नई दिल्ली. पुलिस ने यहां के पंजाबी बाग इलाके
में हाईटेक टेलिफोन एक्सचेंज के जरिए इंडियन
आर्मी की जासूसी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़
किया। दिल्ली पुलिस और यूपी एसटीएफ की
टीम ने कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया
एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे तीन आरोपियों
को गिरफ्तार किया। जासूसी के लिए कोचिंग
सेंटर की बिल्डिंग में गैरकानूनी तरीके से 6
एक्सचेंज बनाए गए थे। खुफिया एजेंसियां
आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। एक साल से
चल रहा था रैकेट...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक्सचेंज के जरिए
आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर के कॉन्टैक्ट में रहते
थे। आतंकी वारदातों की प्लानिंग शेयर करते और
जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात अफसरों को उनके
सीनियर के नाम से कॉल कर सीक्रेट डिटेल जुटाते
थे।
- खुफिया इनपुट पर एटीएस ने कुछ दिन पहले
आरोपियों को हिरासत में लिया। एक्सचेंज एक
साल से ऑपरेट किए जा रहे थे।
- आरोपियों में एक गुलशन सेन दिल्ली के महरौली,
जबकि श्याम बाबू और सत्येंद्र मिश्रा सीतापुर के
रहने वाले हैं।
एटीएस ने क्या बताया?
- एटीएस चीफ असीम अरुण ने बताया कि एक्सचेंज
VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) सर्वर लोकेशन के
जरिए रन किए जाते थे। ताकि कॉल ट्रेस ना हो
पाएं।
- गुलशन सायबर एक्सपर्ट है। एक यूएस फर्म के जरिए
अफगानिस्तान में 5 साल काम कर चुका है। ये
फर्म यूएस आर्मी को सायबर सपोर्ट देती थी।
- गुलशन पाकिस्तान, बांग्लादेश, कनाडा, नेपाल,
अफगानिस्तान, कुवैत और खाड़ी देशों में बैठे
हैंडलर्स के टच में रहता था।
क्या बरामद हुआ?
- 6 सिम बॉक्स और कुल 78 सिम कार्ड। आर्मी
बेस कैंप के नक्शे, डिफेंस की सीक्रेट जानकारियों
वाले नोट्स और आर्मी के मूवमेंट की जानकारी।
- खुफिया एजेंसियों को शक है कि आर्मी के कुछ
लोग भी इनसे मिले हो सकते हैं। पुलिस 5 और
लोगों की तलाश कर रही है।
में हाईटेक टेलिफोन एक्सचेंज के जरिए इंडियन
आर्मी की जासूसी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़
किया। दिल्ली पुलिस और यूपी एसटीएफ की
टीम ने कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया
एजेंसी ISI के लिए काम कर रहे तीन आरोपियों
को गिरफ्तार किया। जासूसी के लिए कोचिंग
सेंटर की बिल्डिंग में गैरकानूनी तरीके से 6
एक्सचेंज बनाए गए थे। खुफिया एजेंसियां
आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं। एक साल से
चल रहा था रैकेट...
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक्सचेंज के जरिए
आरोपी पाकिस्तानी हैंडलर के कॉन्टैक्ट में रहते
थे। आतंकी वारदातों की प्लानिंग शेयर करते और
जम्मू-कश्मीर में बॉर्डर पर तैनात अफसरों को उनके
सीनियर के नाम से कॉल कर सीक्रेट डिटेल जुटाते
थे।
- खुफिया इनपुट पर एटीएस ने कुछ दिन पहले
आरोपियों को हिरासत में लिया। एक्सचेंज एक
साल से ऑपरेट किए जा रहे थे।
- आरोपियों में एक गुलशन सेन दिल्ली के महरौली,
जबकि श्याम बाबू और सत्येंद्र मिश्रा सीतापुर के
रहने वाले हैं।
एटीएस ने क्या बताया?
- एटीएस चीफ असीम अरुण ने बताया कि एक्सचेंज
VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) सर्वर लोकेशन के
जरिए रन किए जाते थे। ताकि कॉल ट्रेस ना हो
पाएं।
- गुलशन सायबर एक्सपर्ट है। एक यूएस फर्म के जरिए
अफगानिस्तान में 5 साल काम कर चुका है। ये
फर्म यूएस आर्मी को सायबर सपोर्ट देती थी।
- गुलशन पाकिस्तान, बांग्लादेश, कनाडा, नेपाल,
अफगानिस्तान, कुवैत और खाड़ी देशों में बैठे
हैंडलर्स के टच में रहता था।
क्या बरामद हुआ?
- 6 सिम बॉक्स और कुल 78 सिम कार्ड। आर्मी
बेस कैंप के नक्शे, डिफेंस की सीक्रेट जानकारियों
वाले नोट्स और आर्मी के मूवमेंट की जानकारी।
- खुफिया एजेंसियों को शक है कि आर्मी के कुछ
लोग भी इनसे मिले हो सकते हैं। पुलिस 5 और
लोगों की तलाश कर रही है।