नई दिल्ली. आम आदमी
पार्टी को मिले चुनावी चंदे में 27 करोड़
की गड़बड़ी सामने आई है। इलेक्शन
कमीशन को सौंपी रिपोर्ट में इनकम
टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि AAP की ऑडिट
रिपोर्ट में कई खामियां मिली हैं। दिल्ली
के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे
नरेंद्र मोदी की साजिश करार दिया है।
केजरी ने कहा-मोदी हार से डरे हुए
हैं...
-केजरीवाल ने कहा,''ये हमारी
पार्टी को खत्म करने के लिए मोदी
की घटिया चाल है। वे कल गोवा-पंजाब इलेक्शन में
हार के डर से ऐसा करवा रहे हैं।''
-केजरीवाल ने ट्वीट में
कहा,''मोदीजी आप गोवा-पंजाब में
बुरी तरह हारोगे। चुनाव से 24 घंटे पहले
जीतने वाली पार्टी का
रजिस्ट्रेशन रद्द करवा दो। बेशर्म तानाशाह।''
आप के रजिस्ट्रेशन पर खतरा
-IT अफसरों के मुताबिक,पार्टियां सीए
की मदद से सालाना ऑडिट रिपोर्ट करती
हैं और इसकी एक कॉपी
कानूनी तौर पर आईटी ऑफिस में जमा
करानी होती है।
-आम आदमी पार्टी की
साल 2013-14 और 14-15 के ऑडिट में 27 करोड़ के
डोनर्स का हिसाब मिलान नहीं करता है। यह
आईटी एक्ट 1961 के तहत पार्टियों को टैक्स में
मिली छूट का वॉयलेशन है।
-ऐसे में पार्टी को टैक्स में मिली छूट
खत्म हो सकती है। यहां तक कि रजिस्ट्रेशन पर
भी खतरा हो गया है। लेकिन यह दोनों बातें
इलेक्शन कमीशन के अधिकार क्षेत्र में
आती हैं।
क्या है नियम चंदे का नियम?
-नियम के मुताबिक,देश की कोई भी
राजनीतिक पार्टी 20 हजार तक चंदा
कैश में ले सकती हैं। इससे ऊपर चेक,ड्रॉफ्ट या
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए डोनेशन होता है।
-हालांकि 2017 के बजट में मोदी सरकार ने कैश
चंदे की लिमिट घटा दी। यानी
अब 1 अप्रैल से पार्टियों को 2 हजार से ज्यादा के हर डोनेशन
का हिसाब ऑडिट में देना होगा।
पार्टी को मिले चुनावी चंदे में 27 करोड़
की गड़बड़ी सामने आई है। इलेक्शन
कमीशन को सौंपी रिपोर्ट में इनकम
टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा कि AAP की ऑडिट
रिपोर्ट में कई खामियां मिली हैं। दिल्ली
के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसे
नरेंद्र मोदी की साजिश करार दिया है।
केजरी ने कहा-मोदी हार से डरे हुए
हैं...
-केजरीवाल ने कहा,''ये हमारी
पार्टी को खत्म करने के लिए मोदी
की घटिया चाल है। वे कल गोवा-पंजाब इलेक्शन में
हार के डर से ऐसा करवा रहे हैं।''
-केजरीवाल ने ट्वीट में
कहा,''मोदीजी आप गोवा-पंजाब में
बुरी तरह हारोगे। चुनाव से 24 घंटे पहले
जीतने वाली पार्टी का
रजिस्ट्रेशन रद्द करवा दो। बेशर्म तानाशाह।''
आप के रजिस्ट्रेशन पर खतरा
-IT अफसरों के मुताबिक,पार्टियां सीए
की मदद से सालाना ऑडिट रिपोर्ट करती
हैं और इसकी एक कॉपी
कानूनी तौर पर आईटी ऑफिस में जमा
करानी होती है।
-आम आदमी पार्टी की
साल 2013-14 और 14-15 के ऑडिट में 27 करोड़ के
डोनर्स का हिसाब मिलान नहीं करता है। यह
आईटी एक्ट 1961 के तहत पार्टियों को टैक्स में
मिली छूट का वॉयलेशन है।
-ऐसे में पार्टी को टैक्स में मिली छूट
खत्म हो सकती है। यहां तक कि रजिस्ट्रेशन पर
भी खतरा हो गया है। लेकिन यह दोनों बातें
इलेक्शन कमीशन के अधिकार क्षेत्र में
आती हैं।
क्या है नियम चंदे का नियम?
-नियम के मुताबिक,देश की कोई भी
राजनीतिक पार्टी 20 हजार तक चंदा
कैश में ले सकती हैं। इससे ऊपर चेक,ड्रॉफ्ट या
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए डोनेशन होता है।
-हालांकि 2017 के बजट में मोदी सरकार ने कैश
चंदे की लिमिट घटा दी। यानी
अब 1 अप्रैल से पार्टियों को 2 हजार से ज्यादा के हर डोनेशन
का हिसाब ऑडिट में देना होगा।