लखनऊ
नई दिल्ली. प्रियंका गांधी की पहल
पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच
गठबंधन हुआ है। सोनिया गांधी के पॉलिटिकल
सेक्रेटरी अहमद पटेल ने ट्वीट करके कहा है कि
गुलाम नबी आजाद और प्रियंका गांधी की इस
मसले पर अखिलेश से चर्चा हुई थी। यह भी तय है
कि इस गठबंधन के बाद प्रियंका के साथ डिंपल
यादव और राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव
कैम्पेन करेंगे। इसलिए नहीं हो रहा था गठबंधन...
-माना जा रहा है कि गठबंधन नहीं होने की एक
बड़ी वजह यह थी कि बातचीत के लिए कांग्रेस
का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंच रहा था। न तो
राहुल गांधी आगे आए और न ही प्रियंका गांधी।
-उनकी तरफ से यूपी में पार्टी के इलेक्शन कैम्पेनर
प्रशांत किशोर और IAS ऑफिसर रहे धीरज
श्रीवास्तव को अखिलेश के पास भेजा गया था।
-हालांकि,अहमद पटेल ने इस बात से इनकार किया
है। उनका कहना है कि यह कहना गलत है कि
कांग्रेस की ओर से बातचीत को हल्के में लिया
जा रहा था।
-उन्होंने कहा कि इसके लिए गुलाम नबी आजाद
और प्रियंका गांधी की अखिलेश यादव से
हाईएस्ट लेवल पर बातचीत हो रही थी।
प्रियंका ने रात 1 बजे किया डिंपल को फोन
-सूत्रों के मुताबिक,अखिलेश यादव की पत्नी
डिंपल यादव के पास शुक्रवार या शनिवार की
रात को एक बजे के करीब प्रियंका गांधी का
फोन आया।
-उन्होंने कहा कि अखिलेश ने फोन बंद किया हुआ
है,लेकिन अखिलेश ने पहले ही कांग्रेस से कह रखा
था कि गठबंधन की बात वे लोग डिंपल से कर सकते
हैं।
-बताया जा रहा है कि प्रियंका और डिंपल के
नजदीकियां बढ़ी हैं,जिसकी वजह से यह डील
मुमकिन हो पाई है।
प्रियंका-डिंपल एकसाथ करेंगे कैम्पेन
- इस गठबंधन के बाद यह भी तय हो गया है
कि प्रियंका और डिंपल कई रैलियां एकसाथ
करेंगी।
-राहुल और अखिलेश भी 14 रैलियां एकसाथ करेंगे।
प्रियंका की लॉन्चिंग के कयास
-कई लोगों का मानना हे कि यह गांधी परिवार
की ओर से प्रियंका की राजनीति में लॉन्चिंग
का सिग्नल है।
-प्रियंका यूपी के मामलों में काफी इंटरेस्ट दिखा
रही हैं। वे अक्सर पार्टी के डिस्कशन में शामिल
हो रही हैं और अपने घर पर भी नेताओं से चर्चा कर
रही हैं।
-मोदी सरकार की ओर से मिल रहे चैलेंज और 2014
के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस की
परफॉर्मेंस में गिरावट आ रही है। इसे देखते हुए भी
पार्टी में माना जा रहा था कि प्रियंका को
और एक्टिव होने की जरूरत है।
नई दिल्ली. प्रियंका गांधी की पहल
पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच
गठबंधन हुआ है। सोनिया गांधी के पॉलिटिकल
सेक्रेटरी अहमद पटेल ने ट्वीट करके कहा है कि
गुलाम नबी आजाद और प्रियंका गांधी की इस
मसले पर अखिलेश से चर्चा हुई थी। यह भी तय है
कि इस गठबंधन के बाद प्रियंका के साथ डिंपल
यादव और राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव
कैम्पेन करेंगे। इसलिए नहीं हो रहा था गठबंधन...
-माना जा रहा है कि गठबंधन नहीं होने की एक
बड़ी वजह यह थी कि बातचीत के लिए कांग्रेस
का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंच रहा था। न तो
राहुल गांधी आगे आए और न ही प्रियंका गांधी।
-उनकी तरफ से यूपी में पार्टी के इलेक्शन कैम्पेनर
प्रशांत किशोर और IAS ऑफिसर रहे धीरज
श्रीवास्तव को अखिलेश के पास भेजा गया था।
-हालांकि,अहमद पटेल ने इस बात से इनकार किया
है। उनका कहना है कि यह कहना गलत है कि
कांग्रेस की ओर से बातचीत को हल्के में लिया
जा रहा था।
-उन्होंने कहा कि इसके लिए गुलाम नबी आजाद
और प्रियंका गांधी की अखिलेश यादव से
हाईएस्ट लेवल पर बातचीत हो रही थी।
प्रियंका ने रात 1 बजे किया डिंपल को फोन
-सूत्रों के मुताबिक,अखिलेश यादव की पत्नी
डिंपल यादव के पास शुक्रवार या शनिवार की
रात को एक बजे के करीब प्रियंका गांधी का
फोन आया।
-उन्होंने कहा कि अखिलेश ने फोन बंद किया हुआ
है,लेकिन अखिलेश ने पहले ही कांग्रेस से कह रखा
था कि गठबंधन की बात वे लोग डिंपल से कर सकते
हैं।
-बताया जा रहा है कि प्रियंका और डिंपल के
नजदीकियां बढ़ी हैं,जिसकी वजह से यह डील
मुमकिन हो पाई है।
प्रियंका-डिंपल एकसाथ करेंगे कैम्पेन
- इस गठबंधन के बाद यह भी तय हो गया है
कि प्रियंका और डिंपल कई रैलियां एकसाथ
करेंगी।
-राहुल और अखिलेश भी 14 रैलियां एकसाथ करेंगे।
प्रियंका की लॉन्चिंग के कयास
-कई लोगों का मानना हे कि यह गांधी परिवार
की ओर से प्रियंका की राजनीति में लॉन्चिंग
का सिग्नल है।
-प्रियंका यूपी के मामलों में काफी इंटरेस्ट दिखा
रही हैं। वे अक्सर पार्टी के डिस्कशन में शामिल
हो रही हैं और अपने घर पर भी नेताओं से चर्चा कर
रही हैं।
-मोदी सरकार की ओर से मिल रहे चैलेंज और 2014
के लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस की
परफॉर्मेंस में गिरावट आ रही है। इसे देखते हुए भी
पार्टी में माना जा रहा था कि प्रियंका को
और एक्टिव होने की जरूरत है।