वॉशिंगटन. डोनाल्ड ट्रम्प के उस ऑर्डर पर
अमेरिका की एक कोर्ट ने रोक लगा दी है,जिसमें
7 मुस्लिम देशों के लोगों की अमेरिका में एंट्री पर
रोक लगाई गई थी। जिन देशों पर बैन लगाया गया
था उनमें
ईरान,इराक,सीरिया,लीबिया,यमन,सूडान और
सोमालिया शामिल थे। ट्रम्प के इस ऑर्डर का
अमेरिका समेत दुनियाभर में विरोध हो रहा है।
एसीएलयू ने लगाई थी ऑर्डर के खिलाफ
पिटीशन...
-द अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन
(एसीएलयू)ने इस ऑर्डर के खिलाफ शुक्रवार को
एक पिटीशन दाखिल की थी।
-इस पिटीशन पर सुनवाई करते हुए जज ने ट्रम्प के इस
ऑर्डर पर रोक लगा दी है।
-ट्रम्प ने मुस्लिमों की ज्यादा आबादी वाले
कुछ देशों से अमेरिका में आने वाले रिफ्यूजी और
आम लोगों की तादाद लिमिटेड करने के ऑर्डर पर
दस्तखत किए थे।
-ऑर्डर के तहत इन देशों के रिफ्यूजी की एंट्री पर 4
महीने के लिए और ट्रैवलर्स की एंट्री पर 90 दिनों
के लिए बैन लगाया गया था।
ऑर्डर के खिलाफ हुए प्रदर्शन
-इस ऑर्डर के बाद अमेरिका के कई एयरपोर्ट्स पर
प्रदर्शन हुए थे और कुछ लोगों को हिरासत में
लिया गया था।
-एसीएलयू का कहना है कि ट्रम्प के ऑर्डर के बाद
हिरासत में लिए गए लोगों को अब वापस नहीं
भेजा जा सकेगा।
-इमिग्रेंट्स राइट्स प्रोजेक्ट के डिप्टी लीगल
डायरेक्टर ली गेलेंर्ट ने अदालत में ह्यूमन राइट्स
ग्रुप्स का पक्ष रखा।
-उन्होंने बताया कि जज ने हिरासत में लिए गए
सभी लोगों की लिस्ट भी सरकार से मांगी है।
-इस मामले की सुनवाई अब फरवरी के अंत में होगी।
ट्रम्प ने कहा-ऑर्डर मुस्लिमों के खिलाफ नहीं
-ट्रम्प ने कहा है कि उनका एक्जिक्यूटिव ऑर्डर
मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। उनका कहना है कि
यह रिफ्यूजी और दूसरे देश के लोगों की तादाद
लिमिटेड करने के लिए है।
-ट्रम्प ने मीडिया से कहा,"यह मुस्लिमों पर बैन
नहीं है। यह बाहर अच्छी तरह से काम कर रहा है।
आप इसे एयरपोर्ट्स और दूसरी जगहों पर महसूस कर
सकते है।"
-ट्रम्प ने अपने इस ऑर्डर पर दस्तखत करते वक्त कहा
था,"हम यह तय करना चाहते हैं कि ऐसे लोग हमारे
देश में नहीं आएं जिनके खिलाफ हमारे सैनिक देश
से बाहर लड़ रहे हैं।"
रिफ्यूजी की मदद के लिए कनाडा की पेशकश
-कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि
उनका देश ऐसे रिफ्यूजी के स्वागत के लिए तैयार
है,जो टेरोरिज्म,वॉर या किसी हैरासमेंट का
शिकार हैं।
-ट्रुडो ने ट्वीट किया,"अगर आप किसी हैरासमेंट
का शिकार हैं या टेरोरिज्म और वॉर की वजह से
अपना देश छोड़ने को मजबूर हैं,तो कनाडा आपके
रिलीजन की परवाह किए बगैर आपका स्वागत
करेगा। डायवर्सिटी हमारी ताकत है।"
ट्रम्प ने इलेक्शन कैम्पेन में किया था वादा
-बता दें कि ट्रम्प ने इलेक्शन कैम्पेन के वक्त वादा
किया था कि अगर वे प्रेसिडेंट बने तो अमेरिका
में कट्टरपंथी मुस्लिमों की एंट्री पर बैन लगाएंगे।
-उनके इस वादे का उस वक्त भी दुनियाभर में
विरोध हुआ था।
-20 जनवरी को शपथ लेने के दौरान भी ट्रम्प ने
कहा था कि वे कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को
खत्म करके ही दम लेंगे।
अमेरिका की एक कोर्ट ने रोक लगा दी है,जिसमें
7 मुस्लिम देशों के लोगों की अमेरिका में एंट्री पर
रोक लगाई गई थी। जिन देशों पर बैन लगाया गया
था उनमें
ईरान,इराक,सीरिया,लीबिया,यमन,सूडान और
सोमालिया शामिल थे। ट्रम्प के इस ऑर्डर का
अमेरिका समेत दुनियाभर में विरोध हो रहा है।
एसीएलयू ने लगाई थी ऑर्डर के खिलाफ
पिटीशन...
-द अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन
(एसीएलयू)ने इस ऑर्डर के खिलाफ शुक्रवार को
एक पिटीशन दाखिल की थी।
-इस पिटीशन पर सुनवाई करते हुए जज ने ट्रम्प के इस
ऑर्डर पर रोक लगा दी है।
-ट्रम्प ने मुस्लिमों की ज्यादा आबादी वाले
कुछ देशों से अमेरिका में आने वाले रिफ्यूजी और
आम लोगों की तादाद लिमिटेड करने के ऑर्डर पर
दस्तखत किए थे।
-ऑर्डर के तहत इन देशों के रिफ्यूजी की एंट्री पर 4
महीने के लिए और ट्रैवलर्स की एंट्री पर 90 दिनों
के लिए बैन लगाया गया था।
ऑर्डर के खिलाफ हुए प्रदर्शन
-इस ऑर्डर के बाद अमेरिका के कई एयरपोर्ट्स पर
प्रदर्शन हुए थे और कुछ लोगों को हिरासत में
लिया गया था।
-एसीएलयू का कहना है कि ट्रम्प के ऑर्डर के बाद
हिरासत में लिए गए लोगों को अब वापस नहीं
भेजा जा सकेगा।
-इमिग्रेंट्स राइट्स प्रोजेक्ट के डिप्टी लीगल
डायरेक्टर ली गेलेंर्ट ने अदालत में ह्यूमन राइट्स
ग्रुप्स का पक्ष रखा।
-उन्होंने बताया कि जज ने हिरासत में लिए गए
सभी लोगों की लिस्ट भी सरकार से मांगी है।
-इस मामले की सुनवाई अब फरवरी के अंत में होगी।
ट्रम्प ने कहा-ऑर्डर मुस्लिमों के खिलाफ नहीं
-ट्रम्प ने कहा है कि उनका एक्जिक्यूटिव ऑर्डर
मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। उनका कहना है कि
यह रिफ्यूजी और दूसरे देश के लोगों की तादाद
लिमिटेड करने के लिए है।
-ट्रम्प ने मीडिया से कहा,"यह मुस्लिमों पर बैन
नहीं है। यह बाहर अच्छी तरह से काम कर रहा है।
आप इसे एयरपोर्ट्स और दूसरी जगहों पर महसूस कर
सकते है।"
-ट्रम्प ने अपने इस ऑर्डर पर दस्तखत करते वक्त कहा
था,"हम यह तय करना चाहते हैं कि ऐसे लोग हमारे
देश में नहीं आएं जिनके खिलाफ हमारे सैनिक देश
से बाहर लड़ रहे हैं।"
रिफ्यूजी की मदद के लिए कनाडा की पेशकश
-कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि
उनका देश ऐसे रिफ्यूजी के स्वागत के लिए तैयार
है,जो टेरोरिज्म,वॉर या किसी हैरासमेंट का
शिकार हैं।
-ट्रुडो ने ट्वीट किया,"अगर आप किसी हैरासमेंट
का शिकार हैं या टेरोरिज्म और वॉर की वजह से
अपना देश छोड़ने को मजबूर हैं,तो कनाडा आपके
रिलीजन की परवाह किए बगैर आपका स्वागत
करेगा। डायवर्सिटी हमारी ताकत है।"
ट्रम्प ने इलेक्शन कैम्पेन में किया था वादा
-बता दें कि ट्रम्प ने इलेक्शन कैम्पेन के वक्त वादा
किया था कि अगर वे प्रेसिडेंट बने तो अमेरिका
में कट्टरपंथी मुस्लिमों की एंट्री पर बैन लगाएंगे।
-उनके इस वादे का उस वक्त भी दुनियाभर में
विरोध हुआ था।
-20 जनवरी को शपथ लेने के दौरान भी ट्रम्प ने
कहा था कि वे कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को
खत्म करके ही दम लेंगे।