कंट्रोल रूम में अपराध स्थल प्रबंधन पर कार्यशाला।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे ने बताए घटनास्थल से सबूत जुटाने के तरीके।
भोपाल पुलिस कंट्रोल रूम में आज रविवार दोपहर अपराध स्थल प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे और उनकी टीम द्वारा घटनास्थल पर पुलिस द्वारा जुटाए जाने वाले सबूतों के बारे में विस्तार से बताया, ताकि सबूत ठीक से जुटाए जा सके।
इस कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात समीर सिंह यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा रश्मि मिश्रा मौजूद रही। इस दौरान राजधानी के थानों से आए थाना प्रभारियों समेत उपनिरीक्षकों ने हिस्सा लिया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे ने इस दौरान नक्से के माध्यम से साथ ही अपराधिक गतिविधियों का नाटकीय रूपांतरण कर पुलिस की विवेचना को और भी प्रभावी करने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से फिंगर प्रिंट साथ ही मौके से खून का नमूना और जूते चप्पल समेत अन्य सामान मिलने पर क्या करना है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि मर्डर और खुदकुशी के मामलों में दीवार और लाश के बीच की दूरी कितने मायने रखती है। कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों ने कुछ सवाल भी फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे से किए, जिसका उन्होंने जवाब दिया। कार्यशाला में सीसीटीवी से मिलने वाले फुटेज और सबूतों के बारे में भी विस्तृत से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों को किस एंगल पर लगाया जाए, ताकि फुटेज सही मिल सके और अपराधियों की पहचान हो सके। इस दौरान फॉरेंसिक टीम से नितिन पाहूजा, नसीम खान और वीरेंद्र बरफा ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।
फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे ने बताए घटनास्थल से सबूत जुटाने के तरीके।
भोपाल पुलिस कंट्रोल रूम में आज रविवार दोपहर अपराध स्थल प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे और उनकी टीम द्वारा घटनास्थल पर पुलिस द्वारा जुटाए जाने वाले सबूतों के बारे में विस्तार से बताया, ताकि सबूत ठीक से जुटाए जा सके।
इस कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात समीर सिंह यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध शाखा रश्मि मिश्रा मौजूद रही। इस दौरान राजधानी के थानों से आए थाना प्रभारियों समेत उपनिरीक्षकों ने हिस्सा लिया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे ने इस दौरान नक्से के माध्यम से साथ ही अपराधिक गतिविधियों का नाटकीय रूपांतरण कर पुलिस की विवेचना को और भी प्रभावी करने के तरीके बताए। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से फिंगर प्रिंट साथ ही मौके से खून का नमूना और जूते चप्पल समेत अन्य सामान मिलने पर क्या करना है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि मर्डर और खुदकुशी के मामलों में दीवार और लाश के बीच की दूरी कितने मायने रखती है। कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों ने कुछ सवाल भी फॉरेंसिक एक्सपर्ट पुष्कल पांडे से किए, जिसका उन्होंने जवाब दिया। कार्यशाला में सीसीटीवी से मिलने वाले फुटेज और सबूतों के बारे में भी विस्तृत से बताया। उन्होंने यह भी बताया कि विभिन्न चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों को किस एंगल पर लगाया जाए, ताकि फुटेज सही मिल सके और अपराधियों की पहचान हो सके। इस दौरान फॉरेंसिक टीम से नितिन पाहूजा, नसीम खान और वीरेंद्र बरफा ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।