भोपाल:
अब आईटीबीपी के यही जवान केंद्रीय जेल भोपाल की भी सुरक्षा करेंगे। सिमी आंतकियों के जेल ब्रेक के बाद सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आईटीबीपी की टीम ने तीन दिन पहले जेल का दौरा करने के बाद अपनी मंजूरी दे दी है। जेल मुख्यालय से इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है। वहां से अनुमति मिलते ही आईटीबीपी के जवान जेल की सुरक्षा अपने हाथ में ले लेंगे। वित्त विभाग से मंजूरी मिलना तय आईटीबीपी का गठन उत्तरपूर्व में चीन की हरकतों को देखते हुए सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए किया गया था, लेकिन बाद में इसका कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया गया। अब आईटीबीपी देश भर में सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों की पहली पंसद बन गई हैं। सूत्रों की माने तो आईटीबीपी पर होने वाला खर्च वजट में है। ऐसे में वित्त विभाग से इसे मंजूरी मिल जाएगी। इस तरह होगी सुरक्षा जेल की सुरक्षा आंतरिक और बाहरी घेरे में होती है। जेल के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती है। आईटीबीपी की टीम भी जेल के बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगी। उनकी अनुमति और जांच के बिना अब न तो कोई जेल के अंदर जा सकेगा और न ही बाहर आ सकेगा। इसलिए जरूरी जेल ब्रेक कांड के दौरान सुरक्षा को लेकर लापरवाही उजागर हुई थी। सिमी के आंतकियों के चलते यहां की सुरक्षा बढ़ाए जाने का दवाब प्रशासन पर लगातार बढ़ रहा था, इसलिए आईटीबीपी को यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया। जल्द ही तैनात होगी आईटीबीपी केंद्रीय जेल भोपाल की बाहरी सुरक्षा के लिए इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही वे जेल की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे। - विनोद सेमवाल, एसीएस जेल
अब आईटीबीपी के यही जवान केंद्रीय जेल भोपाल की भी सुरक्षा करेंगे। सिमी आंतकियों के जेल ब्रेक के बाद सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। आईटीबीपी की टीम ने तीन दिन पहले जेल का दौरा करने के बाद अपनी मंजूरी दे दी है। जेल मुख्यालय से इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा जा चुका है। वहां से अनुमति मिलते ही आईटीबीपी के जवान जेल की सुरक्षा अपने हाथ में ले लेंगे। वित्त विभाग से मंजूरी मिलना तय आईटीबीपी का गठन उत्तरपूर्व में चीन की हरकतों को देखते हुए सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए किया गया था, लेकिन बाद में इसका कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया गया। अब आईटीबीपी देश भर में सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों की पहली पंसद बन गई हैं। सूत्रों की माने तो आईटीबीपी पर होने वाला खर्च वजट में है। ऐसे में वित्त विभाग से इसे मंजूरी मिल जाएगी। इस तरह होगी सुरक्षा जेल की सुरक्षा आंतरिक और बाहरी घेरे में होती है। जेल के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होती है। आईटीबीपी की टीम भी जेल के बाहरी सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी लेगी। उनकी अनुमति और जांच के बिना अब न तो कोई जेल के अंदर जा सकेगा और न ही बाहर आ सकेगा। इसलिए जरूरी जेल ब्रेक कांड के दौरान सुरक्षा को लेकर लापरवाही उजागर हुई थी। सिमी के आंतकियों के चलते यहां की सुरक्षा बढ़ाए जाने का दवाब प्रशासन पर लगातार बढ़ रहा था, इसलिए आईटीबीपी को यह जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया गया। जल्द ही तैनात होगी आईटीबीपी केंद्रीय जेल भोपाल की बाहरी सुरक्षा के लिए इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस को सौंपने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही वे जेल की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे। - विनोद सेमवाल, एसीएस जेल