इटावा (
उत्तर प्रदेश). शिवपाल यादव ने कहा कि वे 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाएंगे। शिवपाल ने यह बयान इटावा में एक मीटिंग के दौरान दिया। उनके इस बयान से साफ है कि अभी सपा परिवार में घमासान थमा नहीं है। चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद पहली बार शिवपाल का इस तरह का बयान आया है। इससे पहले, उन्होंने यहां जसवंतनगर विधानसभा सीट के लिए नॉमिनेशन भरा। शिवपाल ने कहा- मेहरबानी हो गई जो टिकट दे दिया...
उत्तर प्रदेश). शिवपाल यादव ने कहा कि वे 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाएंगे। शिवपाल ने यह बयान इटावा में एक मीटिंग के दौरान दिया। उनके इस बयान से साफ है कि अभी सपा परिवार में घमासान थमा नहीं है। चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद पहली बार शिवपाल का इस तरह का बयान आया है। इससे पहले, उन्होंने यहां जसवंतनगर विधानसभा सीट के लिए नॉमिनेशन भरा। शिवपाल ने कहा- मेहरबानी हो गई जो टिकट दे दिया...
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शिवपाल ने कहा- "अभी हमने पर्चा भर दिया है। आज हम जो भी हैं, नेताजी के
वजह से हैं। लेकिन बहुत से लोगों ने कहा कि वे जो कुछ हैं नेताजी के वजह से
हैं और उन्हीं लोगों ने नेताजी को अपमानित करने का काम किया।"
- "जो चाहो मुझसे ले लो, लेकिन नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। मरते दम तक नेताजी के साथ रहेंगे, उनका आदेश मानेंगे।"
- "हम जानते है कि समाजवादी पार्टी में भी भीतरघात करने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।"
- "मेहरबानी हो गई जो टिकट दे दिया, फॉर्म ए और बी दे दिया। नहींं तो निर्दलीय चुनाव लड़ना होता।"
- "जो चाहो मुझसे ले लो, लेकिन नेताजी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते। मरते दम तक नेताजी के साथ रहेंगे, उनका आदेश मानेंगे।"
- "हम जानते है कि समाजवादी पार्टी में भी भीतरघात करने वाले लोग हैं। उनसे सावधान रहने की जरूरत है।"
- "मेहरबानी हो गई जो टिकट दे दिया, फॉर्म ए और बी दे दिया। नहींं तो निर्दलीय चुनाव लड़ना होता।"
- "हम लोग तो ज्यादातर विपक्ष में रहे है। बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस को तब हराया है जब हमारे पास कोई साधन नहीं थे।"
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"आज से 6 महीने पहले कांग्रेस की क्या हालत थी? केवल 4 सीटें जीतने की।
किसका फायदा हुआ? कांग्रेस को सीटें दीं, टिकट हमारे लोगों का कटा।"
कांग्रेस के खिलाफ पर्चा भरने को कह चुके हैं मुलायम
- इससे पहले सोमवार को दिल्ली में मुलायम सिंह ने पार्टी वर्कर्स से मुलाकात के दौरान कहा था कि "आप कांग्रेस के 105 कैंडिडेट्स के खिलाफ पर्चा भरें। मैं कांग्रेस-सपा अलायंस के लिए कैम्पेन नहीं करने वाला।"
- "मैंने कांग्रेस के खिलाफ सपा को खड़ा करने में जिंदगी लगा दी। मैं अब भी इस अलायंस के खिलाफ अखिलेश को मनाने की कोशिश कर रहा हूं।"
- "ये अलायंस पार्टी को खत्म कर देगा। 105 सीटों पर हमारे नेता और वर्कर्स क्या करेंगे? सबने मेहनत की थी, अब उनका क्या होगा? ये ठीक नहीं है। मैं पार्टी को खत्म नहीं होने दूंगा।"
- रविवार को राहुल-अखिलेश की ज्वांइट प्रेस कॉन्फ्रेंस और रोड शो के बाद मुलायम ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत की थी।
- उन्होंने कहा था, "मैं इस समझौते के खिलाफ हूं। मैं कैम्पेन में भी हिस्सा नहीं लूंगा। मैं कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वो अलायंस के खिलाफ खड़े हों और जनता तक अपनी बात पहुंचाएं।"
- "सपा तो अपने दम पर भी लड़ती तो चुनाव जीत जाती। इस अलायंस की तो जरूरत ही नहीं थी।"
- इससे पहले सोमवार को दिल्ली में मुलायम सिंह ने पार्टी वर्कर्स से मुलाकात के दौरान कहा था कि "आप कांग्रेस के 105 कैंडिडेट्स के खिलाफ पर्चा भरें। मैं कांग्रेस-सपा अलायंस के लिए कैम्पेन नहीं करने वाला।"
- "मैंने कांग्रेस के खिलाफ सपा को खड़ा करने में जिंदगी लगा दी। मैं अब भी इस अलायंस के खिलाफ अखिलेश को मनाने की कोशिश कर रहा हूं।"
- "ये अलायंस पार्टी को खत्म कर देगा। 105 सीटों पर हमारे नेता और वर्कर्स क्या करेंगे? सबने मेहनत की थी, अब उनका क्या होगा? ये ठीक नहीं है। मैं पार्टी को खत्म नहीं होने दूंगा।"
- रविवार को राहुल-अखिलेश की ज्वांइट प्रेस कॉन्फ्रेंस और रोड शो के बाद मुलायम ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत की थी।
- उन्होंने कहा था, "मैं इस समझौते के खिलाफ हूं। मैं कैम्पेन में भी हिस्सा नहीं लूंगा। मैं कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वो अलायंस के खिलाफ खड़े हों और जनता तक अपनी बात पहुंचाएं।"
- "सपा तो अपने दम पर भी लड़ती तो चुनाव जीत जाती। इस अलायंस की तो जरूरत ही नहीं थी।"
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शिवपाल के बयान पर पॉलिटिकल एक्सपर्ट श्रीधर अग्निहोत्री ने कहा कि इससे
अखिलेश यादव और सपा को नुकसान पहुंचेगा। सपा के वोटर्स में भी गलत संदेश
जाएगा। इससे वोटों का बिखराव हो सकता है। भले ही अखिलेश सीएम हैं और लखनऊ
में पार्टी पर उनकी अच्छी पकड़ नजर आ रही हो, लेकिन शिवपाल यादव भी संगठन
में बहुत अच्छी पकड़ रखते हैं। इस बयान से यह साबित हो गया है कि शिवपाल
अब सपा से हटकर अपना भविष्य तलाश रहे हैं। उनके बयान से BJP-BSP को साफ
तौर से फायदा होगा।