर चुका है प्रत्यर्पण की मांग
-पिछले दिनों विदेश मंत्रालय ने इसी आपराधिक मामले
में सीबीआई जांच के आधार पर यूके से
माल्या के प्रत्यर्पण(Extradition)की
अपील की थी।
-बता दें कि प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट और इससे जुड़े
आईपीसी के सेक्शंस के तहत
सीबीआई भी इस लोन
डिफॉल्ट मामले की जांच कर रही है।
क्या है MLAT?
-भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में म्यूचुअल
लीगल असिस्टेंस ट्रीटी
(MLAT)हुई थी।
-इसके तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में
आरोपी शख्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।
-इसमें सबूत देने और जांच में सहयोग करने के मकसद से
आरोपी की कस्टडी
भी शामिल है।
-माना जा रहा है कि ईडी ने इसी पहलू
को लीगल टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है,जिसके
आधार पर माल्या के प्रत्यर्पण की मांग
की जाएगी।
को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इसके लिए
इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट(ईडी)को स्पेशल कोर्ट से
मंजूरी के बाद मंगलवार को ब्रिटिश अफसरों के
डेलिगेशन के साथ भारतीय अफसरों की
अहम मीटिंग हुई। इसमें माल्या को इंडिया-यूके
म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस
ट्रीटी(MLAT)पर अमल कर भारत
लाने पर बात हुई। बता दें कि माल्या बैंकों का 9 हजार करोड़ लोन
चुकाए बिना पिछले साल लंदन भाग गया था। होम
मिनिस्ट्री को भेजा था कोर्ट ऑर्डर...
-ईडी ने माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग
केस की सुनवाई कर रहे कोर्ट में इंडिया-यूके
ट्रीटी के तहत ऑर्डर
जारी करने की अपील
की थी। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया।
-ईडी अफसरों ने बताया था,"कोर्ट की
तरफ से जारी ऑर्डर को अब होम
मिनिस्ट्री को भेजा है,ताकि ब्रिटेन में आदेश
तामील हो सके।"
-"एजेंसी ने जांच करने के बाद क्रिमिनल केस में
माल्या की प्रॉपर्टी की
कुर्की की मांग की
थी। इसी आधार पर कोर्ट ने
अपील को मंजूरी किया।"
-"माल्या और उनकी बंद हो चुकी
किंगफिशर एयरलाइंस(KFA)पर
आईडीबीआई बैंक के साथ
करीब 900 करोड़ रुपए की
धोखाधड़ी का आरोप है।"
भारत कर चुका है प्रत्यर्पण की मांग
-पिछले दिनों विदेश मंत्रालय ने इसी आपराधिक मामले
में सीबीआई जांच के आधार पर यूके से
माल्या के प्रत्यर्पण(Extradition)की
अपील की थी।
-बता दें कि प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट और इससे जुड़े
आईपीसी के सेक्शंस के तहत
सीबीआई भी इस लोन
डिफॉल्ट मामले की जांच कर रही है।
क्या है MLAT?
-भारत और ब्रिटेन के बीच 1992 में म्यूचुअल
लीगल असिस्टेंस ट्रीटी
(MLAT)हुई थी।
-इसके तहत दोनों देशों के बीच आपराधिक मामलों में
आरोपी शख्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।
-इसमें सबूत देने और जांच में सहयोग करने के मकसद से
आरोपी की कस्टडी
भी शामिल है।
-माना जा रहा है कि ईडी ने इसी पहलू
को लीगल टूल के तौर पर इस्तेमाल किया है,जिसके
आधार पर माल्या के प्रत्यर्पण की मांग
की जाएगी।