लखनऊ. कांग्रेस-सपा के अलायंस के बाद अमेठी-
रायबरेली की 10 सीटों को लेकर दोनों
पार्टियों के बीच बात बन गई है। सपा ने अमेठी
सदर और ऊंचाहार की 2 सीट छोड़कर बाकी 8
सीटें कांग्रेस को दे दी हैं। बता दें कि अमेठी
राहुल गांधी और रायबरेली सोनिया गांधी का
संसदीय क्षेत्र है। कांग्रेस के स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत
किशोर ने गुरुवार सुबह अखिलेश यादव से मुलाकात
की। दोपहर में इन सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने
की खबर सामने आई। मीटिंग में बनी बात...
-सपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और पीके
की मीटिंग में अमेठी और रायबरेली की सीटों पर
बात हुई।
-उसी दौरान अखिलेश अमेठी सदर और रायबरेली
की ऊंचाहार सीट छोड़कर बाकी 8 सीटें कांग्रेस
को देने को राजी हो गए।
...तो इसलिए अखिलेश ने 2 सीटें अपने पास
रखीं
-मौजूदा वक्त में अमेठी और रायबरेली की 10 में से
2 सीट कांग्रेस के पास है,जबकि 1 सीट पर पीस
पार्टी का कब्जा है।
-अमेठी सदर से सपा के गायत्री प्रसाद प्रजापति
और रायबरेली की ऊंचाहार सीट से मनोज पांडेय
विधायक हैं। ये दोनों अखिलेश कैबिनेट में मंत्री
भी हैं।
-इसीलिए ये दोनों सीट अखिलेश ने कांग्रेस को
देने से इनकार कर दिया। जबकि रायबरेली की
बछरावां,हरचंदपुर,सरेनी और अमेठी की
गौरीगंज,सलोन देने को तैयार हो गए।
-10 सीटों में से रायबरेली की सदर सीट पीस
पार्टी के पास,जबकि अमेठी की जगदीशपुर और
तिलोई की सीट कांग्रेस के पास है।
सपा ने किया था 5 कैंडिडेट्स का एलान
-बता दें कि कांग्रेस और सपा का अलायंस काफी
मशक्कत के बाद प्रियंका गांधी के दखल से हुआ
था।
-अलायंस के पहले ही सपा अमेठी और रायबरेली
सीटों के लिए पांच कैंडिडेट्स का एलान कर चुकी
थी।
-अलायंस के बाद भी सपा के किसी कैंडिडेट ने इन
सीटों से नाम वापस नहीं लिया था। इसे लेकर
कांग्रेस नेता नाराज चल रहे थे।
-पहले ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस 6 और सपा 4
सीटों पर तैयार हो सकती है। लेकिन कांग्रेस के
लोकल लीडर्स अमेठी और गौरीगंज की सीटें सपा
को देने से नाराज थे।
-कांग्रेस नेताओं का कहना था कि पिछले चुनाव
के आधार पर टिकट देना विरोधियों को फायदा
पहुंचाना होगा।
रायबरेली की 10 सीटों को लेकर दोनों
पार्टियों के बीच बात बन गई है। सपा ने अमेठी
सदर और ऊंचाहार की 2 सीट छोड़कर बाकी 8
सीटें कांग्रेस को दे दी हैं। बता दें कि अमेठी
राहुल गांधी और रायबरेली सोनिया गांधी का
संसदीय क्षेत्र है। कांग्रेस के स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत
किशोर ने गुरुवार सुबह अखिलेश यादव से मुलाकात
की। दोपहर में इन सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने
की खबर सामने आई। मीटिंग में बनी बात...
-सपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अखिलेश और पीके
की मीटिंग में अमेठी और रायबरेली की सीटों पर
बात हुई।
-उसी दौरान अखिलेश अमेठी सदर और रायबरेली
की ऊंचाहार सीट छोड़कर बाकी 8 सीटें कांग्रेस
को देने को राजी हो गए।
...तो इसलिए अखिलेश ने 2 सीटें अपने पास
रखीं
-मौजूदा वक्त में अमेठी और रायबरेली की 10 में से
2 सीट कांग्रेस के पास है,जबकि 1 सीट पर पीस
पार्टी का कब्जा है।
-अमेठी सदर से सपा के गायत्री प्रसाद प्रजापति
और रायबरेली की ऊंचाहार सीट से मनोज पांडेय
विधायक हैं। ये दोनों अखिलेश कैबिनेट में मंत्री
भी हैं।
-इसीलिए ये दोनों सीट अखिलेश ने कांग्रेस को
देने से इनकार कर दिया। जबकि रायबरेली की
बछरावां,हरचंदपुर,सरेनी और अमेठी की
गौरीगंज,सलोन देने को तैयार हो गए।
-10 सीटों में से रायबरेली की सदर सीट पीस
पार्टी के पास,जबकि अमेठी की जगदीशपुर और
तिलोई की सीट कांग्रेस के पास है।
सपा ने किया था 5 कैंडिडेट्स का एलान
-बता दें कि कांग्रेस और सपा का अलायंस काफी
मशक्कत के बाद प्रियंका गांधी के दखल से हुआ
था।
-अलायंस के पहले ही सपा अमेठी और रायबरेली
सीटों के लिए पांच कैंडिडेट्स का एलान कर चुकी
थी।
-अलायंस के बाद भी सपा के किसी कैंडिडेट ने इन
सीटों से नाम वापस नहीं लिया था। इसे लेकर
कांग्रेस नेता नाराज चल रहे थे।
-पहले ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस 6 और सपा 4
सीटों पर तैयार हो सकती है। लेकिन कांग्रेस के
लोकल लीडर्स अमेठी और गौरीगंज की सीटें सपा
को देने से नाराज थे।
-कांग्रेस नेताओं का कहना था कि पिछले चुनाव
के आधार पर टिकट देना विरोधियों को फायदा
पहुंचाना होगा।